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आठ प्रस्तावों पर सरकार निर्णय नहीं लेती तो होगा आंदोलन: राकेश टिकैत

Muzaffar-nagar News - आठ प्रस्तावों पर सरकार निर्णय नहीं लेती तो होगा आंदोलन: राकेश टिकैत

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फर नगरMon, 17 Feb 2025 07:37 PM
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आठ प्रस्तावों पर सरकार निर्णय नहीं लेती तो होगा आंदोलन: राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अन्नदाता तो है लेकिन वर्तमान स्थिति में वह अपने वजूद को तलाश रहा है। एनडीए सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया है लेकिन देश के किसान मजदूर व आदिवासी को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। लगातार किसानों की अनदेखी की जा रही है। आज तक एमएसपी गारंटी कानून को लागू नहीं किया गया। उप्र में गन्ना पेराई सत्र समाप्ति की ओर है लेकिन अभी तक गन्ना मूल्य घोषित नहीं हुआ। भाकियू की महापंचायत में प्रधानमंत्री को संबोधित आठ सूत्रीय प्रस्ताव एडीएम प्रशासन को सौंपकर 500 रुपये कुंतल गन्ना मूल्य, किसानों की ऋण माफी, एमएसपी गारंटी कानून/सी2 50), एनजीटी व जीएसटी मुक्त खेती, बिजली का निजीकरण पर रोक व जेनेटिकली मोडिफाईड (जीएम) बीज) पर रोक लगाने की मांग की गई। साथ ही आठ सूत्रीय प्रस्ताव को लेकर सही निर्णय नहीं लेने पर सरकार के विरोध में दस जगहों पर पंचायतें करने का भी ऐलान किया गया।

भाकियू के बैनर तले नवीन मंडी में सोमवार की मध्यान्ह 11 बजे से किसान मजदूर महापंचायत बुलाई गई थी। महापंचायत में हजारों की संख्या में जनपद के अलावा शामली, बागपत, बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर व मेरठ, गाजियाबाद जिले के हजारों किसान शामिल हुए। दोपहर तीन बजे मंच पर पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का रवैया किसानों के हित में सही नहीं है। किसानों को झूठे मुकदमों में फंसाकर दबाने का काम किया जा रहा है। फसलों के उचित दाम नहीं दिए जा रहे हैं। किसानों को कर्ज दिया जा रहा है। क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन के नाम पर किसानों को कर्ज बंद कर जमीन हड़पने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा की किसान अपने हक अधिकारों के लिए आंदोलन सहारा लेता है लेकिन फर्जी मुकदमें लगाकर आंदोलनों दबाने का काम सरकार और प्रशासन कि तरफ से किया जा रहा है। राकेश टिकैत ने सरकार को गन्ना मूल्य, एमएसपी पर जमकर घेरते हुए कहा कि महापंचायत में हुए किसानों के प्रस्तावों को अगर सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया तो जल्द आंदोलन किया जाएगा।महापंचायत की अध्यक्षता सरदार जोगिंदर सिंह एवं संचालन धीरज लाटियान एवं भाकियू के पूर्व जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने किया।

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अब अगली पंचायत 23 फरवरी को लोनी में

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के खिलाफ दस पंचायतें होंगी। अब 23 फरवरी को लोनी गाजियाबाद में, 24 को शाहजहांपुर व पीलीभीत में, 27 को अंबेडकर नगर में एवं 28 फरवरी को मिर्जापुर में पंचायत रहेगी। इन पंचायतों के बाद अन्य पंचायतों के लिए जगह तय की जाएगी।

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रोजाना किसानों की ट्यूबवेलों पर हो रही चोरी

मुजफ्फरनगर पुलिस पर आरोप लगाते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि हर रोज किसानों की ट्यूबवेलों पर चोरी हो रही है, लेकिन पुलिस मुकदमा तक दर्ज नहीं करती। शाहपुर पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा की सरकार किसानों को तोड़ने का काम कर रही है।

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बिजनौर पुलिस किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस ले

बिजनौर पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि धरना प्रदर्शन के दौरान किसानों पर मुकदमें किये गए हैं। अगर आंदोलन करने से मुकदमें होते है, तो आंदोलन से ही मुकदमें खत्म होंगे। यदि पुलिस प्रशासन ने मुकदमा वापस नहीं लिया तो आंदोलन करेंगे।

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किसानों के लिए अस्तित्व बचाना चुनौती: नरेश टिकैत

भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने अपने सम्बोधन में कहा कि किसानों को अपना अस्तित्व बचाना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। अस्तित्व बचाना है, तो जमीन बचानी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार से किसानों को बहुत उम्मीद थी, लेकिन किसानों को हताशा ही हाथ लगी है। दस साल पहले प्रधानमंत्री ने किसानों से 450 रूपये गन्ने के भाव का वादा किया था लेकिन दाम में बढ़ोतरी नहीं की गई। यदि सरकार की तरफ से महापंचायत के प्रस्तावों पर अमल नहीं किया गया तो संयुक्त किसान मोर्चा के साथ मिलकर देशभर में किसान जन जागृति अभियान चलाने का काम किया जाएगा।

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महापंचायत में ये प्रमुख लोग रहे शामिल

किसान महापंचायत में चौधरी सोमेंद्र बत्तीसा खाप, चौधरी सतवीर सिंह बुढ़ियान खाप, चौधरी श्याम सिंह थामा बहावड़ी गठवाल, सौदान सिंह, भाकियू जिलाध्यक्ष नवीन राठी, नगर पंचायत पुरकाजी के चेयरमैन जहीर फारूकी, ओमपाल मलिक, शक्ति सिंह आदि मौजूद रहे।

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सैकड़ों ट्रैक्टर ट्राली से महापंचायत में पहुंचे थे किसान

नवीन मंडी स्थल पर आयोजित भाकियू की महापंचायत में मुजफ्फरनगर जनपद के हरेक गांव के अलावा आसपास के जिलों से हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्राली में सवार होकर पहुंच थे। इस दौरान मंडी से लेकर सड़क किनारे ट्रैक्टर-ट्रालियों की लंबी लाइनें लग गई।

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महापंचायत से पहले भंडारे का आयोजन

नवीन मंडी स्थल पर महापंचायत में पहुंचने वाले किसानों के लिए भोजन के रूप में भंडारे का आयोजन किया गया था। भंडारे में भाकियू जिलाध्यक्ष नवीन राठी के नेतृत्व में यूनियन के वांलीटियर्स ने बाहर से आने वाले किसानों को भोजन कराया। यहां तक कि खुद राकेश टिकैत किसानों के बीच में जाकर एक-दूसरे से हालचाल लेते हुए नजर आए। नरेश टिकैत भी कई घंटों तक किसानों के बीच में बैठे रहे।

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ये हैं भाकियू के आठ सूत्रीय प्रस्ताव

1. उप्र में गन्ना पेराई सत्र समाप्ति की ओर है लेकिन अभी तक भाव घोषित नहीं हुआ। पूर्व के समय में सत्र शुरू होने से पहले सरकारों के द्वारा भाव घोषित किया जाता था। सरकार द्वारा जल्द 500 रुपये प्रति कुन्तल गन्ना मूल्य घोषित हो और मिलों पर बकाया भुगतान को अविलम्ब कराया जाए।

2.देश का सबसे अहम वर्ग कर्ज का बोझ झेल रहा है,किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। यह पंचायत देश के किसान का सम्पूर्ण ऋणमाफ करने की मांग करती है।

3.देश के किसान ने वर्षों से एमएसपी को गारंटी कानून की मांग करती आ रही है। हर फसली किसान को इसकी आवश्यकता भी है। एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की मांग की गई थी। एमएसपी गारंटी कानून के साथ सी2 50 के फार्मूले को किसान हित में लागू करें।

4. किसान जो भी यंत्र अपने कृषि कार्यों में उपयोग कर रहा है वह एनजीटी कानून के दायरे से बाहर किया जाए। साथ ही खेती में उपयोग होने वाली सभी वस्तुएं, पदार्थ, बीज व यंत्र जीएसटी मुक्त किए जाए।

5. सरकार द्वारा विद्युत का निजीकरण न हो। इससे आमजनजीवन प्रभावित हो जाएगा। इस तरह की व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से बन्द किया जाए।

6.जेनेटिकली मोडिफाईड (जीएम) बीज देश में सरकार जीएम बीजों को लाने का कार्य कर रही है जो मानव जीवन, पर्यावरण व खेती के लिए बेहद खतरनाक है। पूर्व में बीटी कॉटन/एचटी भीटी कॉटन का दहा देश आज तक झेल रहा है। भारतीय किसान यूनियन इस प्रकार के किसी भी ट्रायल को देशभर में नहीं होने देगा।

7. देशभर में राष्ट्रीय राजमागों व संस्थाओं के निर्माण के लिए किसानों की जमीने अधिग्रहीत की जा रही है। किसी भी भूमि का उचित मुआवजा किसानों को नहीं दिया जा रहा है। जबकि किसान आन्दोलन कर रहे हैं। सरकार एलएआरआर अधिनियम 2013 को लागू करने का कार्य करें।

8. केन्द्र सरकार हाल ही के समय में नेशनल पॉलिसी फेम वर्क ऑन एग्रीकल्चर मार्केटिंग का नया कृषि मसौदा नीति लेकर आयी है। यह राज्य व किसानों के अधिकारों पर प्रहार है। इसे तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।

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