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यूपी के इस शहर में पेट्रोलियम भंडार की संभावना, जियोलॉजिकल सर्वे के बाद ओनजीसी ने शुरू की ड्रिलिंग

यूपी में गंगा के कछार में पेट्रोलियम पदार्थ का भंडार मिलने की संभावना बाद ओएनजीसी ने ड्रिलिंग शुरू कर दी है। भू-वैज्ञानिकों ने सेटेलाइट और जियोलॉजिकल सर्वे के बाद ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) ने इसे खोजने के लिए करीब एक अरब का प्रोजेक्ट शुरू किया है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, बलिया, राजेश ओझाThu, 23 Jan 2025 06:22 PM
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यूपी के इस शहर में पेट्रोलियम भंडार की संभावना, जियोलॉजिकल सर्वे के बाद ओनजीसी ने शुरू की ड्रिलिंग

यूपी में गंगा के कछार में पेट्रोलियम पदार्थ का भंडार मिलने की संभावना है। इसे देखते हुए ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) ने खोदाई (ड्रिलिंग) शुरू कर दी है। भू-वैज्ञानिकों ने सेटेलाइट और जियोलॉजिकल सर्वे के बाद ड्रिलिंग का काम शुरू करते हुए करीब एक अरब का प्रोजेक्ट लांच कर दिया है। बलिया में सागरपाली गांव के पास ग्रामसभा वैना (रट्टूचक) में हाईवे किनारे टीम ने ड्रिलिंग शुरू की है। असोम से क्रेन और उपकरण मंगाये गये हैं।

करीब तीन वर्ष तक गंगा की कछार का सर्वे किया गया। पहले चरण में नवीनतम भूकंपीय डाटा रिकॉर्डिंग प्रणाली से 2-डी सर्वेक्षण हुआ। भू-रासायनिक, गुरुत्वाकर्षण चुंबकीय और मैग्नेटो-टेल्यूरिक (एमटी) सर्वे में तेल और प्राकृतिक गैस का भंडार होने की बात सामने आई। ओएनजीसी टीम ने शहर से करीब छह किमी दूर सागरपाली के पास ग्रामसभा वैना (रट्टूचक) में जगह चिह्नित की। प्रदेश सरकार से पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस मिलने के बाद उसने करीब आठ एकड़ जमीन किराये पर ली। चिह्नित स्थान पर ड्रिलिंग शुरू कर दी गई। करीब 3001 मीटर ड्रिलिंग होगी। एक्स-रे (लॉगिंग) से गूढ़ जानकारी जुटाई जाएगी।

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ओएनजीसी के इंस्टालेशन मैनेजर प्रणव ज्योति खावंड के अनुसार सेटेलाइट और जियोलॉजिकल सर्वे में गंगा की कछार में पेट्रोलियम पदार्थ का भंडार होने की संभावना है। ओएनजीसी टीम ने कुंआ (वेल) बनाकर ड्रिलिंग की जा रही है। जमीन में 3001 किमी ड्रिलिंग के बाद एक्स-रे किया जाएगा। प्रोजक्ट पर करीब सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे।

यूपी में गंगा की कछार में पहला प्रोजेक्ट

देश के विभिन्न हिस्सों में ओएनजीसी नदियों की तलहटी में पेट्रोलियम पदार्थों की खोज कर चुका है। प्रदेश में गंगा की कछार में उसका पहला प्रोजेक्ट है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि सागरपाली के पास ग्रामसभा वैना (रट्टूचक) के पेट्रोलियम पदार्थ का भंडार होने की प्रबल संभावना है। कहा कि प्रोजेक्ट सफल होने से न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे बल्कि पूर्वांचल की तस्वीर और तकदीर बदल जाएगी।

प्रोजेक्ट पर सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान

सागरपाली के पास ग्रामसभा वैना (रट्टूचक) में प्रोजक्ट पर करीब सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। कुआं (वेल) बनाकर खोदाई के लिए असोम से क्रेन और अन्य उपकरण मंगाये गये हैं। फिलहाल मौके पर 50-60 लोग कार्यरत हैं। कंपनी ने तीन साल के लीज पर जमीन ली है। किराया करीब डेढ़ लाख रुपये सलाना होगा। अधिकारियों-कर्मचारियों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम किया जाएगा।

बिजली आपूर्ति के लिए लगेगा साढे 12 सौ हॉर्स पावर का जेनरेटर

ओएनजीसी के प्रोजेक्ट के तहत 24 घंटे काम होगा। अफसरों ने बताया कि बिजली आपूर्ति के लिए साढ़े 12 सौ हॉर्स पॉवर का जेनरेटर लगाया जाएगा। वह लगभग 93 किलोवॉट बिजली सप्लाई करेगा। बताया कि उपकरणों के इंस्टालेशन के बाद प्रोडक्शन विभाग अपना काम शुरू करेगा।

चिह्नित स्थान पर बेसपिट (तालाब) की खोदाई शुरू

ओएनजीसी ने उस स्थान पर बेसपिट (तालाब) खोदवाना शुरू कर दिया है जहां पेट्रोलियम पदार्थ होने की संभावना है। इंजीनियरों का कहना है कि ड्रिलिंग के दौरान जमीन से रासायनिक तत्व निकलते हैं। उन्हें बेसपिट में डालकर हार्ड प्लास्टिक से ढंक दिया जाता है। कुछ केमिकल खतरनाक होते हैं। कंटीले तारों की मजबूत घेराबंदी के अंदर प्रोजेक्ट स्थल पर गार्ड 24 घंटे पहरा देते हैं।

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