कविताओं से बयां की ऑपरेशन सिंदूर के नायकों की शौर्य गाथा
Meerut News - मेरठ में नौचंदी मेला के पटेल मंडप में शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित कवि सम्मेलन हुआ। कवियों ने भारतीय सेना के शौर्य पर काव्य पाठ किया, जिससे श्रोताओं में जोश भर गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ....

मेरठ। नौचंदी मेला स्थित पटेल मंडप शनिवार को भारत माता के जयकारे से गूंज उठा, मौका था ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित कवि सम्मेलन का। भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम पर कवियों ने कविता पाठ कर श्रोताओें में जोश भर दिया। कविता सुन रहे श्रोताओं ने जोश के साथ भारत मां के जयकारे लगाए, जिससे पूरा पटेल पंडप गूंज उठा। राष्ट्रीय संस्कृति साहित्यधारा संस्था के तत्वावधान में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को समर्पित रहा। कवि सम्मेलन के प्रेरणास्रोत्र कवि डॉ. हरिओम पंवार रहे। अपने ओजस्वी शब्दों से उन्होंने वीरता, बलिदान और राष्ट्रभक्ति पर कविताओं का पाठ किया।
मां सरस्वती के चित्र के समक्ष कवि डॉक्टर हरिओम पंवार और पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। अध्यक्षता एमएलसी अश्वनी त्यागी ने की। संयोजिका कवयित्री कोमल रस्तोगी ने सभी अतिथियों और कविगणों का सम्मान और आभार व्यक्त किया। मुख्य अतिथि केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल रहे। जय-जय ऑपरेशन सिन्दूर, जय-जय ऑपरेशन सिन्दूर... कवि डॉ. हरिओम पंवार ने ‘धरती पर हत्यारी बन्दूकों ने तर्पण नहीं किया, दुनिया में आतंकवाद ने कभी समर्पण नहीं किया, यह केवल कुचला जाता है दूजी राह नहीं होती, संकल्पों के निर्णय को जग की परवाह नहीं होती, जिस दिन भारत आतंकों पर पूर्ण विजय पा जायेगा, उस दिन पाकिस्तान हमारे चरणों में आ जायेगा सुनाकर जोश भर दिया। कवयित्री कोमल रस्तोगी ने सुनाया कि ‘भारत ने आतंकवाद पर किया सशक्त प्रहार, घात लगाने से पहले सोचेगा सौ सौ बार, नए दौर का भारत है ये नहीं है अब मजबूर, जय-जय ऑपरेशन सिन्दूर जय-जय ऑपरेशन सिन्दूर। कवि गजेंद्र गोलंकी ने ‘नए युग की कहानी का, नया उल्लास लिखना है, दिलों की धड़कनों पे प्यार का एहसास लिखना है कविता सुनाकर भारत के उज्ज्वल भविष्य की झलक दिखाई दी। कवि गौरव चौहान ने पढ़ा कि ‘हर इक तारीख का बदला, घुटनों पर ला देंगे, इतना कर देंगे मजबूर, ऑपरेशन सिंदूर है ये, ऑपरेशन सिंदूर। कवि श्रीकांत ने ‘पीओके की बात ही छोड़ो, नहीं कराची दूर सुनो, आपके पौरुष के कारण ही सफल मांग सिंदूर सुनो कविता सुनायी। कवि डॉ. विष्णु सक्सेना ने ‘जब भी छू लो बुलंदियां तो ध्यान ये रखना, जमीं से पांव का रिश्ता न टूटने पाए सुनाया। कवि शम्भू शिखर ने पढ़ा कि ‘एक बात दुनिया जानती है, मानती भी है, भारत के सैनिकों के आगे कौन टिका है। शशिकांत ने ‘पारा पानी में घोला है, सब कीड़े बाहर निकले हैं सुनाया । राव अजातशत्रु ने क्रांतिधरा पर कविता पाठ करते हुए कहा कि ‘क्रांतिधरा मेरठ की धरती करने को आबाद, कविता जिंदाबाद हुई है, कविता जिंदाबाद। अंत में कवि सुमनेश सुमन, डॉ. अजय दीवान, विनय पराशर ने सभी का आभार व्यक्त किया। यह रहे मौजूद पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल, पूर्व विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, सांसद राजकुमार सांगवान, विधायक डॉ. सोमेंद्र तोमर, भाजपा नेता आलोक सिसौदिया, जितेंद्र अग्रवाल, संजीव मित्तल, शाहिद, मेला समिति के सदस्य नासिर सैफी, नरेंद्र राष्ट्रवादी, सरबजीत कपूर आदि मौजूद रहे।
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