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बोले मुरादाबाद : जीएसटी और निगम की कार्रवाई से कपड़ों की चमक हो रही फीकी

Moradabad News - जिले के कपड़ा व्यापारियों को जीएसटी के मनमाने नोटिस और ऑनलाइन बाजार से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। काम में मंदी के कारण कर्मचारियों की पगार निकालना भी मुश्किल हो गया है। नगर निगम की ओर से...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुरादाबादThu, 13 March 2025 06:57 PM
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बोले मुरादाबाद : जीएसटी और निगम की कार्रवाई से कपड़ों की चमक हो रही फीकी

जिले के कपड़ा व्यापारी सरकार को खासा राजस्व देते हैं लेकिन इनकी समस्याएं अनसुनी रह जाती हैं। जीएसटी के मनमाने नोटिस और निगम की मार ने काम में मंदी ला दी है। ऊपर से ई-कॉमर्स व ऑनलाइन बाजार से स्थानीय व्यापारी पहले से ही परेशान हैं। इससे कर्मचारियों की पगार निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं नगर निगम की ओर से सुविधाएं तो दी नहीं जा रही हैं, लेकिन व्यापारियों का उत्पीड़न पूरा किया जा रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले व्यापारी अपनी समस्याओं की ओर प्रशासन का ध्यान चाहते हैं। जिले में प्रमुख कपड़ा बाजार की बात होती है तो उसमें सबसे पहले बुध बाजार स्थित कुंवर सिनेमा कांप्लेक्स बाजार का नाम सबसे पहले आता है। जिले भर में तकरीबन 5000 से अधिक कपड़ा व्यापारी हैं। कुंवर सिनेमा कांप्लेक्स में ही 200 से अधिक दुकानें हैं। लेकिन सभी का काम मंदा हो चुका है। बीते कुछ वर्षों से सारे व्यापारियों का हाल एक समान है। जिस बाजार में सुबह दुकान का शटर खुलने से पहले ही खरीदारों का तांता लगे रहता था। अब उसी बाजार में खरीदारों की संख्या सिमटती चली जा रही है।

लाखों रुपयों का माल दुकानों में लिए बैठे व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। काम इतना मंदा चल रहा है कि कर्मचारियों की पगार निकालना भी मुश्किल हो गया है। बिक्री न होने के कारण व्यापारी, दुकान पर कार्यरत कर्मचारियों की छटनी करने को भी मजबूर हैं। जिला होलसेल कपड़ा कमेटी के जिला महामंत्री सुरजीत सिंह डोडा ने बताया काम प्रभावित होने के प्रमुख कारणों में से एक है, तहसीलों में बनी छोटी बाजार। इन बाजारों में बगैर बिल के सस्ते दामों पर कपड़े की बिक्री की जाती है। जिसके कारण खरीदारों ने बाजार में आना कम कर दिया है। साथ ही ई-कॉमर्स और ऑनलाइन मार्केट से भी काम बेहद प्रभावित हो रहा है। ऑनलाइन सेल देखकर खरीदारी करने वाले उपभोक्ताओं ने बाजार से दूरी बना ली है। इसके अलावा यातायात पुलिस की चेकिंग से भी खरीदारों ने बाजार में आना कम कर दिया है। चंद रुपये बचाने के प्रयास में खरीदार बाजार में खरीदी करने आते हैं, जिसके बाद वे सामान बाइक या कार के माध्यम से लेकर जाते हैं। जिसपर पुलिस द्वारा उनका चालान कर दिया जाता है।

जीएसटी की मार से व्यापारी परेशान हैं। जीएसटी विभाग, व्यापारियों को मनमाने नोटिस भेजकर उनका उत्पीड़न कर रहा है। जो व्यापारी जानकार हैं वे तो विभाग के नोटिस का जवाब दे देते हैं, और कुछ व्यापारी जानकारी के अभाव में विभाग के नोटिस से घबरा जाते हैं। ऊपर से नगर निगम ने भी व्यापारियों को परेशान करने की कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब चाहें किराया बढ़ोतरी का मामला हो या फिर कर वसूली का। हर तरीके से निगम द्वारा व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रवीण धमीजा ने बताया निगम की ओर से कर वसूली को लेकर सबसे ज्यादा परेशान किया जाता है। पानी की सप्लाई और सीवर की लाइन न होने के बावजूद इनका टैक्स वसूला जा रहा है। साथ ही बाजार में साफ-सफाई के लिए निगम का सफाईकर्मी नहीं आता है। व्यापारियों ने निजी स्तर पर सफाईकर्मी को नियुक्त किया है। इसके अलावा बाजार में स्ट्रीट लाइट भी नहीं है। जिसके कारण व्यापारियों को सुरक्षा की दृष्टि से खतरा बना रहता है। हालांकि व्यापारियों ने लाइटें भी निजी स्तर पर लगवाई हैं। ऊपर से बाजार में सबसे ज्यादा खरीदारी के लिए महिलाएं आती हैं। उनके लिए कहीं भी शौचालय की व्यवस्था नहीं है।

महिलाओं के लिए बाजार में नहीं है शौचालय

मुरादाबाद। सामान्य तौर पर खरीदारी के लिए बाजार में सबसे ज्यादा महिलाएं ही जाती है। लेकिन उनके लिए बाजार में कोई सुविधाएं नहीं हैं। नरेश कुमार ने बताया कांप्लेक्स में 200 से अधिक दुकानें हैं, खरीदारी करने वालों में अधिक संख्या महिलाओं की होती है। बावजूद उसके कोई शौचालय नहीं है। वहीं पुरुषों के लिए भी शौचालय बना हुआ था, जिसे तोड़कर छोटा कर दिया गया है। नगर निगम की ओर से पेयजल व्यवस्था नहीं है।

बाजार से की शॉपिंग, रास्ते में कट गया चालान

मुरादाबाद। हर कोई बड़ी बाजार से खरीदारी इसीलिए करता है, ताकि कम दाम में अच्छा माल मिल जाए। जिले के कई खरीदार कुंवर सिनेमा कांप्लेक्स में खरीदारी करने आते हैं। उनके लिए यातायात पुलिस की कार्रवाई मुसीबत बन गई है। आशीष मिगलानी ने बताया कि कस्बे से खरीदार बाजार में आते थे। वापस जाते वक्त यातायात पुलिस की चेकिंग के दौरान उनका चालान हो जाता है। जिससे उन्होंने बाजार में आना कम कर दिया है।

रेडीमेड कपड़ों की ओर बढ़ा लोगों का रुझान

मुरादाबाद। टाउनहॉल पर करीब चालीस वर्षों से एक टेबल पर सिलाई मशीन के साथ बैठ रहे राजू काम मंदा होने के कारण काफी परेशान हैं। कई दिनों तक कई उपभोक्ता नहीं आने के कारण राजू पर आर्थिक तंगी का साया भी मंडरा रहा है। राजू ने बताया लंबे समय से कपड़ा सिलाई का काम करते आ रहे हैं। लेकिन अब काम में पहले वाली बात नहीं रही। कई दिनों तक कोई कपड़ा सिलवाने के लिए नहीं आते। इससे काफी दिक्कतें बड़ गई हैं। कुछ साथियों ने तो टेलर का काम छोड़कर फर्म में काम करना शुरू कर दिया है।

कच्चे बिल पर सस्ते दाम में बेचा जा रहा है माल

मुरादाबाद। कपड़ा व्यापारियों का काम प्रभावित होने का प्रमुख कारणों में से एक है तहसीलों की बाजार। धरमपाल रहेजा ने बताया पाकबड़ा के कासिमपुर, भोजपुर, बिलारी और कैलसा में कपड़ा बाजार बनती जा रही हैं। इन बाजारों में व्यापारी सस्ते दामों पर माल बेच रहे हैं। कच्चा बिल देने के कारण व्यापारी सस्ते दामों पर माल बेचते हैं। जिस वजह से खरीदारों ने इन बाजारों से खरीदी करना शुरू कर दिया है। इन बाजारों में कच्चे बिल पर माल बेचे जाने से व्यापारियों द्वारा जीएसटी की चोरी की जार ही है।

काम में मंदी, कर्मचारियों को पगार देना भी चुनौती

मुरादाबाद। बाजार में खरीदारों की संख्या कम होने के कारण काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। जिलेभर में पांच हजार से अधिक कपड़ा व्यापारियों की दुकानें हैं। लगभग हर दुकान पर 2-4 कर्मचारी कार्यरत हैं। आशु खन्ना ने बताया कोरोना महामारी से अधिक असर ऑनलाइन मार्केट से पड़ा है। इससे खरीदारों ने बाजारों में आना कम कर दिया है। जिससे बिक्री भी कम होती जा रही है।

सुझाव एवं शिकायतें

1. तहसील के बाजारों में जीएसटी की चेकिंग होनी चाहिए।

2. खरीदारी के लिए महिलाएं आती हैं, उनके लिए बाजार में शौचालय की बनने चाहिए।

3. पुलिस की ओर से चेकिंग के दौरान छोटे व्यापारियों को राहत देनी चाहिए।

4. साफ-सफाई के लिए निगम की ओर से व्यवस्था होनी चाहिए।

5. व्यापारियों को टैक्स में छूट दी चाहिए। जीएसटी विभाग की ओर से व्यापारियों को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं करना चाहिए।

6. बाजार में पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे खरीदारों को आसानी रहेगी

7. प्रकाश के लिए बाजार में स्ट्रीट लाइटें की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे सुरक्षा बढ़ेगी।

1. चेकिंग के दौरान वाहनों का चालान काट दिया जाता है जिससे खरीदारों ने बाजार में आना बंद कर दिया।

2. ऑनलाइन शॉपिंग से बाजार में ग्राहकों की आवाजाही कम हो गई। इससे काम कम हुआ है।

3. तहसीलों में थोक मार्केट बन गई हैं। इससे छोटे दुकानदारों की परेशानी बढ़ी है।

4. तहसील स्थित बाजारों में कच्चे बिल पर सस्ते दाम पर माल बेचा जा रहा है।

5. पेयजल की व्यवस्था नहीं है। स्ट्रीट लाइटें नहीं होने से अंधेरा रहता है।

6. सीवर और वाटर की सुविधा न होने के बाद भी टैक्स वसूला जाता है

7. कर्मचारियों की पगार निकालना मुश्किल हो रहा।

हमारी सुनें

बाजार में पहले पुरुष शौचालय व्यापारियों ने तैयार कराया था, जिसे तोड़कर छोटा कर दिया गया है। शौचालय में कर्मचारी सफाई भी नहीं करते हैं।

-अशोक धमीजा

तहसीलों में बाजार बनने लगी हैं। कच्चे बिल पर माल बेचा जा रहा है। जीएसटी की चोरी हो रही है। व्यापारियों का काम प्रभावित हो रहा है। -सुरजीत सिंह डोडा, जिला महामंत्री, मुरादाबाद होलसेल कपड़ा कमेटी

महिलाओं के लिए बाजार में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। नगर निगम को उनके लिए कोई व्यवस्था करनी चाहिए। इससे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

-धरमपाल रहेजा

बाजार में प्रकाश के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। पूरी बाजार में एक भी भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। जिसके कारण पूरी बाजार में अंधेरा रहता है।

-शगन लाल जैन

नगर निगम की ओर से बाजार में एक भी वाटर कूलर नहीं लगाया गया है। व्यापारियों के अलावा बाजार में खरीदार भी आते हैं, उन्हें भी भटकना पड़ता है। -सोनू बाठला

व्यापारियों से सीवर और वाटर टैक्स वसूला जाता है। लेकिन किसी के पास भी इसका कनेक्शन तक नहीं है। इसपर निगम को ध्यान देना चाहिए।

-अभिषेक धमीजा

व्यापारियों से सीवर और वाटर टैक्स वसूला जाता है। लेकिन किसी के पास भी इसका कनेक्शन तक नहीं है। इसपर निगम को ध्यान देना चाहिए।

-अभिषेक धमीजा

यातायात पुलिस की चेकिंग कार्रवाई के कारण खरीदारों ने बाजार में आना बंद कर दिया है। जिसके कारण काम बेहद प्रभावित हुआ है।

-अंकुर गोयल

बाजार में जाम के कारण ई-कॉमर्स से ऑनलाइन कपड़े की खरीदारी होने लगी है। इससे स्थानीय व्यापारियों का कारोबार प्रभावित हुआ है और बिक्री घटी है।

-अनिल छाबड़ा

हर कोई रेडीमेड कपड़े लेना पसंद कर रहा है। जिसके कारण कपड़े सिलाने वालों की संख्या कम हो गई है। पूरे दिन खाली बैठने को मजबूर हैं।

-राजू टेलर

नया ट्रैंड व मौसम के साथ कपड़े का फैशन बदलता रहता है। इससे हमारा बड़ा स्टॉक फंस जाता है। फिर बचे स्टॉक को सेल लगाकर बेचना पड़ता है।

-कमलवीर

साफ-सफाई के लिए नगर निगम की ओर से कोई कर्मचारी तैनात नहीं किया गया है। व्यापारियों ने निजी स्तर पर कर्मचारी को नियुक्त किया है।

-श्याम चावला

व्यापारी सरकार को टैक्स के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी देते हैं। व्यापारियों को दुकानदारी के साथ सब काम देखना पड़ता है। अच्छा व्यवहार करना चाहिए। -राधेश्याम

पार्किंग न होना बाजार की सबसे बड़ी समस्या है। खरीदार वाहन से आते हैं तो पार्क करने के लिए स्थान न है। वेसड़क पर ही वाहन छोड़ते हैं।

-आशीष मिगलानी

नगर निगम की ओर से लगातार व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। किराया बढ़ोतरी से काफी व्यापारी परेशान हैं। -गिरीश भंडूला, जिलाध्यक्ष मुरादाबाद होलसेल कपड़ा कमेटी

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