बोले मेरठ : कैंट का इलाका, गांव से भी बदतर हालात
Meerut News - छावनी परिषद क्षेत्र के वार्ड आठ में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। यहां न तो सीवर लाइन है और न ही नालियों की सही निकासी। लोग गंदगी में जीने को मजबूर हैं और जलभराव से समस्याएं बढ़ रही हैं। सरकारी...
छावनी परिषद क्षेत्र में वार्ड आठ, बुनियादी सुविधाओं को तरस रहा है। यहां न तो सीवर लाइन है और न ही नालियों की निकासी सुचारू है। हालात यह हैं कि यहां रहने वाले लोग गंदगी में जीवन जीने को मजबूर हैं। आए दिन नाले ओवरफ्लो हो जाते हैं और नालों को गंदा पानी घरों में घुस जाता है। ऐसे हालात में जीने को मजबूर यहां के लोग अपने दिन बदलने की बाट जोह रहे हैं। छावनी परिषद एक स्थानीय निकाय है जो क्षेत्र में रहने वाली जनता को सामाजिक कल्याण, स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और जलापूर्ति जैसी सुविधाएं प्रदान करता है। छावनी क्षेत्र के वार्ड आठ में करीब पांच क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें बंगला एरिया, जुबलीगंज, करईगंज, लेखा नगर और रेलवे स्टेशन आते हैं। इन सभी इलाकों में कुल मिलाकर करीब 20 हजार की आबादी निवास करती है। 2015 में छावनी परिषद के अंतर्गत आने वाले आठ वार्डों में चुनाव हुए थे। लोगों ने अपने प्रतिनिधियों को चुना था। इसके बाद से आज तक चुनाव नहीं हुए और अब लोगों की समस्याओं को देखने मात्र कोई नहीं है। जुबलीगंज और करईगंज इलाकों के हालात बद से बदतर हो गए हैं। छावनी क्षेत्र के वार्ड आठ में मौजूद जुबलीगंज और करईगंज में अच्छी आबादी में जनता रहती है। इस क्षेत्र के लोगों की मानें तो यहां साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं भी लोगों से कोसों दूर हैं। यहां रहने वाले राजेश यादव, दिनेश कुमार और राकेश पाराशर का कहना है कि पूरे क्षेत्र में हालात बदतर हो गए हैं। कोई देखने वाला नहीं है, गली-मोहल्ले गंदगी से भरे पड़े हैं और नालियां टूटी हैं। कई जगह तो नालियां ही नहीं हैं। बरसात हो जाए तो पूरे इलाके में जलभराव हो जाता है। शौच की बड़ी समस्या है, जिसके लिए लोगों को रोजाना जूझना पड़ता है।
फुटबॉल ग्राउंड बन जाता है तालाब
वार्ड आठ में मौजूद करई गंज क्षेत्र में फुटबॉल ग्राउंड के आसपास झुग्गियों में रहने वाले लोगों की कहानी बहुत दयनीय है। यहां रहने वाले जावेद, रईस खान और सनी कोरी का कहना है यह फुटबॉल ग्राउंड बरसात के मौसम में तालाब बन जाता है। कई बार तो इस ग्राउंड के बीच से गुजर रहा नाला चोक होने के कारण जलभराव का कारण बनता है। इसके बाद गंदगी इतनी होती है कि लोगों का जीना मुहाल हो जाता है। इस नाले की साफ सफाई सुचारू रूप से हो तो लोगों को काफी राहत मिलेगी।
निकलते हैं सांप
यहां रहने वाले पंकज कुमार, नसीम कुरैशी और फरजाना का कहना है कि नाला चोक होने से पूरी गंदगी लोगों के घरों में भर जाती है। मैदान में होने वाले जलभराव और गंदगी से सांप, कीड़े-मकौड़े पैदा हो जाते हैं। कई बार तो गंदगी के बीच से निकलकर सांप घरों में घुस जाते हैं। गंदे पानी भरने के कारण संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। खुला नाला हादसों को दावत देता है, जिसमें बच्चों के गिरने का डर लगा रहता है।
एक शौचालय और सैकड़ों लोग
वार्ड आठ निवासी बबली पासवान, कंचन और काजल गुप्ता का कहना है यहां सैकड़ों लोग रहते हैं, जिनके लिए सरकारी शौचालय बनाया गया है। इसमें भी कुछ शौचालय बंद पड़े हैं, जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोग अपने घरों में शौचालय बना नहीं सकते। सुबह के समय शौचालय की हालत बहुत खराब रहती है, लोग इंतजार करते रहते हैं। जनसंख्या के हिसाब से शौचालय की व्यवस्था एकदम खराब है। लोगों को घरों में शौचालय बनाने की परमिशन मिल जाए तो बहुत कुछ बेहतर हो जाएगा।
नालियों की व्यवस्था एकदम खराब
यहां वार्ड में रहने वाले लोगों का कहना है नालियों की व्यवस्था बहुत खराब है। कई जगह नालियां हैं नहीं और जहां हैं वहां टूटी पड़ी हैं। कुछ इलाकों में नालियों के गंदे पानी की निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। गंदा पानी वापस आकर उनके घरों में भर जाता है। नाले आगे से चोक हैं और पूरे इलाके में सीवर नहीं हैं। अगर सीवर लाइन होती तो नालियों का पानी उनमें चला जाता, लेकिन नालों तक भी गंदे पानी की निकासी सही नहीं है। लोगों का कहना है कि नालियां बनाई जाएं, ताकि लोगों को परेशानियों से निजात मिल सके।
सफाई वाले नहीं आते
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यहां नालियों और घरों के कूड़े की सफाई के लिए कोई नहीं आता। नालियों के अंदर गंदगी भरी रहती है, जिसकी सफाई के लिए प्राइवेट लोगों को पैसे देकर सफाई कराई जाती है। ऐसा ही हाल शौचालयों का है, वहां खुद लोगों को सफाई करनी पड़ती है। गंदगी का अंबार लगा रहता है, कोई कूड़ा उठाने नहीं आता। लोगों का कहना है जब हमारे सभी आईडी हैं और वोट भी करते हैं तो बुनियादी सुविधाएं क्यों नहीं मिलती।
जनता की बात सुनने वाला कोई नहीं
वार्ड के लोगों का कहना है कि छावनी परिषद में केवल मनोनीत सदस्य सतीश शर्मा ही हैं, जो सभी वार्डों की समस्याओं को रखते हैं। हालात यह हैं कि अब वार्ड आठ के हालात बदतर होते जा रहे हैं। यहां मौजूद पार्कों की स्थिति एकदम खराब है, जहां गंदगी के अलावा कुछ नहीं। लोग अपनी समस्याओं को जनप्रतिनिधि नहीं होने के कारण बता नहीं पाते। अब यहां की जनता अपनी समस्याओं से निजात चाहती है।
आवारा पशुओं की भरमार
वार्ड आठ में आवारा पशुओं से लोग परेशान हैं। इलाके में आवारा पशुओं का जमावड़ा दिखता है। कूड़े के ढेर के साथ इलाके में खाली जगह में आवारा पशु बैठे नजर आते हैं। इसके साथ इलाके में कुत्ते और बंदरों से जनता त्रस्त हैं। वार्ड आठ से निकला कूड़ा पास में वार्ड तीन में एक जगह पर डाला जाता है। जहां कुछ ही कदम पर मंदिर भी है।
वाटर हार्वेस्टिंग हो तो बने बात
यहां के लोगों का कहना है फुटबॉल ग्राउंड में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि बरसात में जलभराव का निदान हो सके। कई दिनों तक पानी भरा रहता है। कई बार नाले चोक होने की वजह से ओवरफ्लो हो जाते हैं और इनका पानी भी पार्क में भर जाता है। इससे आसपास के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मच्छर, मक्खी और कीड़े-मकौड़े पैदा हो जाते हैं। इससे संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना रहता है।
लोगों की व्यथा
फुटबॉल ग्राउंड के बीच से नाला निकल रहा है, जो कभी भी चोक होकर ओवरफ्लो हो जाता है और मैदान में जलभराव हो जाता है।
- राजेश यादव
ग्राउंड के आसपास रहने वाले लोग गंदगी से जूझते रहते हैं। जलभराव की समस्या तो आए दिन होती है, गंदगी का अंबार लग जाता है।
- दिनेश कुमार
यहां नालियां पूरी तरह गंदगी से अटी रहती हैं, सफाई कोई करने नहीं आता, ना ही नालियां पूरी तरह बनी हुई हैं, जिससे परेशानी होती है।
- राकेश पाराशर
नालियों की व्यवस्था सबसे खराब है, इनमें बहने वाला गंदा पानी लोगों के घरों में वापस आ जाता है, जिससे लोग बीमार होते रहते हैं।
- जावेद अहमद
गंदगी और जलभराव के कारण इलाके में कीड़े-मकौड़े और सांप तक आ जाते हैं, मच्छरों की तादाद भी बढ़ जाती है जो रातभर सोने नहीं देते।
- रईस खान
सफाई करने वालों की बड़ी समस्या है, खुद ही लोगों को नालियों की सफाई करनी पड़ती है, इसके बाद गंदगी को कोई उठाने नहीं आता।
- सनी कोरी
खुले पशु पूरे क्षेत्र में गंदगी करते रहते हैं, जहां भी कूड़ा करकट होता है वहीं पशु भी जमा हो जाते हैं, सड़कों और खाली जगहों पर जमावड़ा रहता है।
- पंकज कुमार
कई सौ लोग इलाके में रहते हैं, उनके लिए बनाया गया एक ही सरकारी शौचालय है, उसमें भी व्यवस्था पूरी तरह सही नहीं है।
- नसीम कुरैशी
यहां सरकारी शौचालय की हालत बहुत खराब है, सुबह लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है, साफ-सफाई की व्यवस्था कुछ भी नहीं है।
- फरजाना
हम भी तो इंसान हैं और वोट भी देते हैं, फिर भी हमारी जगहों को झुग्गियां बताकर कोई काम नहीं किया जाता, गंदगी से जूझते रहते हैं।
- बबली पासवान
नालियों को ठीक कराया जाना चाहिए, आए दिन जलभराव होता रहता है, लोगों के घरों में पानी भर जाता है, जिससे लोग बीमार होते रहते हैं।
- कंचन पासवान
गंदगी का तो यहां बुरा हाल है, जहां देखो गंदगी नजर आएगी, टूटी हुई नालियों का सुधार नहीं होता, गंदगी और बदबू के बीच जीने को मजबूर हैं।
- काजल गुप्ता
पार्कों की व्यवस्था भी पूरे क्षेत्र में सही नहीं है, साफ सफाई नहीं होने के कारण गंदगी भरी रहती है, नियमित सफाई होने से ही कुछ सुधार होगा।
- आफताब अहमद
समस्या
- गली मोहल्लों में शौचालयों की व्यवस्था खराब है
- इलाके में नालियां पूरी तरह टूटी पड़ी हैं
- गंदगी उठाने वाला कोई नहीं आता
- खुले पशुओं के कारण गंदगी और भी बढ़ जाती है
- इलाके में जलभराव की समस्या बहुत ज्यादा है
- सीवर लाइन है नहीं और नाले व नालियां चोक रहती हैं
सुझाव
- मोहल्लों में शौचालयों की व्यवस्था दुरुस्त की जाए
- टूटी हुई सभी नालियों को सही कराया जाए
- नालियों की साफ-सफाई समय पर होती रहनी चाहिए
- मोहल्ले से गंदगी उठाने वाले रोजाना समय पर आएं
- खुले पशुओं की व्यवस्था स्थाई रूप से की जाए
- सीवर लाइन डाली जाए ताकि जलभराव से निजात मिले
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