Hindi NewsUttar-pradesh NewsLucknow NewsUttar Pradesh Government Lowers Educational Qualification for Outsourced Staff to High School

एडेड कालेजों में आउटसोर्सिंग वाले चतुर्थ श्रेणी पदों की शैक्षिक अर्हता होगी हाईस्कूल पास

Lucknow News - लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी ने विधान परिषद में

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 24 Feb 2025 09:37 PM
share Share
Follow Us on
एडेड कालेजों में आउटसोर्सिंग वाले चतुर्थ श्रेणी पदों की शैक्षिक अर्हता होगी हाईस्कूल पास

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी ने विधान परिषद में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में शैक्षिक अर्हता के मुद्दे पर कहा कि एडेड इंटर कॉलेजों में आउटसोर्सिंग पर भर्ती होने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की शैक्षिक अर्हता अब हाईस्कूल होगी। अभी तक इसकी शैक्षिक अर्हता इंटर पास थी।

सोमवार को विधान परिषद में निर्दल समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल ने कार्यस्थगन के तहत शून्य काल में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में शैक्षिक अर्हता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एडेड कॉलेजों में आउटसोर्सिंग से भर्ती हो रही है। इसके लिए शैक्षिक अर्हता इंटरमीडिएट तय की गई है। खासतौर से सफाई कर्मियों के लिए भी शैक्षिक अर्हता इंटरमीडिएट कर दी गई है। यह उचित नहीं है। पूरक प्रश्न करते हुए शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने राज बहादुर सिंह चंदेल का समर्थन करते हुए कहा कि सफाई कर्मी का कभी प्रमोशन भी नहीं होता। ऐसे में शैक्षिक अर्हता का कोई मतलब नहीं है।

जवाब में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की शैक्षिक अर्हता में बदलाव किया जाएगा। इसे इंटरमीडिएट से घटाकर हाईस्कूल किया जाएगा। राज्यमंत्री के इस आश्वासन से शिक्षक दल और निर्दल समूह के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। उनका कहना था कि सफाई कर्मी के लिए किसी शैक्षिक अर्हता की जरूरत नहीं है। इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और सफाईकर्मियों का शोषण होगा। स्थानीय लोगों को ही रखे जाने का प्रावधान भी नहीं किया गया है। ऐसे में होगा यह कि हाईस्कूल और इंटर पास दूर-दराज तक नौकरी हासिल कर लेंगे और उनकी जगह काम कोई और करेगा। इससे वास्तविक सफाईकर्मियों का शोषण होगा। सदस्यों के बार-बार अनुरोध किए जाने के बाद भी गुलाब देवी ने कहा कि अब आज के समय में हाईस्कूल तो जरूरी है। पहले लोग पढ़े-लिखे और साक्षर नहीं होते थे। इसलिए शैक्षिक अर्हता का प्रावधान नहीं किया गया था।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें