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महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहा आठ वर्षीय बालक ‘रजनी देवा

Prayagraj News - महाकुम्भ नगर में बालक रजनी देवा ने स्वच्छता का संदेश देने के लिए घाटों पर सफाई करना शुरू किया। आठ वर्षीय रजनी देवा अपने पिता के साथ मिलकर पिछले ढाई महीने से गंगा-यमुना के त्रिवेणी में श्रद्धालुओं को...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजMon, 24 Feb 2025 10:50 AM
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महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहा आठ वर्षीय बालक ‘रजनी देवा

महाकुम्भ नगर, प्रदीप शर्मा। महाकुम्भ में गंगा-यमुना व अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को बालक रजनी देवा जीवन में स्वच्छता को अंगीकार करने का संदेश दे रहा है। आठ वर्षीय रजनी देवा पिछले ढ़ाई महीने से रोजाना घाटों पर सफाई कर स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहा है। उनके इस मुहिम में पिता रजनीकांत भी साथ निभा रहा है। श्रद्धालु भी रजनी देवा की इस मुहिम की सराहना करते नहीं थम रहे हैं।

मांडा के ललितपुर गांव निवासी रजीनकांत एक निजी फाइनेंस कंपनी में कार्यरत है। रजनीकांत का आठ वर्षीय बेटा रजनी देवा गांव के ही एक स्कूल में प्राइमरी का छात्र है। महाकुम्भ मेला शुरू होने से लगभग एक महीने पहले 13 दिसंबर को रजनी देवा अपने पिता के साथ संगम आया था। यहां चहुंओर गंदगी देख उनके मन में मां गंगा की सफाई करने की इच्छा जाहिर हुई। अपने बेटे की प्रबल इच्छा को देख रजनीकांत ने नैनी में किराया का कमरा लिया। इसके बाद दिसंबर माह से लगातार संगम सहित अन्य घाटों पर रोजना आठ-दस घंटे अपने बेटे के स्वच्छता के मुहिम को सफल बनाने में जुट गया।

नैनी से पैदल मेला तक का सफर

रजनी देवा ने बताया कि मेला शुरू होने से पहले नैनी से अलोपीबाग चुंगी तक शटल बस तक आने की सुविधा मिल जाती थी। इसके लिए पास भी बनाया था। हालांकि मेला शुरू होने से शटल बस व अन्य साधन मिलना मुश्किल हो गया। इसके बावजूद रजनी देवा ने अपने मुहिम के प्रति जुनून नहीं छोड़ा। वह रोजाना अपने पिता के साथ पैदल ही नैनी से संगम तक आता है। इसके बाद घाटों पर छोड़े गए कपड़े व अन्य कचरे की सफाई करता है।

स्वच्छ महाकुम्भ को सफल बनाने की मंशा

शासन स्तर पर दिव्य, भव्य व डिजिटल के साथ ही स्वच्छ महाकुम्भ का मुहिम चलाया गया है। इसके लिए जगह-जगह सफाईकर्मी भी लगाए गए हैं। शासन के इस संदेश को नन्हे बालक रजनी देवा के मन में भी घर कर गया। उसने सरकार के इस मुहिम में खुद भी सहभागिता देने और करोड़ों लोगों को स्वच्छता का संदेश देने की पहल शुरू की। रजनी देवा के पिता रजनीकांत ने बताया कि विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेला में स्वचछता का संदेश देने से बेहतर अवसर नहीं मिल सकता है।

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