महाकुंभ श्रद्धालुओं का वाराणसी में पलट प्रवाह, आठवीं तक के स्कूल 22 फरवरी तक बंद
महाकुंभ के कारण एक तरफ प्रयागराज जाम में जकड़ा हुआ है तो दूसरी ओर प्रलट प्रवाह से वाराणसी में भी जाम की स्थिति भयावह हो गई है। इससे एक बार फिर से आठवीं तक के स्कूलों कों बंद करना पड़ा है।
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महाकुंभ के प्रलट प्रवाह से वाराणसी में श्रद्धालुओं का रेला आना जारी है। इसे देखते हुए वाराणसी में शहरी क्षेत्र के आठवीं तक के स्कूलों को एक बार फिर बंद कर दिया गया है। बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन कराई जाएगी। इस बाबत वाराणसी के जिलाधिकारी ने आदेश जारी कर दिया है। डीएम के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी स्कूलों और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि डीएम के आदेश का सभी स्कूलों में कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए।
बीएसए अरविंद कुमार पाठक के अनुसार जिलाधिकारी ने नगर क्षेत्र के कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यालयों को 22 फरवरी तक बंद करने और केवल ऑनलाइन क्लास चलाने का आदेश दिया है। बीएसए के अनुसार परिषदीय के साथ ही सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड पर भी आदेश लागू होगा। यह भी कहा गया है कि सभी खंड शिक्षा अधिकारी और सभी निजी के साथ मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापक/ प्रबंधक आदेश का पालन सुनिश्चित करेंगे।
वाराणसी में शनिवार से काशी तमिल संगमम् के शुभारंभ के मौके पर वीवीआईपी आगमन को लेकर अचानक डायवर्जन और प्रतिबंध से लगे ‘महाजाम’ में पूरा शहर और इसके इंट्री प्वाइंट वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इससे स्कूली बसें, एंबुलेंस समेत सभी वाहन सात घंटे जस के तस खड़े रहे।
सात घंटे फंसी रहीं स्कूली बसें
पड़ाव चौराहे के पास करीब 30 स्कूली बसें दोपहर 2 से लेकर रात 9 बजे तक यानी सात घंटे तक फंसी रहीं। बसों में बच्चे जाम से बिलबिला गए। शाम 7.30 बजे के बाद जैसे-तैसे रामनगर तो कुछ राजघाट से निकलनी शुरू हुईं। नमो घाट पर वीवीआईपी आगमन को लेकर पड़ाव चौराहे से राजघाट पुल पर आवागमन रोक दिया गया। सभी वाहनों को रामनगर के सामनेघाट पुल और विश्वसुंदरी पुल की ओर से रवाना करने का निर्देश जारी हुआ। इस बीच दोपहर बाद स्कूलों की छुट्टियां हुईं तो चौराहे के पास बसें जाम में जहां-तहां फंस गईं।
इसके बाद रात 9 बजे के बाद तक जाम लगा रहा। इसमें स्कूल बसों के अलावा सवारी वाहन, सरकारी और प्राइवेट बसें, ऑटो, ई-रिक्शा फंसे रहे। कैंट की रश्मि पाठक ने बताया कि बसों में फंसे बच्चे जाम से रोने लगे थे। सुमंत अग्रहरि का कहना था कि यह प्रशासनिक विफलता है, जिससे स्कूल की बसें 5 से 7 घंटे तक जाम में फंसी रहीं।
टेंगरा मोड़ से पड़ाव तक रेला ट्रैफिक रोकने से पड़ाव चौराहे से लेकर रामनगर, सामनेघाट पुल, टेंगरा मोड़ होते हुए विश्वसुंदरी पुल तक जाम लगा रहा। शाम करीब 5.30 बजे राजघाट पुल से आवागमन जारी होने के बाद भी रात 9 बजे तक जाम लगा रहा।