Hindi NewsUttar-pradesh NewsMathura NewsChallenges in Vrindavan s Hari Nikunj Market Traffic Jam Monkey Menace and Sanitation Issues

हरि के नाम पर बाजार, जहां समस्याएं हजार

Mathura News - मथुरा और वृंदावन की प्रसिद्ध कुंज गलियों में हरि निकुंज बाजार में भीड़ और अतिक्रमण बढ़ गया है। यहां गंदगी, जलभराव, और बंदरों का आतंक आम है। स्थानीय व्यापारियों और श्रद्धालुओं को जाम और शौचालय की कमी...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराMon, 24 Feb 2025 03:19 AM
share Share
Follow Us on
हरि के नाम पर बाजार, जहां समस्याएं हजार

वैसे तो मथुरा और वृंदावन की कुंज गलियां देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में प्रसिद्ध हैं। कुछ दशक पहले की बात करें तो दूर दराज के लोग इन्हीं छोटी-छोटी गलियों को देखने के लिए आते थे, लेकिन आज समय बदल चुका है। इन कुंज गलियों में बाजार बस गए हैं। साथ ही परदेसियों का आना भी बढ़ गया है। लोगों की भीड़ को देख यहां अब अतिक्रमण का जाल फैलता जा रहा है। इसका खामियाजा स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों को झेलना पड़ता है। इसी का ज्वलंत उदाहरण है वृंदावन का हरि निकुंज बाजार। हिन्दुस्तान के बोले मथुरा अभियान के तहत यहां के लोगों ने समस्याओं के बारे में खुलकर बात की। दावन में हरि निकुंज से लेकर अंग्रेज मंदिर तक का मार्केट रमणरेती मार्ग और ठाकुर बांके बिहारी मंदिर समेत कई प्रमुख मंदिरों के आने जाने का सबसे प्रमुख मार्ग है। इस बाजार में देशी ही नहीं विदेशी श्रद्धालुओं का सबसे ज्यादा आगमन होता है। बावजूद इसके इस मार्ग के व्यापारियों को गंदगी, जाम, जलभराव, बंदरों की आतंक आदि अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शासन प्रशासन अधिकारियों द्वारा इस प्रमुख क्षेत्रीय बाजार में व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए कभी ठोस प्रयास धरातल पर किए ही नहीं गए, जिसके कारण आज स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। प्रमुख हरि निकुंज चौराहा बाजार तो हर समय जाम के झाम से घिरा रहता है।

यहां से निकलना मानो किसी जंग पर जीत के समान है। वही इस बाजार में आंखों पर चश्मा लगाकर चलना तो किसी के लिए संभव ही नहीं है। इस बाजार में सबसे अधिक बंदर पलक झपकते ही ग्राहकों व व्यापारियों आदि के चश्मा छीनकर ले जाते हैं। बाजार में लोगों के लिए पोर्टेबल टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को तो सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विभिन्न समस्याओं से घिरे इस बाजार में ढकेल, खोमचे व पटरी दुकानदारों के अतिक्रमण के चलते सड़क मार्ग सिकुड़ कर रह गया है, जिसमें लगातार आते-जाते ई-रिक्शाओं, मोटरसाइकिल, चौपहिया सहित आदि वाहनों के बीच से पैदल निकलना भी दुभर हो जाता है। बीच सड़क मार्ग पर ही ई रिक्शाओं की अवैध पार्किंग कोढ़ में खाज का काम करती है। व्यापारियों और ग्राहकों के वाहन खड़ा करने के लिए कोई पार्किंग की समुचित व्यवस्था भी इस क्षेत्रीय बाजार मार्ग पर कहीं पर भी नहीं है। बंदरों की आतंक के साथ-साथ छुट्टा पशुओं के विचरण की समस्या सभी के लिए सरदर्द बनी हुई है, लेकिन आज तक शासन प्रशासन का इसके समाधान के लिए कोई ध्यान नहीं है।

आए दिन आवारा पशुओं के कारण पैदल राहगीर और वाहन चालक चुटैल हो जाते हैं। आवारा पशुओं को खुला विचरण बाजार में मुसीबत बन चुका है। बाजार में आवारा पशुओं का आतंक बहुत है। आवारा पशुओं के चलते राहगीर व वाहन चालकों को बहुत दिक्कत होती हैं।

-अनूप अग्रवाल

जाम की समस्या बाजार में भयंकर रूप धारण कर चुकी है। ई-रिक्शाओं का संचालन दिन-रात जाम की स्थिति पैदा कर देता है। बाजार में जाम लगने के कारण ग्राहकों के साथ व्यापारी वर्ग भी खासा परेशान हैं।

-संजीव कुमार गुप्ता

पिछले कई वर्षों से व्यापारी बाजार में सुलभ शौचालय की मांग कर रहे हैं। व्यापारियों के लिए और ना ही खरीदारी करने आने वाले ग्राहकों के लिए कोई सुलभ शौचालय की व्यवस्था है। ज्यादा परेशानी महिला वर्ग को होती है, लेकिन प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।

-रमणबिहारी गौतम

ग्राहकों और व्यापारियों को अपने निजी वाहन सड़क पर ही खड़े करने पड़ते हैं। बाजार में व्यापारियों एवं ग्राहकों के वाहन खड़ा करने के लिए भी प्रशासन द्वारा कोई पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। क्यूंकि आए दिन व्यापारी व ग्राहक जाम की समस्या से जूझते है।

-शिवम बंसल

निजी दुकानों पर कुछ व्यापारियों ने सीसी टीवी कैमरे लगा रखे हैं। परन्तु आज तक शासन-प्रशासन द्वारा सुरक्षित वातावरण के लिए कभी भी इस बाजार में सीसी टीवी कैमरे नहीं लगाए गए। इस कारण बाजार में आपराधिक घटनाओं का भय भी सताता रहता है।

-नवीन सोनी

सड़कों पर नाले नालियों का गंदे पानी आए दिन बहता हुआ नजर आता है। बरसात में जलभराव की समस्या बरसों से बनी हुई है, नगर निगम प्रशासन समाधान नहीं कर पाया है। जिसके चलते जलभराव की समस्या से व्यापारियों और ग्राहकों को जूझना पड़ता है।

-राहुल पांडेय

अनेक जगहों पर विद्युत के पैनल बॉक्स खुले पड़े हैं, जिसे आए दिन करंट लगने का डर लोगों को बना रहता है। बरसात के दिनों में यह समस्या किसी के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है।

-अवनीश बजाज

व्यापारी और ग्राहक दोनों ही बंदरों का आतंक झेलने के लिए मजबूर है। बाजार से लोग आंखों पर चश्मा लगाकर बामुश्किल निकल पाते हैं। बंदर चश्मा, पर्स, सामान आदि झपट्टा मार कर ले जाते हैं। बंदरों को पकड़ने के लिए नगर निगम सक्रिय नहीं है।

-श्याम सरदार

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें