मंदिर के आंतरिक धार्मिक स्वरूप, परंपराएं और सेवायतों की भूमिका में कोई भी हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा
Lucknow News - -सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बांके बिहारी मंदिर, There will be no interference in the internal religious structure,

-सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने की दिशा में काम कर रही उत्तर प्रदेश सरकार -घनी आबादी, संकरी गलियों के कारण होने वाली असुविधा के चलते वर्षों से मंदिर कॉरिडोर की मांग करते रहे हैं देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालु -कुंज गलियों और मंदिर प्रांगण में होने वाली अत्यधिक भीड़भाड़ के चलते श्रद्धालुओं को अक्सर झेलनी पड़ती हैं अव्यवस्थाएं और दुर्घटनाएं -पूरे मंदिर क्षेत्र में होल्डिंग एरिया, शौचालय, आपातकालीन मार्ग, परिक्रमा व्यवस्था जैसी आवश्यक जनसुविधाओं का भी है घोर अभाव लखनऊ, विशेष संवाददाता प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने रविवार को कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही राज्य सरकार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
यह कॉरिडोर वर्षों से श्रद्धालुओं की मांग रही है। श्री बांके बिहारी मंदिर घनी आबादी और संकरी गलियों के बीच स्थित है। श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए कुंज गलियों से गुजरना पड़ता है, जो न केवल असुविधाजनक है बल्कि भीड़भाड़ के चलते कई बार अव्यवस्था और दुर्घटनाओं का कारण भी बनता रहा है। होल्डिंग एरिया, शौचालय, आपातकालीन मार्ग, परिक्रमा व्यवस्था जैसी आवश्यक जनसुविधाओं का भी घोर अभाव है। श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या के अनुपात में यह स्थान अत्यंत अपर्याप्त है। स्थानीय लोगों को मिलेंगी रोजगार यही नहीं, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 1939 में ही सिविल कोर्ट की ओर से यहां रिसीवर की नियुक्ति हुई थी, लेकिन रिसीवर की अनुपस्थिति में यहां श्रद्धालुओं को घोर अव्यवस्था और शोषण का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही, रास्ते में पड़ने वाले जर्जर भवन भी हादसों की वजह बन चुके हैं। ऐसे में यह कॉरिडोर जन सुविधा और समय की अनिवार्यता बन गया है। कॉरिडोर बनने से न सिर्फ सुविधा बढ़ेगी, बल्कि श्रद्धालुओं की संख्या में भी व्यापक इजाफा होगा जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर और व्यापार की संभावनाएं दोनों बढ़ेंगी। कॉरिडोर को लेकर प्रतिबद्ध है सरकार प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में देश-विदेश से दर्शन को आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए अब काशी, अयोध्या और विंध्याचल की तर्ज पर विश्व स्तरीय मंदिर कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में एक बड़ी पहल शुरू हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद योगी सरकार श्रद्धालुओं की सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए तेजी से काम में जुट गई है, ताकि भक्त अपने आराध्य के सहज, सुरक्षित और गरिमामय दर्शन कर सकें। कॉरिडोर निर्माण की इस पहल को समाज के विभिन्न वर्गों, सेवायतों, जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, स्थानीय नागरिकों और कलाकारों का व्यापक समर्थन प्राप्त हो रहा है। सोशल मीडिया पर भी सरकार को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कॉरिडोर निर्माण के निर्देश दिए जाने के बाद राज्य सरकार ने मंदिर के आसपास लगभग 5 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय मंदिर क्षेत्र में व्यवस्थित, सुरक्षित और सुगम दर्शन सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। तंग गलियों की जगह चौड़े मार्ग, सुविधाजनक प्रवेश और सुगठित भीड़ प्रबंधन श्रद्धालुओं को एक नया अनुभव प्रदान करेगा। इससे और अधिक श्रद्धालु बांके बिहारी के दर्शनों को आएंगे। पर्यटन बढ़ेगा तो रोजगार के नए-नए अवसर सृजित होंगे। व्यापारियों की आय में भी गुणात्मक वृद्धि होगी और आय के नए-नए स्रोत बनेंगे। अव्यवस्था से मिलेगी मुक्ति राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि बांके बिहारी मंदिर में 1939 से ही सिविल कोर्ट ने रिसीवर को तैनात कर रखा है, लेकिन सामान्यतः यहां रिसीवर अनुपस्थित ही रहते हैं। ऐसे में मंदिर का सारा काम गोस्वामी और यहां के सेवायत ही देखते हैं। कई श्रद्धालुओं का आरोप है कि मंदिर प्रांगण और आसपास के क्षेत्र में इनके कारण अव्यवस्था और शोषण का शिकार होना पड़ता है। कई बार देश विदेश से आए श्रद्धालुओं ने इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से भी की है। जिस तरह से हाल के दिनों में यहां भारी भीड़ उमड़ रही है, हर हफ्ते ही श्रद्धालुओं के साथ इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। इसके अतिरिक्त बांके बिहारी मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले भवन भी काफी जर्जर हैं, जिसके चलते कई बार हादसे हो चुके हैं। श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर इन सारे विवादों का हल हो सकता
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