आठ साल बाद रोडवेज में 160 मृतक आश्रितों को जगी नौकरी की आस
Moradabad News - उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में मृतक आश्रितों को नौकरी मिलने की उम्मीद बंधी है। शासन की कैबिनेट ने रोडवेज के मृतक आश्रितों को नौकरी देने के फैसले पर मुहर लगाई है। मुरादाबाद रीजन में 160 परिवारों को नौकरी...

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में मृतक आश्रितों को नौकरी मिलने की उम्मीद बंधी है। शासन की कैबिनेट ने रोडवेज के मृतकाश्रितों को नौकरी देने के फैसले पर मुहर लगाई है। इस फैसले के बाद मुरादाबाद रीजन में 160 परिवारों को नौकरी पाएंगे। उनकी नौकरी की मांग पिछले आठ नौ साल से लंबित है। अब नए निर्णय के बाद परिवहन मुख्यालय रोडवेज के अधिकारियों से मृतकाश्रित केसों की सूची मांगेगा। माना जा रहा है कि सरकार के नए निर्णय के बाद नौकरी की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। यूपी रोडवेज में रोड एक्सीडेंट या बीमारी व अन्य कारणों से निधन हो गया। परिवार में कर्मचारी की जगह अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के लिए आश्रितों को राह कठिन है। रोडवेज कर्मचारी संगठनों ने भी लगातार मुद्दा स्थानीय रोडवेज अधिकारियों के अलावा मुख्यालय के प्लेटफार्म पर रखा।
लंबे समय से मृतकाश्रितों को नौकरी देने का मामले की शासन में अब सुनवाई हुई है। दो दिन पहले कैबिनेट बैठक में परिवहन निगम में मृतकाश्रितों की भर्ती करने का रास्ता साफ हो गया। इसमें प्रदेश भर के 11सौ से अधिक मृतकाश्रित हैं। मुरादाबाद में यह आंकड़ा 160 मृतकाश्रितों का है।
रोडवेज की आरएम ममता सिंह का कहना है कि मृतकाश्रितों के नियुक्ति के संबंध में अभी मुख्यालय से कोई आदेश नहीं मिले हैं।
उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के क्षेत्रीय मंत्री अरुण कुमार सिंह का कहना है कि सरकार के इस फैसले से परिवहन निगम में मृतकाश्रितों को नियुक्ति की राह आसान हुई है। मृतकाश्रितों की वर्ष 2018 से नियमित नियुक्ति पर रोक थी। इस फैसले से मुरादाबाद जिले में अस्सी कर्मचारियों को नियमित चालक व परिचालक के पद पर नियुक्ति की राह सुलभ होगी।
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