वक्फ संशोधन विधेयक मंज़ूर नहीं, संयुक्त संसदीय समिति एक धोखा था
Lucknow News - मौलाना कल्बे जवाद ने संयुक्त संसदीय समिति द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी देने की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह समिति धोखा देने के लिए बनाई गई थी और सरकार की मंशा वक्फ संपत्तियों को अपने कब्जे में...
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संयुक्त संसदीय समिति में वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दिए जाने पर मौलाना कल्बे जवाद ने निंदा की। आसिफी मस्जिद में जुमे की नमाज में मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति के गठन के तुरंत बाद हमने कहा था कि यह समिति केवल धोखा देने के लिए है और हमारी बात सच साबित हुई। मौलाना ने कहा कि जिस तरह से संयुक्त संसदीय समिति ने मनमाने ढंग से बैठकें कीं और सरकार के समर्थकों को विधेयक पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया गया था, उससे पता चल रहा था कि औकाफ पर सरकार की नियत ठीक नहीं है। मौलाना ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर अपना पक्ष रखने के लिए अक्सर उन्हीं लोगों को बुलाया गया जिन्हें पद की लालच थी। जो कौम का प्रतिनिधित्व करने की बजाय सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। शिया वक्फ पर पक्ष रखने के लिए किसी प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उलेमा और राष्ट्रीय संगठनों की ओर से पेश किये गये प्रस्तावों को पढ़ने की भी जहमत नहीं की गयी, क्योंकि ये कमेटी सिर्फ धोखा देने के लिए बनाई गई थी। मौलाना ने कहा कि सरकार सभी वक्फ संपत्तियों को अपने कब्ज़े में लेना चाहती है। सरकार नुज़ूल को समझे बिना औकाफ पर कब्ज़ा करने की योजना बना रही है। जिन लोगों ने अंग्रेज़ों का विरोध किया उनकी संपत्तियां नुज़ूल में दर्ज कर दी गईं थी, क्या हमें देशभक्त होने की सजा मिल रही है? ये कांग्रेस की ज़िम्मेदारी थी कि वो वक्फ संपत्ति को नुज़ूल से बाहर कर वक्फ में दर्ज कराने का काम करती, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। जहां तक बी.जे.पी की बात है तो वह कांग्रेस की नीतियों को आगे बढ़ा रही है और इस मामले में बीजेपी कांग्रेस की शिष्य है। मौलाना ने कहा कि इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का पूरा समर्थन करते हैं और उनके हर आंदोलन में शामिल रहेंगे। मौलाना ने कहा कि जल्द ही आंदोलन शुरू होगा। जो भी वक्फ बचाओ आंदोलन में शामिल नहीं होगा, वह कौम का गद्दार कहलाएगा। मौलाना ने कहा कि हमें यह बिल हरगिज मंजूर नहीं है क्योंकि यह वक्फ बिल नहीं बल्कि सांप का बिल है जो औकाफ को डसने के लिए लाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक दल भी मुसलमानों के प्रति ईमानदार नहीं हैं, इसलिए उन पर भरोसा न किया जाय।
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