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महाकुंभ में बना महारिकॉर्ड, संगम नगरी में स्नान करने वालों की संख्या 50 करोड़ के पार

महाकुंभ में महारिकॉर्ड बन गया है। उम्मीद से भी कहीं ज्यादा 50 करोड़ लोग अब तक स्नान कर चुके हैं। शुक्रवार को बिना किसी खास पर्व के भी शाम छह बजे तक ही एक करोड़ के करीब लोग स्नान कर चुके थे।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, महाकुम्भ नगर वरिष्ठ संवाददाताFri, 14 Feb 2025 08:31 PM
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महाकुंभ में बना महारिकॉर्ड, संगम नगरी में स्नान करने वालों की संख्या 50 करोड़ के पार

महाकुंभ में शुक्रवार को महारिकॉर्ड बन गया। यहां स्नान करने वालों की संख्या 50 करोड़ के पार हो गई है। जबकि 45 दिनी आयोजन का अभी 33वां ही दिन है। ऐसे में साफ है कि अब रोजाना नए-नए रिकॉर्ड बनेंगे। शुक्रवार को भी स्नान करने वालों का आंकड़ा एक करोड़ के करीब पहुंच चुका है। शाम छह बजे तक ही गंगा-यमुना और संगम में डुबकी लगाने वालों की संख्या 92 लाख 84 हजार के पार हो गई। मेला क्षेत्र में हालात ऐसे हैं कि यहां पर आम दिनों में भी माघ महीने के प्रमुख स्नान पर्व जैसा नजारा दिख रहा है।

सिर पर गठरी बांधे लोग हर दिशा से मीलों पैदल चलकर संगम की ओर बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को भी स्थिति ऐसी हो गई कि कई बार मेला व पुलिस प्रशासन को जोनल प्लान लागू कर श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र की बैरिकेडिंग में रोकना पड़ा, जिससे संगम क्षेत्र खाली हो सके।

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शुक्रवार को न मकर संक्रांति थी न मौनी और बसंत पंचमी, लेकिन यहां पर श्रद्धालुओं का हुजूम शहर से संगम की ओर बढ़ रहा था। इसका बड़ा कारण शायद यही रहा कि बहुत सारे लोग शुक्रवार को त्रिजटा स्नान मान रहे हों। मान्यता है कि इस स्नान पर्व पर संगम में डुबकी लगाने से एक महीने के कल्पवास का पुण्य मिल जाता है।

हालांकि तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि त्रिजटा स्नान शनिवार को है। शुक्रवार सुबह आठ बजे ही 18.20 लाख श्रद्धालुओं के स्नान का दावा मेला प्रशासन ने किया। हालांकि कल्पवासी लगातार मेले से निकल रहे हैं, शुक्रवार को केवल दो लाख कल्पवासी ही मेला क्षेत्र में मौजूद रहे। श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता ही रहा। मेले के अंदर भीड़ का दबाव देखने के बाद पुलिस प्रशासन को लाल सड़क पर मेला प्राधिकरण कार्यालय के सामने बैरिकेडिंग कर श्रद्धालुओं को दो हिस्सों में अलग-अलग सड़कों पर भेजना पड़ा।

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नौ नंबर पांटून देखकर ही चौंक गए अफसर

महाकुम्भ नगर। स्थिति ऐसे हो गई कि संगम में भीड़ का दबाव बढ़ने पर बार-बार लोगों को रोकना पड़ गया। झूंसी की ओर से आने वाले पांटून पुल नंबर नौ पर सुबह 11 बजे से 12:30 बजे तक हालात एकदम बेकाबू हो गए थे। पूरा पांटून पुल ऐसे भरा था कि एक कदम बढ़ाना भी मुश्किल हो रहा था। पुल से उतरते वक्त श्रद्धालु रुकते और आगे रास्ता खुलने पर निकलते। इस दौरान पीछे से और अधिक दबाव बढ़ जाता। हालांकि लगभग एक बजे जब भीड़ निकली तो पांटून पुल पर स्थिति सामान्य दिखी।

भारत-चीन छोड़ किसी भी देश की जनसंख्या से ज्यादा पहुंचे महाकुंभ

महाकुंभ में स्नान करने वालों का आंकड़ा 50 करोड़ पार करने के बाद सरकार ने कहा कि केवल भारत और चीन की आबादी ही महाकुंभ में आ चुके श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में ज्यादा है। अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और ब्राजील जैसे देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा लोग महाकुंभ आ चुके हैं।

अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के अनुसार, दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में भारत (एक अरब 41 करोड़ 93 लाख 16 हजार 933), चीन (एक अरब 40 करोड़ 71 लाख 81 हजार 209), अमेरिका (34 करोड़, 20 लाख 34 हजार 432), इंडोनेशिया (28 करोड़, 35 हजार 87 हजार 097), पाकिस्तान (25 करोड़ 70 लाख 47 हजार 044), नाइजीरिया (24 करोड़ 27 लाख 94 हजार 751), ब्राजील (22 करोड़, 13 लाख 59 हजार 387), बांग्लादेश (17 करोड़ एक लाख 83 हजार 916), रूस (14 करोड़, एक लाख, 34 हजार 279) और मेक्सिको (13 करोड़ 17 लाख 41 हजार 347) शामिल हैं।

महाकुंभ की शुरुआत से पहले सरकार ने अनुमान लगाया था कि इसमें 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। पिछली 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर एक ही दिन में महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिए रिकॉर्ड आठ करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे। आधिकारिक घोषणा के अनुसार 29 जनवरी की सुबह संगम में मची भगदड़ में 30 तीर्थयात्रियों की मौत हो गयी थी तथा 60 अन्य घायल हो गये थे।

शुक्रवार को ऐसे आते रहे श्रद्धालु

सुबह आठ बजे तक 18.20 लाख

सुबह 10 बजे तक 40.02 लाख

दोपहर 12 बजे तक 53.95 लाख

दोपहर दो बजे तक 73.19 लाख

शाम चार बजे तक 79.73 लाख

शाम छह बजे तक 92.84 लाख

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