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खुल गया सरस्वती हॉस्टल, बाकी हॉस्टल भी सुधरेंगे

Meerut News - मेरठ कॉलेज ने सोमवार को छात्राओं के लिए महिला छात्रावास फिर से खोल दिया। यह हॉस्टल कोरोना काल के बाद बंद था। कॉलेज ने हॉस्टल का जीर्णोद्धार किया है और सुरक्षा के साथ-साथ सुविधाओं को बढ़ाने का वादा...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठTue, 10 Dec 2024 01:58 AM
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खुल गया सरस्वती हॉस्टल, बाकी हॉस्टल भी सुधरेंगे

वेस्ट यूपी के प्रमुख और ऐतिहासिक कॉलेजों में शुमार मेरठ कॉलेज ने सोमवार को छात्राओं को बड़ी सौगात दे दी। कोरोना काल से बंद हॉस्टल को मेरठ कॉलेज ने छात्राओं के लिए फिर खोल दिया। एसएसपी आवास के ठीक सामने स्थित इस सरस्वती महिला छात्रावास का कॉलेज ने जीर्णोद्धार भी कराया है। कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए बेहतर सुविधाएं देना उनकी प्राथमिकता में है। इस हॉस्टल में जल्द और सुविधाओं का इजाफा किया जाएगा। पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजनी अग्रवाल ने उक्त महिला छात्रावास का लोकार्पण किया। प्रबंध समिति अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश अग्रवाल, सचिव विवेक गर्ग, अतिरिक्त सचिव शुभेंदु मित्तल एवं संरक्षक डॉ. रामकुमार गुप्ता ने डॉ. सरोजनी अग्रवाल के साथ फीता काट हॉस्टल की शुरुआत की। डॉ. सरोजनी ने कहा कि कॉलेज के लिए गर्व का विषय है कि वर्षों के अंतराल के बाद यह महिला छात्रावास फिर प्रारंभ किया जा रहा है। हॉस्टल की लोकेशन सबसे अच्छी है और यह सबसे सुरक्षित गर्ल्स हॉस्टल होगा। डॉ. ओपी अग्रवाल ने कहा कि इस गर्ल्स हॉस्टल का जीर्णोद्धार उन्होंने अपने बड़े भाई सेठ दयानंद गुप्ता की स्मृति में कराया है। सेठ दयानंद गुप्ता के बेटे सेठ अजय अग्रवाल ने कहा कि उनका परिवार सदैव मेरठ कॉलेज हित में कार्य करता रहेगा।

विवेक गर्ग ने कहा कि महिला हॉस्टल का फिर शुरू होना ऐतिहासिक है। कॉलेज सीसीएसयू से छह दशक पुराना है और कभी यहां पर छह हॉस्टल चला करते थे। गांव-कस्बों के गरीब विद्यार्थी न्यूनतम शुल्क पर इन हॉस्टलों में रहकर पढ़ते थे। धीरे-धीरे मरम्मत न होने से हॉस्टल जर्जर होते गए। कोविड में यह पूरी तरह से बंद हो गए। विवेक गर्ग के अनुसार हॉस्टल शुरू करने का फैसला अच्छा प्रयास है। प्रबंध तंत्र जल्द ही जर्जर हो चुके अन्य सभी हॉस्टल का जीर्णोद्धार करते हुए कॉलेज हित में इन भवनों का वैकल्पिक प्रयोग करेगा। प्राचार्य डॉ. मनोज रावत ने कहा कि इस सत्र के लिए छात्रा की फीस 12 हजार रुपये रहेगी, जबकि अगले सत्र से यह ₹20 हजार सालाना रहेगी। पूर्व अध्यक्ष डॉ. रामकुमार गुप्ता ने कहा कि इस दौर में सरकारी कॉलेज में हॉस्टल की मांग घटी है। छात्र-छात्राएं प्राइवेट हॉस्टल्स की सुविधा एवं स्वतंत्रता को ज्यादा पसंद करते हैं। प्रबंध समिति सदस्य सुशील कुमार, संजीवेश्वर प्रकाश, रवि बिश्नोई, पंकज मित्तल, विजय मित्तल, मोहित जैन, अंकुर जैन एवं अनुज बंसल, वार्डन डॉ.श्वेता जैन एवं चंद्रशेखर भारद्वाज सहित सभी शिक्षक मौजूद रहे।

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