Reviving Vrindavan New Forest Plans by UP Braj Teerth Development Council वृंदावन में पुनर्जीवित होंगे दो वन क्षेत्र , Mathura Hindi News - Hindustan
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वृंदावन में पुनर्जीवित होंगे दो वन क्षेत्र

Mathura News - उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा और विकास प्राधिकरण मिलकर वृंदावन में नए वन क्षेत्र विकसित कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में भक्तजन प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। प्रेम मंदिर के निकट 80 एकड़...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराThu, 19 June 2025 04:21 AM
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वृंदावन में पुनर्जीवित होंगे दो वन क्षेत्र

-वन विभाग और विकास प्राधिकरण के साथ वन की योजना पर काम कर है ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा। वृंदावन नगरी को तुलसी के प्राचीन स्वरूप को फिर से वन क्षेत्र के माध्यम से पुनर्जीवित करने की योजना उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने तैयार की है। कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ यहां प्राकृतिक छटा का लुफ्त उठा सकेंगी। इस योजना को तैयार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण और वन विभाग के साथ ठाकुर बांकेबिहारी की नगरी वृंदावन में दो नए वन क्षेत्र विकसित करने जा रहा है। इसमें एक प्रेम मंदिर के निकट वृंदावन छटीकरा मार्ग स्थित सुनरख में है।

जहां वर्तमान में बबूल के पेड़ हैं। 125 एकड़ क्षेत्रफल में से करीब 80 एकड़ मे इस वन को तैयार किया जा रहा है। योजना के तहत वन विभाग यहां पीपल, बरगद, पाखड़, नीम, कदम्ब के वृक्ष लगाएगा। इसी तरह एक अन्य योजना वृंदावन स्थित कुम्भ क्षेत्र की है। जहां वृंदावन का प्राचीन मूल स्वरूप देखने को मिलेगा। यमुना किनारे 56 हेक्टेयर कुंभ क्षेत्र को रमणीक वन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां यमुना तट और परिक्रमा मार्ग के बीच कदंब, बरगद आदि वृक्षावली तैयार हो रही है। इनके नीचे भक्तजन भगवत आराधना, भगवत कथा का श्रवण भी कर सकेंगे। इसके लिए मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा अस्थाई विशाल पंडाल बनाया जा रहा है। यमुना किनारे स्थित यह कुंभ क्षेत्र भक्तों को प्राचीन वृंदावन का अहसास कराएगा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद यहां एक निजी संस्था के साथ काम कर रहा है। इस पूरे क्षेत्र को भविष्य में लगने वाले कुंभ को देखते हुए तैयार किया है, जिसमें रास्ते और साधु संतों के पंडाल के किए भी खाली स्थान रखा गया है। ठाकुर बांकेबिहारी कॉरिडोर बनने के बाद बढ़ने वाली भीड़ के लिए दोनों की स्थल उपयुक्त होंगे। यहां लोग दर्शन से पहले या दोपहर में पट बंद होने के बाद वृंदावन की प्राकृतिक छटा का लुफ्त उठा सकेंगे। इन दोनों वन क्षेत्र के मध्य बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माणाधीन है। -एसबी सिंह, सीईओ उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद

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