‘गंगा के हानिकारक बैक्टीरिया से 50 गुना ताकतवर है बैक्टीरियोफेज‘
Prayagraj News - महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बैक्टीरियोफेज एक महत्वपूर्ण तत्व है। यह गंगा में हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है और स्वयं को विलुप्त कर लेता है। डॉ. अजय सोनकर ने बताया कि...
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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की सेहत का बैक्टीरियोफेज सुरक्षा कवच है। यह इतना ताकतवर है कि गंगा में स्नान करने वाले को लोगों को हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है। खास बात यह है कि गंगा में लोगों के स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले बैक्टीरिया को मानकर यह स्वत विलुप्त हो जाता है। गंगा की गुणवत्ता पर लगातार शोध कर रहे मोती वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. अजय सोनकर ने बैक्टीरियोफेज की विशेषता पर कहा कि गंगा दुनिया की इकलौती मीठे जल वाली नदी है। बैक्टीरियोफेज गंगा के हानिकारक बैक्टीरिया से 50 गुना छोटा है, लेकिन इसकी ताकत 50 गुना अधिक है। अत्यंत सूक्ष्म आकार का बैक्टीरियोफेज हानिकार बैक्टीरिया का आरएनए (राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल) को बदल देता है। गंगा में रोगाणु बैक्टीरिया से लोगों को बचाने वाला बैक्टीरियोफेज सुरक्षा गार्ड की तरह काम करता है। नीदरलैंड की वेगेनिंगन यूनिवर्सिटी, राइस यूनिवर्सिटी, ह्यूस्टन अमेरिका, टोक्यो इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल संग अलग-अलग शोध करने वाले डॉ. अजय ने कहा कि बैक्टीरियोफेज का चिकित्सा में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पूरी दुनिया में कैंसर, डीएनए-बायोलॉजिकल जेनेटिक कोड, सेल बायोलॉजी एंड ऑटोफैगी पर बड़े महत्वपूर्ण शोध करने वाले प्रयागराज के वैज्ञानिक के कामों को देश के पूर्व राष्ट्रपति ‘मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम भी लोहा मानते थे।
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