Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Mahakumbh Crowd even after Mauni Amavasya five reasons why Sangam is attracting devotees

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के बाद भी जनसैलाब, पांच कारण जो श्रद्धालुओं को अपनी तरफ खींच रहा संगम

महाकुंभ में मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के बाद इतनी भीड़ कभी नहीं दिखती थी। बसंत पंचमी के बाद तो केवल स्थानीय लोग ही स्नान करते दिखाई देते थे। इस बार फिर क्यों इतना जनसैलाब नजर आ रहा है। इसके कारणों पर चर्चा हो रही है। फिलहाल पांच बड़े कारण सामने आए हैं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, महाकुंभ नगर (प्रयागराज): हिन्दुस्तान टाइम्सMon, 10 Feb 2025 11:12 PM
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महाकुंभ में मौनी अमावस्या के बाद भी जनसैलाब, पांच कारण जो श्रद्धालुओं को अपनी तरफ खींच रहा संगम

महाकुंभ में मौनी अमावस्या समेत तीनों अमृत स्नानों के बाद भी श्रद्धालुओं का जनसैलाब प्रयागराज की ओर आता ही जा रहा है। स्थिति यह हो गई है कि प्रयागराज के पड़ोसी जिलों प्रतापगढ़, जौनपुर, मिर्जापुर, कौशांबी, सुल्तानपुर और भदोही और मध्य प्रदेश से जुड़ने वाली रीवा की सड़कों पर अघोषित नाकेबंदी करनी पड़ रही है। यहां 20 से 40 किलोमीटर तक गाड़ियों का जाम दिखाई दे रहा है। मौनी अमावस्या के बाद भी रोजाना एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज आ रहे और स्नान कर रहे हैं। अब 12 फरवरी बुधवार को माघी पूर्णिमा स्नान अधिकारियों के लिए चुनौती बन गया है। लखनऊ से एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश को भी सोमवार को प्रयागराज भेज दिया गया। उनके अलावा कई आईएएस और पीसीएस अफसर भी भेजे गए हैं। प्रयागराज से दूर देश दुनिया में बैठे लोग भी हैरान हैं कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आगमन के पीछे कारण क्या हैं।

पिछले कुछ कुंभ मेलों की बात करें तो वसंत पंचमी के बाद स्थानीय लोग ही स्नान के लिए आते थे, बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो जाती थी लेकिन इस बार नजारा कुछ अलग है। शायद 144 साल बाद महाकुम्भ के पुण्य योग का असर है कि पहली बार मेला प्रशासन को वसंत पंचमी के बाद हर दिन भीड़ नियंत्रण का वही प्लान लागू करना पड़ रहा है, जो महाकुम्भ के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर लागू किया जाता है।

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मेला क्षेत्र की शायद ही कोई सड़क हो जहां सुबह चार बजे से हुजूम संगम की ओर जाता न दिखता हो। छह से आठ बजे के बीच तो संगम नोज पैक हो जा रहा है। आठ बजे के बाद से ही डायवर्जन के सभी नियम लागू करने पड़ रहे हैं। काली मार्ग से श्रद्धालुओं को सीधे संगम न भेजकर दारागंज दशाश्वमेध, नागवासुकि और काली व रामघाट के बीच स्नान करवाना पड़ रहा है।

सोमवार छह बजे तक एक करोड़ की संख्या पार

सुबह आठ बजे तक 64.19 लाख

सुबह 10 बजे तक 63.75 लाख

दोपहर 12 बजे तक 73.26 लाख

दोपहर दो बजे तक 82.97 लाख

शाम चार बजे तक 1.02 करोड़

शाम छह बजे तक 1.10 करोड़

पांच कारण जिसके कारण खींचे आ रहे श्रद्धालु

पहला कारणः प्रयागराज तक बेहतर कनेक्टिविटी

महाकुंभ में उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने के पीछे सबसे बड़ा कारण रेल के साथ ही हवाई और सड़क मार्ग की शानदार कनेक्टिविटी को माना जा रहा है। पहले सड़क मार्ग से चलना लोगों को कम ही पसंद होता था। लोग ज्यादातर ट्रेनों से ही यहां आते थे। इस बार सड़क मार्ग से आने वालों का रेला लगा हुआ है। दक्षिण के तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक तक से लोग सड़क मार्ग से अपनी गाड़ियों से ही यहां चले आ रहे हैं।

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दूसरा कारणः डिजिटल प्रचार और जागरूकता

महाकुंभ में अप्रत्याशित भीड़ के लिए इसके प्रचार को भी कारण माना जा रहा है। सोशल मीडिया, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और डिजिटल मार्केटिंग के व्यापक उपयोग ने इसे लेकर लोगों के अंदर जागरूकता पैदा की है। हर कोई महाकुंभ के बारे में लगातार सुन रहा है तो उसे लगता है कि एक बार जरूर जाना चाहिए। सोशल मीडिया के साथ ही टीवी चैनलों, रेडियो और न्यूज पेपर के जरिए हुए प्रचार महाकुंभ को घर-घर तक पहुंचाया है। इससे खासकर युवा पीढ़ी आकर्षित हुई है।

तीसरा कारणः आध्यात्मिक महत्व, सुविधाएं

वैसे तो प्रयागराज में हर साल माघ मेला लगता है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग एक महीने तक कल्पवास करते हैं। इस बार जब 12 साल के बाद कुंभ का आयोजन हुआ तो माघ में स्नान का आध्यात्मिक महत्व समझ आया है। कहने को तो अभी महाशिवरात्रि यानी 26 फरवरी तक महाकुंभ है लेकिन माघ महीना 12 फरवरी को पूर्णिमा के साथ ही खत्म हो रहा है। ऐसे में माघ के आध्यत्मिक महत्व को देखते हुए हर कोई 12 या 12 से पहले स्नान करना चाहता है। इसके साथ ही इस बार कई कंपनियों ने संगम और गंगा यमुना के किनारे आकर्षक टेंट सिटी बनाई हैं। लोगों के संगम किनारे ही रहने की शानदार होटलों जैसी सुविधा मिल जा रही है।

चौथा कारणः ग्रह-नक्षत्र और ज्यातिषीय संयोग

कुंभ तो वैसे हर 12 साल में आता है लेकिन इस बार खास योग भी बन रहा है। कहा जा रहा है कि 144 साल बाद खगोलीय पिंडों, विशेष रूप से ग्रहों और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बन रहा है जो समुंद्र मंथन के समय बना था। ज्योतिषी गणना के अनुसार माघ पूणिमा पर बुधवार को श्लेषा नक्षत्र और सौभाग्य योग व्याप्त रहेगा। इससे पर्व का पुण्यफल बढ़ जाएगा। साथ ही चंद्रमा अपनी राशि कर्क में संचरण करेंगे। इस दिन ग्रहण का सुंदर योग बन रहा है। जहां शुक्र अपनी उच्च राशि मीन राशि, चंद्रमा अपनी स्वराशि में, शनि अपने स्वराशि में विद्यमान रहकर शुभता बढ़ाएंगे। साथ ही देवगुरु बृहस्पति अपने नवम दृष्टि से गुरु आदित्य नामक राजयोग का निर्माण करेंगे। इस दिन बुध राशि का सुबह 10 बजे परिवर्तन करके कुंभ राशि में संचरण करेगा। माघी पूर्णिमा पर तिल, कंबल, अन्न, वस्त्र व द्रव्य का दान शुभदायक होगा। स्नान-दान से सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

पांचवां कारणः राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में खबरों का सुव्यवस्थित प्रवाह

महाकुंभ इस बार राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भी छाया हुआ है। बड़ी संख्या में नामी गिरामी विदेशी हस्तियां भी कुंभ आ रही हैं। उनसे जुड़ी खबरें छाई हुई हैं। लोग इन्हें इस तरह से महाकुंभ में आते देखकर एक तरफ बेहद उत्साहित हैं तो दूसरी ओर खुद भी प्रयागराज आने को लालायित हो जा रहे हैं। कई विदेश पत्रकार और संस्थाएं महाकुंभ को लेकर शोध भी कर रही हैं।

ट्रैफिक में देरी प्रशासनिक असफलता है? क्या बोले डीजीपी

महाकुम्भ में लगातार उमड़ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं की वजह से ट्रैफिक में लोगों को देरी हो रही है। इसे प्रशासनिक असफलता नहीं माना जाना चाहिए। श्रद्धालुओं की असाधारण संख्या की वजह से ऐसा हो रहा है। अब तक 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान कर चुके हैं। हर दिन लाखों लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इस स्थिति में वाहनों और लोगों के आवागमन को प्रबंधित करना किसी भी प्रशासन या पुलिस बल के लिए अब तक की सबसे कठिन चुनौती के रूप में सामने है।

डीजीपी ने कहा कि इन स्थितियों के बावजूद यूपी पुलिस के हर सिपाही से लेकर बड़े अफसर दिन रात परिश्रम कर रहे हैं। वे श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन देने के साथ ही उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रख रहे हैं। शहर को व्यवस्थित बनाए रखने में पुलिस अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। उन्होंने कहा दुनिया में कहीं ऐसी मिसाल नहीं है कि किसी पुलिस बल ने इतनी विशाल संख्या में लोगों और वाहनों के आवागमन को इतनी दक्षता से प्रबंधित किया जा रहा हो। यह सिर्फ एक आयोजन का संचालन नहीं, बल्कि इतिहास रचने जैसा कार्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सघन पर्यवेक्षण में यूपी पुलिस की रणनीतिक योजना, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और अथक सेवा इस आयोजन को वैश्विक मानक बना रही है। आने वाली पीढ़ियां इसे अनुशासन, समर्पण और कर्तव्यपरायणता के तौर पर याद करेंगी।

आलोचना स्वाभाविक पर तारीफ भी जरूरी

डीजीपी ने कहा कि मीडिया एवं सोशल मीडिया पर आलोचना होना स्वाभाविक है, लेकिन यह देखना भी हृदयस्पर्शी है कि कई श्रद्धालु चाहे वह आम लोग हों या वीआईपी-वीडियो के माध्यम से पुलिस और प्रशासन के असाधारण प्रयासों की सराहना कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को दोपहर के प्रयागराज शहर और अंतर- जनपदीय सीमाओं के वीडियो पर कहा कि ट्रैफिक सामान्य हो गया है जो यूपी पुलिस के प्रयासों का प्रमाण है। केवल आलोचना पर ध्यान देने की बजाय, यह भी देखना चाहिए कि पुलिस किस तरह से समर्पण और संघर्ष के साथ इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने में लगी है। उन्होंने अपने हर पुलिसकर्मी को सलाम करते हुए कहा कि वे वह नायक हैं, जो हर दिन असंभव को संभव बना रहे हैं।

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