बोले बस्ती : आधार केंद्रों पर लंबी कतार, कहीं बंद तो कहीं सर्वर ठप
Maharajganj News - बस्ती में आधार कार्ड बनवाने और संशोधन की प्रक्रिया में लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्कूलों में आधार की अनिवार्यता और सरकारी योजनाओं से जुड़ने के लिए लंबी कतारें और इंतजार की समस्या...
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Basti News : सभी सरकारी योजनाओं को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है, लेकिन अनिवार्यता के साथ ही आधार कार्ड बनने व संशोधन की प्रक्रिया को आसान बनाने की आवश्यकता है। नया आधार कार्ड बनवाने से लेकर उसमें संशोधन के लिए आमजन को काफी परेशान होना पड़ रहा है। बेसिक शिक्षा के प्राइमरी स्कूलों में डीबीटी के लाभ से लेकर कक्षा एक से 12 तक के लिए अनिवार्य हुई अपार आईडी ने भी आधार कार्ड केंद्रों पर भीड़ बढ़ा दी है। डाक विभाग को आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन यह व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। लंबी कतारों के साथ ही कई दिनों की वेटिंग चल रही है। दूर-दराज से पहुंच रहे लोग आधार केंद्र का चक्कर लगाने को विवश हैं। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में लोगों ने अपना दर्द साझा किया।
आधार कार्ड (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) एक 12 अंकों का नंबर होता है। बायोमेट्रिक से जुड़ी यह आईडी अब हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य कर दी गई है। स्कूल में बच्चों के दाखिले से लेकर सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने में मददगार है। बैंक खाता खोलना हो या वित्तीय और अन्य सब्सिडी लाभों को हासिल करना हो, आधार कार्ड के बिना कोई काम नहीं होता है। सरकार आधार कार्ड को अनिवार्य करती जा रही है। अब राशन कार्ड में भी केवाईसी के लिए बच्चों के फिंगर प्रिंट लगाए जा रहे हैं तो बचपन के बने हुए आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट नहीं आ रहे हैं। इस स्थिति में राशन डीलर आधार कार्ड अपडेट पर जोर दे रहे हैं। सरकारी खाद्यान्न का लाभ लेने वालों में अधिकांश गरीब एवं श्रमिक वर्ग से जुड़े लोग हैं। ऐसे लोग अब अपने बच्चों के आधार अपडेट करने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। प्रधान डाकघर समेत अन्य उप डाकघर जहां आधार केंद्र सक्रिय हैं, उनके खुलने से पहले ही यहां पर आधार कार्ड बनवाने के लिए लोगों की भीड़ पहुंच जाती है, ताकि किसी भी तरह से पहले नंबर आ सके, लेकिन इसके बाद भी कई लोगों को अपनी बारी के लिए कई-कई दिन दौड़ लगानी पड़ रही है।
डाकघरों में भी अब विभागीय कर्मचारियों को ही आधार कार्ड बनाने का जिम्मा सौंपा जा रहा है। डाक कर्मियों की कमी से जूझ रहे इस विभाग के लिए भी इससे संकट बढ़ा है। लेकिन उपलब्ध कर्मियों में से ही इसका प्रबंध किया जा रहा है। प्रधान डाकघर पर आमजनों की सुविधा के लिए दो आधार केंद्र बनाए गए हैं। इन दोनों केंद्रों पर वेटिंग चल रही है। भीड़ से बचने के लिए एडवांस नंबर भी लगाया जा रहा है। शहर के अलावा दूर-दराज से भी लोग प्रधान डाकघर पर आधार बनवाने के लिए पहुंच रहे हैं। जिले के नगर उप डाकघर व शहर के गांधीनगर शाखा में आधार केंद्र न चलने से यहां के लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए प्रधान डाकघर पहुंच रहे हैं। इसी तरह वाल्टरगंज के डाकघर में भी आधार कार्ड बनना करीब तीन माह से बंद पड़ा है। इसके अलावा पुराने कम्प्यूटर सेट व नेटवर्क की समस्या से भी डाक कर्मियों को जूझना पड़ रहा है। कई-कई किमी से लोगों का सरकारी डाकघर में पहुंचना बताता है कि जिले के कई क्षेत्रों में इसका कोई केंद्र नहीं है। इससे जिन स्थानों पर आधार केंद्र बन रहा है, वहां भीड़ बढ़ रही है। वहीं विभागीय कर्मचारियों की कार्यप्रणाली का प्रमाण देते हैं वो चेहरे, जो महीनों पहले तारीख लेने के बाद भी जब यहां पहुंचते हैं तो उन्हें फिर से नई तारीख देते हुए कहा जाता है कि अब आपका काम आज नहीं होगा। इस स्थिति में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्कूलों में भी आधार कार्ड हुआ अनिवार्य
सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में भी बच्चों का आधार कार्ड अनिवार्य है। लिहाजा छोटे-छोटे बच्चों के भी आधार कार्ड बनने हैं। हालांकि शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए ब्लॉक स्तर पर आधार बनाने की व्यवस्था की है, लेकिन यहां पर भी कई मशीन खराब हैं तो कई जगह पर आधार कार्ड नहीं बन पाते हैं। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे आधार कार्ड के लिए डाकघर की ही दौड़ लगाते हैं।
अपार आईडी ने भी केंद्रों पर बढ़ा दी भीड़
कक्षा एक से 12 तक के बच्चों की अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया ने भी आधार केंद्रों पर भीड़ बढ़ा दी है। अपार आईडी निर्माण के दौरान विद्यालय के एसआर रजिस्टर के अनुसार छात्र/छात्राओं का डाटा आधार-कार्ड से मैच नहीं कर रहा है। उनके नाम, पिता, माता व जन्मतिथि में भिन्नता मिल रही है। बिना आधार कार्ड संशोधन के अपार आईडी का निर्माण शत-प्रतिशत संभव नहीं हो सकता है। अभिभावकों की मांग है कि अपार आईडी निर्माण से पूर्व जनपद के विद्यालयों में कैंप लगाकर आधार कार्ड संशोधन कराया जाए, तभी शत-प्रतिशत अपार आईडी निर्माण कार्य संभव हो सकेगा। आधार कार्ड बनवाने के लिए डाकघर व बैंकों पर लोगों की भीड़ पहुंच रही है।
पहचान वालों का मिल जाती है तरजीह
आधार केंद्रों पर कार्ड बनवाने पहुंचने वाले लोगों का आरोप था कि एडवांस नंबर मिलने बाद भी अभी नंबर नहीं आया है, जबकि अगर कोई जान-पहचान वाला पहुंच जाए या किसी की सिफारिश आ जाए तो एक ही दिन में काम हो जाता है। कम से कम जिन्हें पहले से तारीख दी गई है, सबसे पहले उनके ही आधार कार्ड अपडेट होने चाहिए। जबकि आधार केंद्र के कर्मियों का कहना है कि बिना नंबर के किसी का आधार कार्ड नहीं बनाया जा रहा है।
क्षमता से दोगुनी पहुंच रही है भीड़
आधार कार्ड बनाने वाले कर्मचारियों की मानें तो एक दिन में अधिकतम 50 से 60 ही आधार कार्ड बन पाते हैं, जबकि आधार कार्ड बनवाने के लिए 100 से अधिक लोग पहुंचते हैं। इसके चलते आधार कार्ड बनवाने वालों की कतार बढ़ती जा रही है। कतार से लोगों को बचाने के लिए एडवांस नंबर भी लगाया जा रहा है। एडवांस नंबर लगने के साथ ही हर दिन नए लोगों के पहुंचने के साथ ही वेंटिंग वालों की संख्या में इजाफा होता जाता है।
पहले हुई चूक का भुगत रहे हैं खामियाजा
पहली आधार कार्ड बनवाते हुए हुई चूक का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। पहली बार जब आधार बने थे तो उस वक्त भीड़ एवं आपा-धापी में बनाने वालों ने भी आधार कार्ड में कई गलतियां कर दीं। किसी के नाम की स्पेलिंग बदल गई तो किसी की जन्मतिथि। अब जब आधार अन्य दस्तावेजों से लिंक हो रहे हैं तो इसमें दिक्कत आ रही है। स्कूली छात्रों को भी आधार कार्ड अपडेट के लिए भटकना पड़ता है। इसके लिए जरूरी है कि आधार अपडेट केंद्रों की संख्या को सरकार बढ़ाए। जिस तरह से आधार को लेकर अनिवार्यता बढ़ती जा रही है। उस तरह से केंद्र व उनकी क्षमता को बढ़ाया जाना जरूरी है।
आधे से कम किसानों की हुई फार्मर रजिस्ट्री
आधार कार्ड में गलतियों के चलते फॉर्मर रजिस्ट्री की गति भी सुस्त पड़ी है। जिले के रामनगर ब्लॉक की बात करें तो यहां कुल 28 हजार 587 किसान पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी है। इस संख्या के सापेक्ष अभी तक महज 12,241 किसानों की ही फॉर्मर रजिस्ट्री हो पाई है। फॉर्मर रजिस्ट्री की धीमी गति को लेकर राजकीय उपसंभागीय कृषि प्रसार कार्यालय भानपुर के प्राविधिक सहायक अमित कुमार ने बताया कि कृषि विभाग के छह कर्मचारियों की ओर गांवों में फॉर्मर रजिस्ट्री की जा रही है। लेकिन किसानों के आधार कार्ड में लिखे नामों का अन्य अभिलेखों के मुताबिक नाम नहीं होने के वजह से अधिकांश किसान फॉर्मर रजिस्ट्री से वंचित हो रहे हैं। इसके संशोधन के लिए किसानों को परेशान होना पड़ रहा है।
11 बीआरसी पर बन रहे आधार कार्ड
जिले के 14 में से 11 बीआरसी पर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। लेकिन नेटवर्क व स्टॉप की कमी के कारण इनकी रफ्तार सुस्त पड़ी है। दुबौलिया ब्लॉक में भी यही हाल है। बीईओ विजय आनंद ने बताया कि बीआरसी में कंप्यूटर ऑपरेटर रंजीत द्वारा परिषदीय विद्यालयों के बच्चों का आधार कार्ड बनाया जा रहा है। इधर एक माह से अपार के लिए काम कराया जा रहा है। कभी नेटवर्क और स्टॉप की कमी के कारण आधार कम बन पा रहा है। इसकी गति बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधान चाहें तो ग्रामसभा में भी लग सकता है आधार कैंप
आधार कार्ड बनवाने व संशोधन के लिए शहर से लेकर गांव तक के लोग परेशान हैं। सरकारी योजनाओं के साथ ही स्कूलों में इसकी अनिवार्यता ने भीड़ को और बढ़ा दी है। डाकघर, बैंक, बीआरसी पर चल रहे आधार केंद्र आधार बनवाने वाले लोगों की संख्या के लिहाजा से नाकाफी साबित हो रहे हैं। ऐसे में अगर ग्राम प्रधान चाहें तो ग्रामसभा स्तर पर ही इसका आधार केंद्र लगवा सकते हैं। इसका लाभ ग्रामसभा के लोगों के साथ ही आसपास के गांव के लोगों को भी मिलेगा।
ग्राम पंचायत भितरी पचानू विकास खंड सल्टौआ के ग्राम प्रधान कृष्ण कुमार चौधरी की पहल पर उनकी ग्रामसभा के पंचायत भवन में 15 दिवसीय आधार कार्ड सेंटर लगा है। इसके लिए उन्होंने अपने स्तर से प्रयास किया और इसका लाभ आमजन को मिला। ग्राम प्रधान कृष्ण कुमार चौधरी ने बताया कि उन्होंने ग्रामसभा के लोगों की परेशानी को देखते हुए इसके बारे में जानकारी जुटाई। सबसे अधिक स्कूली बच्चे परेशान थे। इस दौरान पता चला कि यूआईडी संशोधन केंद्र बेतियाहाता गोरखपुर से संपर्क कर यह कार्य किया जा सकता है। उन्होंने इसके लिए यूआईडी संशोधन केंद्र बेतियाहाता गोरखपुर को पत्र लिखकर अपने ग्रामसभा के लोगों की समस्या को बताया। इसमें बताया कि आधार के चलते स्कूली बच्चों से लगायत कई लोगों को आधार में संशोधन न होने से सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस पत्र का संज्ञान लेकर यूआईडी संशोधन केंद्र बेतियाहाता गोरखपुर ने एक सर्वेयर को ग्रामसभा में भेजा। जिन्होंने यह जांचा कि हकीकत में यहां कैंप लगाए जाने की आवश्कता है या नहीं। उनकी रिपोर्ट के आधार पर गांव में 15 दिनों के लिए कैंप की स्वीकृति यूआईडी संशोधन केंद्र बेतियाहाता गोरखपुर स्तर से दे दी गई। कैंप के लिए विद्युत आपूर्ति व जेनरेटर का प्रबंध होना चाहिए, जो ग्राम प्रधान स्तर से उपलब्ध कराया गया। इसके बाद सल्टौआ गोपालपुर के ग्राम पंचायत भवन में कैंप लगा। एक फरवरी से चल रहे है इस कैंप में सुबह दस बजे से दोपहर तीन बजे तक दो कर्मचारियों की मदद से आधार कार्ड बनाने व संशोधन का कार्य किया जा रहा है। प्रतिदिन 50 लोगों का आधार कार्ड निर्माण व संशोधन यहां हो रहा है। यूआईडी संशोधन केंद्र बेतियाहाता गोरखपुर से आधार कार्ड बनाने आए ऑपरेटर उत्तम शुक्ल व विकास शुक्ल ने बताया कि ग्राम प्रधान के पत्र पर गांव में 15 दिनों का कैंप लगाया गया है। 15 दिनों में करीब 750 लोगों को इस कैंप का लाभ मिल जाएगा। इसी तरह अगर अन्य ग्राम सभाओं में भी कैंप लगने लगे तो लोगों की आधार कार्ड की समस्या का समाधान हो सकता है।
शिकायतें
- आधार कार्ड में संशोधन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। कई बार आधार केंद्र के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
- आधार केंद्रों पर भीड़ अधिक होने के कारण एडवांस नंबर लगाने के बाद भी बार-बार चक्कर लगाना पड़ रहा है।
- आधार केंद्र पर जाने पर पता चलता है कि नेटवर्क ही नहीं है। इसके चलते भी कई बार दौड़ लगानी पड़ती है।
- नया आधार कार्ड बनवाने के लिए बच्चों के साथ अभिभावकों को सुबह से ही लाइन में लगना पड़ता है। इसमें पूरा दिन लग जाता है।
- जिले में गिने-चुने स्थानों पर ही आधार बनने की सुविधा है। इससे दूर-दराज से रोज आने में खर्चा भी होता है।
सुझाव
- सरकार को आधार अपडेट केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, इससे लोगों को राहत मिलेगी।
- आधार कार्ड बनवाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर बनाना चाहिए। जिससे लोग घर बैठे अपना नंबर लगा सकें।
- भीड़ में लगने के बाद अगर एडवांस तारीख दी जाए, तो उस तारीख पर आधार कार्ड बनाने या अपडेट कार्य करा दिया जाए।
- जिले के दूरदराज के क्षेत्रों में आधार अपडेट के केंद्रों को खोला जाए। जिससे यहां लोग आसानी से अपना व पाल्यों का आधार बनवा सके।
- आधार केंद्रों पर तकनीकी खामियों व स्टॉफ की कमी को दूर किया जाए। जिससे तेजी से आधार बनवाने में दिक्कत न हो।
बोले लोग
सल्टौआ स्थित डाकघर में आधार कार्ड नहीं बनने से बहुत परेशानी हो रही है। काफी दिनों से आधार बनवाने के लिए भटक रहा हूं। बेटी के एडमिशन के लिए आधार जरूरी है।
अभिषेक चौधरी, द्वारिका चक
बच्चों का आधार कार्ड का फिंगर अपडेट कराने के लिए बड़ी दिक्कत हो रही है। आधार कार्ड नहीं बनने से राशन कार्ड सहित अन्य योजना का लाभ लेना मुश्किल हो रहा है।
नूरजहां, नरायनपुर
अपनी माता प्रभू देई के आधार में मोबाइल नंबर को लिंक कराने के लिए कई दिनों से डाकघर के चक्कर काट रहा हूं। लेकिन अभी तक काम नहीं हो पाया।
राममूरत, रानीपुर घाटमपुर
अपने तीन बच्चों का आधार कार्ड अपडेट करवाना है। दो माह से डाकघर का चक्कर काट रहा हूं। काउंटर पर फार्म जमा कर चुका हूं। अभी नंबर आने का इंतजार है।
रमेश कुमार, चकसड़
सात साल के नाती व तीन साल की नातिनी का आधार कार्ड बनवाना है। स्टेट बैंक का 15 दिनों से चक्कर काट रहा हूं। लेकिन आधार नहीं बन पाया।
रामबुझारत, नरायनपुर कुंवर
अपने दो बेटों का आधार संशोधन कराने के लिए काफी दिनों से परेशान होना पड़ रहा है। बच्चों का एडमिशन कराना है। बिना आधार के इसमें मुश्किल हो रही है।
सुनीता देवी, जोगिया जुड़ीकुइया
किसान सम्मान निधि के लिए आधार कार्ड को अपडेट कराना है। कई दिनों से इसके लिए परेशान हूं। अब जाकर आधार अपडेट होने के लिए नंबर लगा है।
आशाराम, रेहार बाबू
क्षेत्र में आधार कार्ड नहीं बनने से बहुत परेशानी हो रही है। भितरी पचानू में कैंप लगाकर आधार बनाने की सूचना पर नौ किलोमीटर दूर आधार अपडेट कराने आई हूं।
गार्गी, लेदवा
आधार नहीं बनने से बहुत परेशान हूं। नातिनी का आधार संशोधन कराने के लिए आई हूं। घर के पास आधार कार्ड अपडेट की सुविधा मिलनी चाहिए।
फूला देवी, सूरतगढ़
आधार अपडेट कराने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। पूरा दिन बेकार करने के बाद भी काम नहीं पाता है। इससे समय का नुकसान होता है और जरूरी काम नहीं हो पाते हैं।
युवराज, मझौआ खुर्द
सल्टौआ स्थित उप डाकघर को आधार सेंटर बनाया गया था, लेकिन एक माह से ज्यादा समय हो गया, यहां पर आधार कार्ड का काम बंद पड़ा है।
राजकुमार, जिनवा
आधार बनवाने व संशोधन सहित अपडेट व मोबाइल नंबर चेंज कराने के लिए बड़ी समस्या हो रही है। आए दिन बस्ती तक दौड़भाग करनी पड़ रही है।
रामतीरथ, जिनवा
आधार कार्ड में संशोधन कराना है। सुबह घर से निकलने के बाद आधार केंद्र पर पूरा दिन लग जाता है, लेकिन काम नहीं हो पाने से काफी परेशानी होती है।
मोहन, रेहार बाबू
आधार कार्ड बनवाने से लेकर संशोधन की सुविधा का व्यापक प्रबंध होना चाहिए। महिलाओं के लिए सरकार को विशेष प्रबंध करना चाहिए, जिससे उन्हें परेशान न होना पड़े।
मीनाक्षी, मझौआ खुर्द
आधार कार्ड में संशोधन कराना है। इसके लिए प्रधान डाकघर पर आए हैं। यहां अभी एक दिन पहले लगा एडवांस नंबर चल रहा है। अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
गुड़िया, गनेशपुर
आधार कार्ड के लिए ग्रामीण बहुत परेशान थे। यूआईडी संशोधन केंद्र बेतियाहाता गोरखपुर की मदद से 15 दिनों का कैम्प लगाकर आधार कार्ड बनाया जा रहा है।
कृष्ण कुमार चौधरी, प्रधान, भितरी पचानू
बोले जिम्मेदार
डाकघरों के माध्यम से आधार कार्ड बनाने व संशोधन की व्यवस्था को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बस्ती के प्रधान डाकघर में आमजन की सुविधा के लिए दो काउंटर संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा अमोढ़ा, बभनान, बस्ती बीएस, बस्ती कचहरी, कप्तानगंज, गांधीनगर, कलवारी, महसो, मुंडेरवा, नगर बाजार, पुरानी बस्ती, सल्टौआ, वाल्टरगंज में आधार केंद्र हैं। इनमें कुछ स्थानों पर तकनीकी खामियों से आधार का कार्य प्रभावित हो पा रहा है। आधार के लिए डाक कर्मियों की ट्रेनिंग भी कराई जा रही है। जिससे पर्याप्त प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध हो सकें।
संजय त्रिपाठी, डाक अधीक्षक, बस्ती मंडल
स्कूली बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए जिले के ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर व्यवस्था बनाई गई है। वर्तमान में 14 में से 11 बीआरसी पर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। लेकिन नेटवर्क की समस्या से इसमें समस्या आ रही है। इसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशिक्षित स्टाफ की कमी को भी दूर करने पर फोकस किया जा रहा है। जिन स्कूली बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना है। शिक्षकों व अभिभावकों की मदद से उनका आधार कार्ड प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। सभी ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर आधार कार्ड केंद्र संचालित कराने का प्रयास किया जा रहा है।
अनूप कुमार तिवारी, बीएसए, बस्ती
आधार निर्माण और संशोधन एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से एजेन्सियां नामित हैं। डाकघर, बेसिक शिक्षा विभाग के सेंटर, बैंक व बीएसएनएल को आधार बनाने, संशोधन के लिए अधिकृत किया गया है। सभी जगहों पर समुचित तरीके से काम हो, इसके लिए बैंक समन्वयकों और लीड बैंक से बात की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग के सभी सेंटरों को सक्रिय किया जाएगा। डाक विभाग और बीएसएनएल के सेंटरों को समय से निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया गया है।
- रवीश गुप्ता, डीएम, बस्ती
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