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बोले लखनऊ: सड़क पर घुटने तक पानी,घरों में सिमटी 25 हजार की आबादी

Lucknow News - लखनऊ के सआदतगंज वार्ड की मुन्नी विहार कॉलोनी में जलभराव की गंभीर समस्या है। यहाँ की गलियों में बारिश के बिना भी पानी भरा रहता है, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 24 Feb 2025 04:17 AM
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बोले लखनऊ: सड़क पर घुटने तक पानी,घरों में सिमटी 25 हजार  की आबादी

लखनऊ। हरदोई-आगरा एक्सप्रेस-वे से सटी सआदतगंज वार्ड की मुन्नी विहार कॉलोनी में आलीशान घर बने हुये हैं, लेकिन बगैर बारिश के भी यहां की गलियों में घुटनों तक पानी भर रहता है। सीवर के चैम्बर बजाबजा रहे हैं। कई जगह पर ओवरफ्लो होकर सड़क पर गंदा पानी बह रहा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक मोहल्ले में जलभराव की समस्या कई वर्षों से बनी है और बारिश के दौरान हालात बद से बदतर हो जाते हैं। हर तरफ पानी ही पानी है और यहां के घरों में भी पानी घुस रहा है। जलभराव की समस्या से तंग लोगों ने कई बार क्षेत्रीय पार्षद से लेकर विधायक तक शिकायत कर चुके हैं। नगर निगम और जलकल अधिकारियों के समक्ष भी फरियाद लगा चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हुआ। जलनिकासी की सुचारू व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां थोड़ी सी बारिश होने पर ही गालियां तालाब बन जाती हैं और घरों से निकलना भी दूभर हो जाता है। साथ ही जलभराव के कारण संक्रामक बीमारियां फैलने का भी खतरा बना रहता है।

जलभराव के कारण मच्छरों की भरमार : कॉलोनी में घरों से निकलने वाला गंदा पानी नालियों और सड़कों में जमा हो रहा है। इससे पानी में मच्छर, मक्खी आदि पैदा हो रहे हैं। बारिश के समय और भी बुरी स्थिति हो जाती है। कॉलोनीवासी गंगाराम, सर्वेश शुक्ला, अनुराग श्रीवास्तव, रामेन्द्र सिंह ने बताया कि कॉलोनी में जल निकासी न होने से मच्छरों की भरमार है। गंदा पानी भरा होने से दुर्गंध रहती है। इससे बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है।

गंगा प्रसाद मौर्या, पीएल वर्मा, कमलेश कुमार, पवन यादव, इजहार अहमद, वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि बारिश के दिनों के अलावा आम दिनों में भी कॉलोनी की गलियों में पानी भरा रहता है। नालियों से पानी सड़कों पर बहता रहता है। इससे आवाजाही में भी काफी परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि निगम अधिकारियों से समस्या के समाधान को लेकर कई बार कहा जा चुका है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

प्रस्तुति : सुमित गुप्ता, सौरभ मिश्रा फोटो : अशफाक जी

बोले जिम्मेदार

मुन्नी विहार कॉलोनी में जलनिकासी की समस्या है। मैंने कच्ची सड़क और जलभराव की समस्या दूर करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। बजट मंजूर होते ही निर्माणकार्य कराया जाएगा। साथ ही पिछले दिनों गली में मलबा भी डलवाया था।

-शिव कुमार यादव, पार्षद, सआदतगंज वार्ड

मुन्नी विहार में सीवर की समस्या को दूर किया जाएगा। इसके लिए टीम को मौके पर भेजकर सर्वे कराया गया है। जहां भी दिक्कतें आ रहीं उन स्थानों को देखा गया है। उम्मीद है कि जल्द लोगों की दिक्कतें दूर हो जाएंगी।

अक्षत सक्सेना, मैनेजर,

सुएज इंडिया कम्युनिकेशन

बच्चा लेकर गिरी महिला, 15 दिन भर्ती रहा मासूम

गंदे पानी के कारण गहराई का पता नहीं चलता। स्थानीय निवासी अर्चना गुप्ता ने बताया कि वह डेढ़ महीने पहले बच्चे को स्कूल छोड़ने जा रही थीं। गंदे पानी में पैर फिसलने से गिर गइंर्। इससे छह साल का मेरा बच्चा जय गुप्ता चोटिल हो गया। चेहरे में गंभीर चोट आ गई। 15 दिन अस्पताल में भर्ती रहा। आज भी चेहरे में दाग के निशान है। अब डर के कारण बच्चा घर से बाहर नहीं निकलता। उन्होंने क्षेत्रीय पार्षद और विधायक से भी शिकायत की। इसके बावजूद जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ।

घर के बाहर मलबा डलवाया

स्थानीय निवासी कुसुम सिंह और शिव प्रभा ने बताया कि मेरे घर के सामने हमेशा गंदा पानी भरा रहता है। इससे बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। स्कूली वैन तक नहीं आती है। मजबूरी में घर के बाहर मलबा डलवाना पड़ा। जिससे गंदा पानी घर के भीतर न घुस सके, लेकिन यह कोई स्थाई समाधान नहीं है।

एम्बुलेंस नहीं आने से बच्चे की मौत हो गई

अगर कोई बीमार हो जाये तो इमरजेंसी में एम्बुलेंस तक नहीं आ पाती। क्योंकि कॉलोनी के भीतर जाने के लिए सिर्फ एक रास्ता है जहां हमेशा जलभराव रहता है। ऐसे में एम्बुलेंस नहीं आ पाती है। मजबूरी में बाइक से मुख्य सड़क तक मरीज को लाना पड़ता है। स्थानीय निवासी पीके शर्मा ने बताया कि दो दिन पहले उनके भतीजे की अचानक तबीयत खराब हो गई। लेकिन समय पर एम्बुलेंस नहीं मिल सकी और समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई।

बयां किया दर्द

1- बीस सालों से मैं इस मुहल्ले की निवासी हूं। करीब दो सालों से यहां की सड़कें बजबजा रही हैं। साफ-सफाई का कोई असर नहीं होता है। सड़क जल्दी बननी चाहिए।

- अर्चना गुप्ता

2- मेरे मुहल्ले की सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हैं। कई दफा आने-जाने वाले वाहनों के साथ दुर्घटना हो चुकी है। कोई संज्ञान नहीं लेता है। आवागमन दुश्वार है।

-निर्मला गुप्ता

3- मेरे गांव में सफाई कर्मी नहीं आते हैं, अगर कभी-कभार आ भी जाएं तो पैसे लेकर साफ-सफाई करते हैं। उसका भी कोई असर नहीं होता है। गंदगी जस की तस रहती है।

- लक्ष्मी गौतम

4- पूरे मुहल्ले के चैंबर भरे पड़े हैं। घर से निकलनें में भी दिक्कत है। सोचना पड़ता है कैसे जाएं? गंदगी इतनी है कि आए दिन हमारे घरों के बच्चे बीमार पड़ते रहते हैं। मुहल्ले में कभी कोई नेता भी नहीं आता है।

-गुड्डी तिवारी

5-घर से निकलने के लिए दूर का रास्ता देखना पड़ता है। कई सालों से सड़क की समस्या है, कोई कदम नहीं उठाया जाता है। घर से मार्केट जाने के लिए भी सोचना पड़ता है। जाएं तो घुम के काभी लम्बा रास्ता तय करना पड़ता है।

-रेनू श्रीवास्तव

6- मुहल्ले भर के सीवर भरे पड़े हैं। यहां आते-आते सारी सुविधाएं खत्म हो जाती हैं। जो सरकारी लाभ भी आता है, बाहर से ही चला जाता है। कूड़े वाले पैसे लेकर सफाई करते हैं।

-रेनू श्रीवास्तव

7-पूरे मुहल्ले की सड़कों पर पानी बह रहे हैंष सड़कों के गढ्डों में बच्चे कई बार गिरकर चोटिल हो चुके हैं। गाड़ी फंस जाती है। मुहल्ले की गंदगी से मच्छरों का आतंक बढ़ गया है।

-शिवप्रभा सिंह

8-सीवर भरे होने के नाते रास्ते पर पानी ओवरफ्लो हो रहा है। गंदे पानी से रास्ते पट चुके हैं। इसके लिए सीवर में 500 से 800 एमएम की पाइप लगनी चाहिए, इससे कुछ समस्या का निराकरण हो सकता है।

-अनुराग श्रीवास्तव

9-सीवर की समस्या तभी जाएगी जब गहरा नाला बनेगा। वरना नालियां यूं ही बजबजाती रहेंगी, बदहाली जस का तस रहेगा। हम टैक्स तो सब देते हैं लेकिन सुविधा कोई नहीं मिलती है।

-पवन यादव

10- चार सालों से मुहल्ले की सड़कों पर जलजमाव की समस्या है। सीवर वाले आते हैं, फोटो खिंचकर ले जाते हैं। कोई स्थाई समाधान नहीं निकालता है। मुहल्ले में झाडू वाला खुद का रखना पड़ता है।

- कुसुम सिंह

11- सड़को पर भरे गंदे पानी की वजह से कई दफा गाड़ी बिगड़ चुकी है। बार-बार ब्रेक खराब हो जाता है। वाहन से गिरने का सिलसिला थमनें का नाम नहीं ले रहा है। कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

-अशहाब

12-मुहल्ले की स्थिति इतनी खराब है कि अब रिश्तेदार तक आने से मना कर देते हैं। आने की बात करने पर कहते हैं सड़क वाली नदी कौन पार करेगा।

-हर्ष

13- हमलोगों की सबसे बड़ी पीड़ा है बदहाल सड़क और चोक नालियां, पानी री सप्लाई भी कभी-कभी ही आती है। पानी के लिए समर सेबुल लगवाना पड़ा है।

-कमलेश कुमार

14-मुहल्ले भर के सीवर चोक हैं। घरों के बाहर पानी तैर रहा है। मैंने अपने घर से निकलने के लिए उसके सामने मलबा डाला है तब तो घर से निकल पाते हैं। घर के सामने पानी बह रहा है।

-गौरव सिंह

15- मेरा छह साल का बेटा करीब डेढ़ महीने पहले पानी भरे गड्ढे में गिर कर चोटिल हो गया था। काफी दवा चली, ईंट-पत्थर से कई जगह चोटें आई थी। आज भी पूरा चेहरा खराब है।

-अर्चना गुप्ता

16- मैं टिक्की बतासे का ठेला लगाता हूं। कई बार पानी में ठेला फंस चुका है। बच्चों को स्कूल भेजने में दिक्कत होती है। घर के छोटे बच्चे कई बार चोटिल हो चुके हैं।

- सुधांशु प्रजापति

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