बोले मेरठ : वार्ड के पार्कों को बना दिया खत्ता, हर जगह गंदगी, सांस लेना दूभर
Meerut News - मेरठ के वार्ड 48 में लोग गंदगी और टूटी सड़कों से परेशान हैं। यहां जल निकासी, स्वच्छता और सड़कों की खराब स्थिति जैसे गंभीर मुद्दे हैं। पार्षद दीपक वर्मा जनता की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रहे...
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मेरठ। वार्ड 48 में रहने वाले लोग लंबे समय से गंदगी और टूटी सड़कों जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। जो उनके दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही हैं। इन चुनौतियों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, जल निकासी की समस्याएं, सड़कों की खराब स्थिति और स्वच्छता से संबंधित मुद्दे उनके लिए जी का जंजाल बने हुए हैं। वार्ड के हाल बेहाल हैं और अब यहां की जनता इन समस्याओं से छुटकारा चाहती है। 25 हजार के करीब जनता करती है निवास
मेरठ शहर में नगर निगम के वार्ड 48 का हाल देखते ही बनता है। इस वार्ड में आवास विकास के मकान हैं, जहां कई पार्क हैं और 25 हजार के करीब जनता निवास करती है। इस वार्ड के अंतर्गत माधवपुरम सेक्टर एक, दो, तीन और चार के साथ द्वारकापुरी, प्रताप विहार कॉलोनी आती है। माधवपुरम के किसी भी सेक्टर में चले जाओ, वहां गंदगी, सड़क और पार्कों की दुर्दशा साफ दिखाई देती है। हालांकि, यहां के पार्षद दीपक वर्मा लोगों की इस समस्या का हल निकालने में लगे रहते हैं। साथ ही जनता की समस्या को प्रशासन के सामने रखते रहते हैं। इसके बावजूद यह वार्ड बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। पार्षद और यहां के लोगों को इन समस्याओं से छुटकारे की उम्मीद है, कि जल्द ही इसका निदान होगा।
माधवपुरम सेक्टर एक में रहने वाली रेनू त्यागी, अपने घर के पास में ही कूड़े के ढेर और गंदगी को दिखाते हुए कहती हैं, कि मेरे पति इस गंदगी की बदबू से बीमार हो चुके हैं। हालात ये है कि उनको आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। सालों से इस गंदगी से छुटकरा पाना चाहती हैं, लेकिन नगर निगम और अन्य प्राइवेट कूड़ा उठाने वाले लोग यहां कूड़ा फेंक जाते हैं। जबकि यहां आसपास सैंकड़ों घर हैं। सेक्टर एक की मार्केट में जाने वाली मुख्य सड़क भी यहीं से जा रही है, जिसके हाल बद से बदतर हो गए हैं। विभागों में सैकड़ों शिकायतें की जा चुकी हैं, जनता परेशान है और आज भी इस गंदगी से जूझ रही है।
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वार्ड में घुसते ही महसूस होती बदबू
दिल्ली रोड से माधवपुरम वार्ड 48 की ओर जैसे चलते हैं, एक अहसास होना शुरू हो जाएगा। जहां बदबूदार हवा आपके सांसों में जाती महसूस होगी। हालांकि माधवपुरम में एंट्री वाली यह सड़क आरसीसी से बनाई गई है और इसके साथ में एक नाले का निर्माण भी किया गया है। छह फीट गहरा नाला बनाया गया है, लेकिन उसको खुला छोड़ दिया गया है। जो हादसों को दावत देता नजर आता है। जैसे ही धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं तो वार्ड की वह जगह नजर आती है जहां से बदबू पैदा होती है।
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मुख्य सड़क और गंदगी का अंबार
माधवपुरम सेक्टर एक में खाली जगह पर गंदगी का अंबार नजर आता है। जहां मानों पूरे वार्ड का कूड़ा फेंका जाता है। इन्हीं कूड़े के ढेरों के पास रहने वाली जनता का जीना मुहाल हो चुका है। यहां रहने वाले सुधीर सूर्यवंशी, अमन यादव और नीरज यादव का कहना है कि इस गंदगी से पूरे इलाके में बदबू फैली रहती है। आसपास रहने वाले लोग बीमारी की जद में आ चुके हैं। यहां रहने वाली रेनू त्यागी के पति इस गंदगी की बदबू के कारण बीमार हो चुके हैं और हाल ही आईसीयू से लौटे हैं। हालात ये हैं कि सुबह हो या फिर रात यह बदबू उन्हें सोने भी नहीं देती। आसपास के लोग अपने दरवाजे बंद करके रहते हैं।
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रिश्तेदार भी आने से कतराते हैं
सेक्टर एक में ही रहने वाले दीपक रस्तोगी और गीता वर्मा का कहना है कि सालों से यहां कूड़ा ना डालने, फैली गंदगी की साफ सफाई के लिए शिकायत की जा रही है। लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा। यहां कूड़ा डालने वालों से मना किया जाता है, तो वे लड़ने के लिए आते हैं। कहते हैं कि तुम्हारी जमीन पर थोड़ा ही डाला जा रहा है। इस खाली जगह की ना तो बाउंड्री हो रही है और ना ही नगर निगम इसको साफ करने का प्रयास कर रहा है। यहां पास से गुजरने वाली सड़क का हाल बहुत ही बुरा हो गया है। पूरी सड़क टूट चुकी है और इसको भी कोई सही करवाने का नाम नहीं ले रहा।
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बदतर होते हालात
वार्ड 48 के लोगों का कहना है कि सेक्टर एक में मुख्य मार्केट है और इस खत्ते के साइड से जाने वाली यह सड़क मार्केट तक जाती है। यह पूरी सड़क एकदम बेकार हो चुकी है, और गंदगी सड़क तक फैली रहती है। इलाके में नालियां भी बंद पड़ी हैं और सीवर चोक हैं। बरसात के मौसम में इस इलाके में इतना जलभराव होता है कि लोगों को घरों से पानी बाल्टियों से निकालना पड़ता है। एक तो गंदगी ऊपर से टूटी सड़कें और गंदगी से भरी नालियां व कूड़ों के ढेर लोगों की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी हैं। सड़क पर चलना भी मुश्किल होता है और आए दिन लोग गिरकर चोटिल होते रहते हैं।
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कई दिनों तक नहीं आते कूड़ा उठाने वाले
वार्ड के लोगों का कहना है कि घरों का कूड़ा उठाने की भी कोई खास व्यवस्था नहीं है। हालात ये है कि कूड़ा उठाने वाली गाड़ी कई दिनों में आती है, जिससे घरों में बदबू आने लगती है। वहीं गलियों और मोहल्लों में सफाई की व्यवस्था एकदम खराब है, जहां सफाई वाले नजर ही नहीं आते। यहां के लोगों का कहना है कि वार्ड बहुत बड़ा है और सफाईकर्मी बहुत कम हैं। ऐसे में सफाई की व्यवस्था पूरे वार्ड में काफी दयनीय स्थिति में रहती है।
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खतरों से भरे पार्क
वार्ड 48 के लोगों का कहना है कि मौजूदा पार्कों की मरम्मत की जाए, नहीं तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। पार्कों के पास रहने वाले लोगों ने दीवारों को हिलाकर दिखाया मानों अभी गिर जाएंगी। यह हाल वार्ड के अधिकतर पार्कों की है, जहां गंदगी और जलभराव की समस्या बनी रहती है। दीवारें कब गिर जाएंगी पता नहीं, इनके नीचे कौन दबकर घायल हो जाएगा इसकी गारंटी नहीं। बच्चे इन पार्कों में खेलने से डरते हैं, साफ सफाई की जरूरत के साथ इन पार्कों की मरम्मत बहुत आवश्यक है।
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टूटे सीवरों के ढक्कन
देखा जाए तो सड़कों की खराब स्थिति इस वार्ड के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। गड्ढों से भरी सड़कें दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं, विशेषकर रात के समय जब अंधेरा हो जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि कई बार शिकायत करने के बावजूद सड़कों की मरम्मत नहीं की गई है, जिससे उन्हें आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कचरे का उचित निपटान न होना भी एक महत्वपूर्ण समस्या है। कचरा संग्रहण की नियमित व्यवस्था न होने के कारण सड़कों पर कचरे के ढेर लग जाते हैं, जिससे दुर्गंध और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। निवासियों का कहना है कि स्वच्छता कर्मियों की अनियमितता के कारण यह समस्या और भी गंभीर हो गई है।
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मंदिर के पास फैली गंदगी
सेक्टर तीन माधवपुरम में रहने वाले गब्बर ठेकेदार, परवेश वाल्मिकी और राज चावड़िया का कहना है, कि सड़कों के बीच में बने सीवर ठसाठस भरे हुए हैँ। उनके ऊपर रखे ढक्कन भी टूट चुके हैं और इनमें गिरने का डर बना रहता है। वहीं गंदे पानी की सही निकासी नहीं होने के कारण हालत ये हैं, कि गंदा पानी गलियों में पानी भरा रहता है। पास में ही शीतला देवी माता का मंदिर है और मौजूदा पार्क में गंदगी का अंबार लगा रहता है। साफ सफाई की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
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समस्याओं का अंबार
यहां के निवासी लंबे समय से कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जो उनके दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही हैं। उनका कहना है कि सड़कों के किनारे खंभों पर स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं, जहां हैं वे जलती नही हैं। ऐसे में रात को चलते हुए अंधेरे में डर लगता है। वहीं जलभराव, खराब सड़कें, और कचरे का उचित निपटान न होना बड़ी समस्याएं हैं। बरसात के मौसम में जलभराव एक गंभीर मुद्दा बन जाता है, जिससे न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। स्थानीय निवासी बताते हैं कि नालियों की नियमित सफाई न होने के कारण पानी का निकास सही ढंग से नहीं हो पाता, जिससे जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है।
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चाहिए समस्याओं का समाधान
लोगों का कहना है कि वार्ड में सभी समस्याओं के समाधान के लिए, स्थानीय प्रशासन को सक्रिय कदम उठाना चाहिए है। वार्ड के निवासियों की मांग है कि जल निकासी प्रणाली को सुधारने के लिए नालियों का सही तरीके से निर्माण किया जाए और पुराने नालों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि आवागमन सुगम हो सके। स्वच्छता बनाए रखने के लिए कचरा प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ किया जाना चाहिए, जिसमें नियमित कचरा संग्रहण और निस्तारण शामिल है।
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समस्याएं
- नालियां गंदगी से भरी पड़ी हैं और निकासी कहीं नहीं
- खाली जगह पर फेंकी जा रही गंदगी से हो रहा संक्रमण
- इलाके के सभी सीवर चोक हैं और जलभराव रहता है
- खंभों पर लाइटें नहीं, अंधेरे में होती है बड़ी दिक्कतें
- वार्ड में टूटी सड़कों पर चलना होता है भारी, लोग परेशान
- नालियों के साइड में पड़ी गंदगी कई दिनों तक नहीं उठती
समाधान
- नालियों और नालों की सफाई नियमित होनी चाहिए
- खाली जगहों पर गंदगी फेंकने पर रोक लगाई जाए
- इलाके के सभी सीवरों की सफाई उचित तरीके से हो
- खंभों पर स्ट्रीट लाइटें लगें, ताकि अंधेरे से निजात मिले
- वार्ड में टूटी हुई सभी सड़कों का निर्माण किया जाए
- नालियों के साइड में पड़ी गंदगी को समय पर उठाया जाए
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सालों से यहां खाली जगह पर कूड़ा डाला जाता है, इस गंदगी से आसपास के लोग बीमार हो रहे हैं, मेरे पति इस गंदगी के कारण आईसीयू पहुंच गए। - रेनू त्यागी, धावपुरम सेक्टर एक
यहां इतनी गंदगी रहती है, कि लोगों का जीना मुहाल हो गया है, लोग बीमार हो रहे हैं, घरों के दरवाजे बंद रखते हैं, यह गंदगी पूरी तरह साफ होनी चाहिए। - सुधीर सूर्यवंशी, धावपुरम सेक्टर एक
वार्ड की पूरी सड़कें टूट चुकी हैं, सेक्टर एक में जाने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, जिसके ऊपर आए दिन हादसे होते रहते हैं। - अमन यादव,
सड़कों के किनारे खंभों पर स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं, जहां हैं वहां लाइटें जलती नही हैं। ऐसे में रात को चलते हुए अंधेरे में चोट लगने का डर बना रहता है। - नीरज यादव
सड़क बेकार हो चुकी है, और गंदगी सड़क तक फैली रहती है। सभी इलाकों में नालियां भी बंद पड़ी हैं और सीवर चोक होने के कारण स्थिति खराब है। - गीता वर्मा
कूड़ा उठाने की कोई खास व्यवस्था नहीं है। हालात ये हैं कि कूड़ा उठाने वाली गाड़ी कई दिनों में आती है, जिससे घरों के कूड़े में बदबू आने लगती है। - दीपक रस्तोगी
यहां कूड़ा खाली जगह पर डालने वालों से मना किया जाता है, तो वे लड़ने के लिए आते हैं, कहते हैं कि तुम्हारी जमीन पर थोड़ा ही डाला जा रहा है। - पुरुषोत्तमलाल
पार्कों की दीवारों की हालत जर्जर हो चुकी है। दीवारें कब गिर जाएं यह पता नहीं, अगर ठीक नहीं की गईं तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। - वरूण चौधरी
गंदे पानी की सही निकासी नहीं होने के कारण हालत ये हैं, कि गंदा पानी गलियों में पानी भरा रहता है। संक्रमण फैंलने का डर बना रहता है। - गुलशन चौहान
नालियों में बहने वाले गंदे पानी की निकासी के लिए सही व्यवस्था की जाए, साथ ही सीवरों को समय पर साफ किया जाए, ताकि जलभराव ना हो। - किशन कुमार
बरसात के मौसम में पूरे इलाके के हालात इतने बदतर होते हैं, कि सड़कों पर चल भी नहीं सकते। गलियों में सड़कों पर कई फुट पानी भर जाता है। - चिराग चौधरी
सड़कों के बीच में बने सीवर गंदगी से ठसाठस भरे हुए हैँ। उनके ऊपर रखे ढक्कन भी पूरी तरह टूट चुके हैं और इनमें गिरने का डर बना रहता है। - गब्बर ठेकेदार
मंदिर के पास पार्क में गंदगी भरी रहती है, साथ ही पार्क की दीवारें पूरी तरह टूट चुकी हैं, जिनको सही करवाया जाए, ताकि लोगों को समस्या ना हो। - परवेश वाल्मिकी
इलाके में टूटी सड़कों की मरम्मत, सीवर नालियों की सफाई और खंभों पर स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था की जाए, ताकि लोगों को राहत की सांस मिले। - राजे चावड़िया
इलाके में गंदगी बड़ी समस्या है, सफाई कर्मचारी बहुत कम हैं जो सभी क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाते। सफाई की व्यवस्था को सही ढंग से सुचारू किया जाना चाहिए। - सुरेश बेनीवाल
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ये बोले जिम्मेदार
वार्ड में जनता की सभी समस्याओं को हल कराने की कोशिश में लगा रहता हूं। सफाई कर्मचारियों की भी मांग की गई है। वहीं सेक्टर-एक में गंदगी हटाने और सड़क निर्माण के लिए चार महीने का समय है, अगर काम नहीं होता तो जनता के साथ धरने पर बैठ जाऊंगा। - दीपक वर्मा, पार्षद वार्ड 4
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