एक दर्जन गांवों के सैकड़ों लोगों का बढ़ा फेर, उठाई दीवार
Pilibhit News - कलीनगर पुल की आवाजाही बंद होने से सैकड़ों गांवों के लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को अब 2.5 से 3 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना होगा। पुल में दरारें आ गई हैं और सुरक्षा के लिहाज से...

कलीनगर/पूरनपुर। डगा के बाद अब कलीनगर पुल पर आवाजाही रोके जाने के बाद एक दर्जन संबंधित क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के लोगों का फेर बढ़ गया है। यही नहीं एहतियातन यहां पक्की दीवार उठा दी गई है। ताकि टोंकाटाकी के बाद भी नहीं रुक रहे लोगों को सचेत किया जा सके। माधोटांडा से कलीनगर और पीलीभीत जाने वाले ब्रिटिश कालीन पुल में दरारें पड़ जाने से अब इस पुल से भी आवागमन को बंदकर दिया गया है। पुल के दोनों ओर दीवार खड़ी कर दी गई है। इधर पुल में दरार आने से सबसे बड़ी दुश्वारियां सीमांत गावों और तराई के गांव के सामने आ गई है।
मुख्यालय जाने के लिए यही मात्र एक पुल था। ऐसे में यह बंद हो जाने से अब लोगों को ढाई से तीन किलोमीटर का फेर लगाना होगा। पुल कब तक सही हो सकेगा इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। तीन माह पहले खटीमा को जाने वाले हरदोई ब्रांच नहर पर बने पुल में दरार आने से आवाजाही को बंद कर दिया गया था। इससे लोगों को दूसरे पुल से अभी तक डायवर्ट किया गया है। पुल के निर्माण को लेकर शासन में प्रस्ताव भेजा गया है। अब माधोटाडा से कलीनगर और पीलीभीत जाने वाले मार्ग पर पड़ने वाले पुल में भी गुरुवार को दरार पड़ गई। इससे लोगों की चिंता बढ़ गई है। सुरक्षा के लिहाज से रात से जिम्मेदारों ने आवाजाही को बंद कर दिया था। अचानक से पुल से आवाजाही बंद हो जाने से पीलीभीत की ओर से आने वाले लोगों को रात में कलीनगर होते हुए आना पड़ा थाा। पुल से आवाजाही बंद हो जाने से वैसे तो माधोटांडा के साथ ही पूरनपुर और अन्य गावों के लोगों को समस्या तो होने लगी है लेकिन सबसे अधिक समस्या नेपाल सीमा पर स्थित करीब एक दर्जन के ग्रामीणों को अधिक हो रही है। इन लोगों के लिए यही पुल एक ऐसा था जो कि सीधे पीलीभीत का सफर कराता था। इसके अलावा तराई क्षेत्र के भी दर्जनों गांवों के लोगों का भी सीधा संपर्क कट गया। अब लोगों को ढाई से तीन किलोमीटर का फेर कर चित्ररपुर गांव से पहले पड़ने वाले पुल से होकर जाना होगा। ऐसे में जहां उनका समय भी खराब होगा तो रात के समय खतरा भी बना रहेगा। 00 चित्ररपुर गांव के पुल से जाना भी नहीं है खतरें से खाली कलीनगर पुल में दरार आने के बाद अधिकारियों ने गांव चित्ररपुर के पुल से आवाजाही को शुरु किया है। इस पुल से पार होने के बाद लोगों का सफर खतरें से खाली नहीं है। जुलाई माह में हुई बारिश में पुल के आगे बनी पुलिया और सड़क कट गई थी। इसे अभी ठीक नहीं कराया जा सका है। मिट्टी डालकर आवाजाही को शुरु कर दिया गया है। ऐसे में बारिश होने के बाद खतरा और बढ जाता है। अब कलीनगर का पुल ठीक न होने से इसपर अधिक वाहनों का दबाव होगा। ऐसे में सफर खतरें से खाली नहीं है। माना जा रहा है कि आने मानसून सीजन में दिक्कतें हो सकती हैं। 00 रोजाना पुल से गुजरते थे ढाई से तीन हजार लोग कलीनगर पुल से रोजाना पीलीभीतके अलावा अन्य गावों के आने जाने वालों की बात जाए तो पुल से करीब ढाई से तीन हजार लोग गुजरते थे। इसमें कस्बा के ही काफी संख्या में लोग कलीनगर से थाने औरअन्य गांवों को जाते थे। अब उनकी राह भी आसान नहीं रही है। 00 पुल को बनवाने में नहीं दिया जा रहा ध्यान फोटो 13- जावेद सिद्दीकी जावेद सिद्दीकी कहते है कि तीन माह पहले डगा पुल में दरार आ गई थी। अब कली नगर पुल में दरार आ गई है। इस पुल को भी बंद कर दिया गया है। जिससे आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।चार किलोमीटर का चक्कर लगाकर माधोटांडा जाना पड़ रहा है, लेकिन पुल बनने कि या सही करने की कवायद अभी तक नहीं शुरू हुई है। 00 परेशानी को लेकर गंभीर नहीं जिम्मेदार फोटो 14- निर्भय सिंह निर्भय सिंह कहते हैकि तहसील एवं जिला मुख्यालय जाने में लोगों को परेशानी हो रही है। पुलों की मरम्मत या नए पुलों का निर्माण किया जाए। 40 से 50 गांव को तहसील जाने के लिए तीन किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ेगा। 00 लोनिवि और सेतु निगम बनाएगा समन्वय डगा का पुल क्षतिग्रस्त होने के के बाद कलीनगर के पुल को लेकर जताई गई आशंकाओं पर एक्सईएन हेड वर्क्स खंड बरेली वाइफरकेशन आरके शर्मा ने पूरे मामले में लोनिवि का पत्र लिखा था। इसमें लोनिवि के अधिकारियों ने मुआयना कर लिया है। मानकों के अंतर्गत चूंकि पुल पर बनी सड़क का सीधा दायित्व लोनिवि से है। ऐसे में लोनिवि को अवगत कराया गया। पर जब लोनिवि ने इसकों लेकर मुआयना किया तो पाया कि पानी से साठ मीटर ऊपर पुल है। इसे सेतु निगम बनाएगा। सेतु निगम इस पुल का निर्माण कराएगा। -आरके शर्मा, एक्सईएन हेडवर्क्स खंड बरेली।
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