धर्मात्मा निषाद सुसाइड मामले में न्यायिक जांच की मांग
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पनियरा, हिन्दुस्तान संवाद। निषाद पार्टी युवा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद के आत्महत्या के मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज न्यायिक जांच की मांग की है। साथ ही आश्रित परिवार को सहायता मुहैया कराने की मांग को रखा है।
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी पार्टी के धर्मात्मा निषाद द्वारा आत्महत्या किए जाने के दुखद समाचार से सभी स्तब्ध हैं। पनियरा क्षेत्र के नरकटहा गांव निवासी और निषाद पार्टी में प्रदेश सचिव रहे धर्मात्मा निषाद मंत्री के करीबी रहे हैं। फेसबुक पर मंत्री पर कतिपय आरोप लगाते हुए एक लंबा पोस्ट लिखने के बाद उन्होंने यह दर्दनाक कदम उठाया है। यह पोस्ट मृतक का मृत्युपूर्व बयान है।
निश्चय ही इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह मामला गंभीर है। जब तक इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो जाती तब तक मंत्री को मंत्रीमंडल में रहने का भी कोई अधिकार नहीं है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मांग की कि धर्मात्मा निषाद के परिजनों को मानवीय सहायता के रूप में 1 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करते हुए उनके निकटस्थ उत्तराधिकारी को सरकारी सेवा में नियुक्ति प्रदान की जाय। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी मंत्री के विरुद्ध तत्काल निष्पक्ष न्यायिक जांच के आदेश देते हुए उन्हें मंत्रीमंडल से विरत करने के निर्देश जारी करने की मांग की है।
धर्मात्मा निषाद के घर मिलने-जुलने वालों का सिलसिला जारी:
धर्मात्मा निषाद ने रविवार को घर में सुसाइड किया था। मौत के कुछ समय पहले फेसबुक पर सुसाइड नोट भी पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद व उनके दोनों पुत्र ई. श्रवण निषाद व प्रवीण निषाद के अलावा अपने एक मित्र जयप्रकाश निषाद पर गंभीर आरोप लगाया है।
इस मामले में जयप्रकाश निषाद व तीन अज्ञात के खिलाफ पनियरा पुलिस ने तहरीर के आधार पर केस दर्ज की है। सुसाइड नोट को दरकिनार कर कैबिनेट मंत्री व उनके पुत्रों का नाम हटाने के मामले में सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि फेसबुक पर पोस्ट मृतक का मृत्युपूर्व बयान है। उसमें से केवल एक के खिलाफ कार्रवाई हुई है। तीन मुख्य आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं है। यह नाइंसाफी है। पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी।
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