अब नहीं चल पाएगी... महाकुंभ स्पेशल को बीच रास्ते में खड़ी कर ट्रेन से उतर गया ड्राइवर, पुलिस प्रशासन में खलबली
रवाना हुई एक कुंभ स्पेशल को मिर्जापुर तक लाने के बाद लोको पायलट (ड्राइवर) ट्रेन को खड़ी कर नीचे उतर गया। अधिकारियों और कंट्रोल को मैसेज कर लगातार ड्यूटी करने का हवाला देते हुए कह दिया कि अब नहीं चल पाएगी।
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महाकुंभ के लिए रेलवे लगातार प्रयागराज से ट्रेनों का संचालन कर रहा है। हर चार मिनट पर प्रयागराज से एक ट्रेन रवाना हो रही है। इस बीच यहां से रवाना हुई एक कुंभ स्पेशल को मिर्जापुर तक लाने के बाद लोको पायलट (ड्राइवर) ट्रेन को खड़ी कर नीचे उतर गया। अधिकारियों और कंट्रोल को मैसेज कर लगातार ड्यूटी करने का हवाला देते हुए कह दिया कि अब नहीं चल पाएगी। उसका संदेश मिलते ही पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। मामला वाराणसी में ए़डीजी जोन तक पहुंच गया। उनके निर्देश पर मिर्जापुर पुलिस भी पहुंची। रेलवे से समन्वय बनाते हुए दूसरा ड्राइवर भेजकर गाड़ी को रवाना किया गया। इस दौरान लगभग दो घंटे तक ट्रेन खड़ी रही। जिससे तीर्थयात्रियों ने दिक्कत झेली।
प्रयागराज रामबाग स्टेशन से शुक्रवार को तीर्थयात्रियों से भरी कुंभ मेला स्पेशल को लेकर लोको पायलट नत्थूलाल रवाना हुए। दोपहर 1.15 बजे निगतपुर ट्रेन पहुंची तो स्टेशन मास्टर को मेमो देकर लोको पायलट ने ट्रेन खड़ी कर दी। एसएम ने इसकी जानकारी रेलवे कंट्रोल रूम को दी। बकौल नत्थूलाल उनकी ड्यूटी लगातार 16 घंटे से ज्यादा हो गई थी। इससे वह थक गए थे। जिससे ट्रेन को आगे ले जाने में असमर्थता जता दी। कंट्रोल को लिखकर भेज दिया कि 16 घंटे से लगातार ड्यूटी कर रहा हूं। अब मैं थक चुका है। मुझसे अब ट्रेन नहीं चल पाएगी। इसलिए मैं ट्रेन को छोड़कर जा रहा हूं।
ट्रेन खड़ी होने से श्रद्धालु परेशान हो गए। कई यात्री स्टेशन मास्टर कार्यालय पहुंच गए। इसकी जानकारी मिलते ही अपर पुलिस महानिदेशक (वाराणसी जोन) पीयूष मोर्डिया को मिली तो उन्होंने मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक से बात की। एसपी के निर्देश पर कछवा पुलिस मौके पर पहुंच गई। थानाध्यक्ष ने तीर्थयात्रियों को समझाया और रेलवे के अधिकारियों से बात कर दूसरा लोको पायलट बुलवाया। दोपहर 3.25 बजे ट्रेन को वाराणसी के लिए रवाना किया गया।
कुम्भ 2019 की तुलना में चार गुना अधिक विशेष ट्रेनें चलीं
महाकुम्भ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ने झूंसी और प्रयागराज रामबाग स्टेशनों से रिकॉर्ड ट्रेनें संचालित की। वर्ष 2019 के कुम्भ में चार दिनों में जहां मात्र 36 मेला विशेष ट्रेनें चलाई गई थीं, वहीं इस बार एक ही दिन में 39 मेला विशेष गाड़ियों का संचालन किया गया, जो तुलनात्मक रूप में चार गुना अधिक है।
महाकुम्भ के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को झूंसी एवं प्रयागराज रामबाग स्टेशनों से 39 मेला विशेष गाड़ियां, 12 नियमित ट्रेनें, दो रिंग रेल और एक लंबी दूरी की ट्रेन सहित कुल 54 ट्रेनों का संचालन किया गया। अगले दिन यानी 30 जनवरी की शाम तक 32 ट्रेनें विभिन्न गंतव्यों के लिए रवाना की गईं। इनमें गोरखपुर के लिए नौ, भटनी के लिए पांच, बलिया के लिए चार, छपरा और मऊ के लिए तीन-तीन, बनारस, वाराणसी सिटी और गाजीपुर सिटी के लिए दो-दो, औंड़िहार के लिए एक और एक रिंग रेल शामिल है।
गंगा पर नया रेल पुल बनने से झूंसी और प्रयागराज रामबाग स्टेशन यात्रियों के लिए गेम चेंजर साबित हुए। इन स्टेशनों से हर 25 मिनट पर ट्रेनें चलाई गईं, जिससे यात्रियों को सुगमता से उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। इतना ही नहीं, ट्रेनों के दोनों ओर इंजन लगाए गए, जिससे इंजन रिवर्सल की आवश्यकता नहीं रही और संचालन अधिक कुशलता से हो सका।