गुणवत्तापूर्ण रिसर्च करना काफी नहीं, दृश्यता और मान्यता मिलना जरूरी
Lucknow News - लखनऊ विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग ने थाइम के सहयोग से शोध दृश्यता और प्रभाव बढ़ाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया। विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल मिश्रा ने शोधकर्ताओं को साइंस ऑफ सिंथेसिस पोर्टल तक...

एलयू के रसायन विज्ञान विभाग में शोध दृश्यता और प्रभाव बढ़ाने वाली कार्यशाला लखनऊ, संवाददाता।
लखनऊ विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग व थाइम की ओर से प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में सफलता के लिए रणनीति पर शोध दृश्यता और प्रभाव बढ़ाने वाली कार्यशाला का आयोजन किया। विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल मिश्रा ने विभाग के शोधकर्ताओं को निःशुल्क साइंस ऑफ सिंथेसिस पोर्टल तक पहुंच प्रदान करने के लिए थाइम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आज के तेजी से विकसित हो रहे शैक्षणिक और वैज्ञानिक वातावरण में केवल गुणवत्तापूर्ण शोध करना ही पर्याप्त नहीं है। शोधकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए भी सक्रिय रूप से काम करना चाहिए कि उनके काम को वह दृश्यता और मान्यता मिले जिसके वह हकदार हैं। साइंस ऑफ सिंथेसिस पोर्टल 1800 के दशक की शुरुआत से लेकर आज तक कार्बनिक और ऑर्गेनोमेटेलिक रसायन विज्ञान के पूरे क्षेत्र के लिए विकसित सिंथेटिक पद्धति की एक महत्वपूर्ण समीक्षा प्रदान करता है। समन्वयन विभाग की ओर से डॉ. नीरज कुमार मिश्रा, डॉ. विनय कुमार सिंह और थाइम से विनीत शर्मा ने किया। संचालन थाइम समूह में रसायन विज्ञान पत्रिका के अधिग्रहण संपादक डॉ. रोहित भाटिया ने किया।
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