रुड़की की टीम ने गोमती नदी में जल स्त्रोत की जुटाई जानकारी
Pilibhit News - माधोटांडा गोमती उदगम स्थल पर पहुंची तीन सदस्यीय टीम रुड़की की टीम ने गोमती नदी में जल स्त्रोत की जुटाई जानकारी रुड़की की टीम ने गोमती नदी में जल स्त्रोत
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पूरनपुर/माधोटांडा। हिटी आदि गंगा मां गोमती नदी के उदगम स्थल के सरोवरों के प्राकृति जल स्त्रोत को तलाशने के उद्देश्य से राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की की तीन सदस्यीय टीम दो दिवसीय दौरे पर आई। उनके द्वारा जलस्त्रोत, वाटरलेवल आदि के बारे में जानकारी जुटाई गई। बतादें कि पिछले साल भी भूजल के वैज्ञानिकों ने क्षेत्र में पानी की वास्तविक स्थिति देखी थी।
लखनऊ की शान कही जाने वाली आदि गंगा मां गोमती नदी का उदगम स्थल माधोटांडा में है। यहां से शाहजहांपुर की सीमा तक करीब 47 किमी. का सफर तय करते हुए करीब 960 किमी. प्रवाहित होने के बाद वाराणसी के कैथी के समीप गंगा नदी में विलय होता है। गोमती नदी की अविरल धारा प्रवाहित करने को पिछले काफी समय से लगातार प्रयास होते चले आ रहे हैं। तत्कालीन डीएम अखिलेश मिश्र ने भी धारा को प्रवाहित करने का प्रयास किया। इसके बाद तत्कालीन डीएम पुलकित खरे ने माधोटांडा से शाहजहांपुर की सीमा तक जलधारा को खुदवाने का काम कराया। गोमती के 16 घाटों पर आरती शुरू कराई। प्रशासन के प्रयास से कुछ हद तक सफलता भी मिली लेकिन नदी की धारा पूरी तरह से प्रवाहित नहीं हो सकी। इसकी बजह प्राकृति जल स्त्रोतों का बंद होनी बताई जा रही है। जल स्त्रोतों को खुलवाने के लिए गोमती भक्त लगातार मांग करते चले आ रहे हैं। राष्ट्रीय जल विज्ञान रूड़की की टीम इस साल भी दो दिवसीय दौरे पर उदगम स्थल पर पहुंची। टीम में शामिल वैज्ञानिक राजीव गुप्ता, सत्यप्रकाश ने डीजीपीएस मशीन सिस्टम से नदी की मुख्य झील में प्राकृतिक जल स्त्रोतों, पानी के बहाव, बाटरलेबल आदि के बारे में भी जानकारी की। उन्होंने बताया कि दो दिन तक जांच की गई। रिपोर्ट के बाद अग्रिम प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
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