महाकुंभ में ग्रीस की युवती ने भारतीय युवक से रचाई शादी, जूना अखाड़े के संत ने किया कन्यादान
- प्रयागराज में 144 साल बाद लगे महाकुंभ को सभी लोग यादगार बना लेना चाहते हैं। ग्रीस की एक युवती ने भी कुछ ऐसा ही किया है। इस युवती ने यहां पर एक भारतीय युवक से शादी रचाई है।
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प्रयागराज में 144 साल बाद लगे महाकुंभ को सभी लोग यादगार बना लेना चाहते हैं। ग्रीस की एक युवती ने भी कुछ ऐसा ही किया है। इस युवती ने यहां पर एक भारतीय युवक से शादी रचाई है। युवती का नाम पेनेलोप और पुरुष का नाम सिद्धार्थ है। रविवार को यह दोनों महाकुंभ में एक-दूसरे के हो गए। शादी के बाद इस युगल ने कहाकि उन्होंने महाकुंभ में इसलिए शादी रचाई क्योंकि वह दैवीय और आध्यात्मिक ढंग से वैवाहिक जीवन शुरू करना चाहते थे। शादी के मौके पर होने वाली पार्टी और पीने-पिलाने का कल्चर उन्हें पसंद नहीं है।
ग्रीक युवती और भारतीय युवक की शादी में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी ने कन्यादान की रस्म निभाई। इस दौरान दुल्हन की मां और उनके अन्य रिश्तेदार भी यहां पर मौजूद थे। स्वामी यतींद्रानंद गिरी ने बताया कि ग्रीक युवती ने कुछ साल पहले सनातन धर्म को अपना लिया था। वह भगवान शंकर की भक्त है। उन्होंने बताया कि सिद्धार्थ भी हमारा भक्त है। वह योग के प्रचार और सनातन की सेवा के लिए कई देशों में जा चुका है। आज परंपराओं का पालन करते हुए इन दोनों को अग्नि के फेरे कराकर विवाह की रस्म पूरी की गई।
भारत में शादी रचाकर पेनेलोप भी बेहद खुश नजर आई। उन्होंने कहाकि इस आध्यात्मिक ढंग से अपना जीवनसाथी चुनना एक अलग अनुभव रहा। उन्होंने अपने इस अनुभव को शब्दों से भी ज्यादा जादुई बताया। पेनेलोप ने कहाकि वह एक नई संस्कृति को अपनाने के लिए बेहद उत्साहित थीं। उन्होंने कहाकि मैंने कभी किसी भारतीय शादी में हिस्सा नहीं लिया था। आज मैं खुद दुल्हन बनी हुई थी। मेरे लिए सबकुछ नया था, लेकिन सबकुछ परिचित था।
इसलिए चुना प्रयागराज
सिद्धार्थ ने कहाकि सबसे विशुद्ध रूप से शादी रचाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने प्रयागराज को चुना। उन्होंने कहाकि हम सब जानते हैं कि संगम इस वक्त देश और दुनिया ही नहीं, बल्कि ब्रह्मांड का सबसे बेहतरीन स्थान है। सभी तरह की पवित्रता और आध्यात्मिकता यहां पर मौजूद है। इस कपल ने तय किया है कि वह महाकुंभ के अंत तक यहां पर रुकेंगे और 29 जनवरी को संगम पर स्नान करेंगे। पेनेलोप ने कहाकि मैं इसे मिस नहीं करना चाहूंगी। हम महाकुंभ की शुरुआत से ही यहां पर हैं और हम तब तक यहीं रहेंगे जब तक यह पूर्ण नहीं हो जाता। उन्होंने कहाकि मेरी मां भी इस स्नान का हिस्सा बनेंगी।