विवि कैंपस में बनेगा ब्लॉकचेन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
Meerut News - मेरठ के छात्रों के लिए ब्लॉकचेन तकनीक सीखने का अवसर मिलेगा। सीसीएसयू में ब्लॉकचेन सेंटर ऑफ एक्सीसेंस बनेगा, जहां 25 हजार छात्रों और 500 शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। छात्रों को...

मेरठ, प्रमुख संवाददाता। तेजी से उभरती और इंडस्ट्री की प्राथमिकता में शुमार ब्लॉकचेन तकनीक सीखने का विकल्प जल्द ही मेरठ के छात्र-छात्राओं को मिलेगा। सीसीएसयू कैंपस में ब्लॉकचेन सेंटर ऑफ एक्सीसेंस बनेगा। यह हब एंड स्पोक मॉडल की तरह काम करेगा। हब के रूप में विकसित मेरठ से वेस्ट यूपी के 25 से अधिक शैक्षिक संस्थानों में एप्लाइड ब्लॉकचेन सेंटर (स्पोक्स) खुलेंगे। कैंपस से कॉलेजों तक के केंद्रों पर छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त ब्लॉकचेन प्रमाण पत्र, व्यावहारिक प्रोजेक्ट, स्टार्टअप, इन्क्यूबेशन में आगे बढ़ने की राह दिखाई जाएगी। कैंपस में शनिवार को भारत ब्लॉकचेन स्किल हब ने कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की मौजूदगी में अपनी प्रस्तुति दी। नवाचार को बढ़ावा देने एवं छात्रों को इंडस्ट्री की जरुरतों के अनुसार प्रशिक्षित करने को मेरठ में भारत ब्लॉकचेन स्किल हब स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया। इंफॉर्मेशन डाटा सिस्टम (आईडीएस) के ग्लोबल वाइस प्रेसीडेंट ब्लॉकचेन अरविंद बारुगंगती एवं बिजनेस डवलपमेंट एग्जीक्यूटिव गौरव शर्मा ने प्रस्तुति दी।
25 हजार छात्रों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य
योजना में पांच वर्षों में 25 हजार से अधिक विद्यार्थी और पांच सौ से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। छात्रों को हाइपरलेजर एवं हेडेरा जैसे प्रमुख ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षण एवं प्रमाण पत्र मिलेगा। सफल छात्रों को प्रतिष्ठित कंपनी में इंटर्नशिप, नौकरी के अवसर मिलेंगे। स्टार्टअप ट्रैक के अंतर्गत छात्रों को उनके नवाचार आधारित विचारों को विकसित करने को सहयोग मिलेगा। आइडिया वर्कशॉप, प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट डवलपमेंट से लेकर इनक्यूबेशन सपोर्ट तक यह सहयोग मिलेगा। चयनित स्टार्टअप्स को पांच से 10 लाख रुपये तक की सीड फंडिंग दिलाने का भी प्रस्ताव रहेगा।
राष्ट्रीय मिशन से सीधे जुड़ेगा सीसीएसयू
आईडीएस भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ सहयोगी के रूप में काम करता है। कैंपस में केंद्र बनने से सीसीएसयू स्किल इंडिया मिशन, राष्ट्रीय ब्लॉकचेन रणनीति, आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अनुरूप राष्ट्रीय ब्लॉकचेन नवाचार मानचित्र पर पहचान करने में सफल हो रहेगा।
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यह है ब्लॉकचेन तकनीक
ब्लॉकचेन एक विकेंद्रीकृत, वितरित और सार्वजनिक डिजिटल खाता-बही है जो लेनदेन का रिकॉर्ड रखता है। यह एक डेटाबेस है जो ब्लॉक में सूचनाएं संग्रहित करता है जो एक श्रृंखला में जुड़े होते हैं। यह तकनीक तय करती है कि किसी भी ब्लॉक को बदले बिना शृंखला को संशोधित नहीं किया जा सके। यही इस तकनीक को सुरक्षित और पारदर्शी बनाती है।
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ये रहे मौजूद
प्रस्तुति में प्रोवीसी प्रो.मृदुल गुप्ता, प्रो.बीरपाल सिंह, प्रो.जयमाला, कुलसचिव धीरेन्द्र वर्मा डॉ.नीरज सिंघल, संदीप कुमार, मनीष मिश्रा, प्रो.मुकेश शर्मा सहित सभी प्रमुख फैकल्टी मौजूद रहे।
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