कम समय में दुगनी रकम का झांसा देने वाले तीन और ठगों को दबोचा
Lalitpur News - फोटो- 1कैप्सन- कोतवाली सदर पुलिस की गिरफ्त में तीन आरोपितकम समय में दुगनी रकम का झांसा देने वाले तीन और ठगों को दबोचा रिपोर्ट दर्ज होने के पश्चात कोतव

फोटो- 1 कैप्सन- कोतवाली सदर पुलिस की गिरफ्त में तीन आरोपित
कम समय में दुगनी रकम का झांसा
देने वाले तीन और ठगों को दबोचा
रिपोर्ट दर्ज होने के पश्चात कोतवाली सदर पुलिस ने की कार्रवाई
झांसी और जालौन जनपद के रहने वाले पकड़े गए तीनों आोरपित
ललितपुर। मल्टीस्टेट कोआपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से बहुत कम समय में रकम दुगनी करने का झांसा देकर भोलेभाले लोगों की जमापूंजी हड़पने वाले शातिर ठगों के खिलाफ जनपद पुलिस की कार्रवाई अभी भी जारी है। कोतवाली सदर पुलिस ने एलयूसीसी से जुड़े तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार करके न्यायालय भेजा।
देश के आठ राज्यों और अट्ठाइस जनपदों में तीस हजार करोड़ रुपये की ठगी करने वाले एलयूसीसी मल्टीस्ट कोआरपेटियव सोसाइटी से जुड़े लगभग दो दर्जन ठग इस समय जिला कारागार में निरुद्ध हैं। इन ठगों के तमाम साझीदार अभी भी इनकी काली कमाई को जमीन आदि कारोबारों में खपा रहे हैं। बीते दिनों कुछ व्यक्तियों ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि इन ठगों ने उनसे धनराशि निवेश कराई और निर्धारित समय पर दुगनी करके वापस नहीं लौटाई। उन्होंने जब धनराशि मांगी तो यह लोग टालमटोल करते रहे। जिस पर पुलिस ने मुकदमा लिखकर मामले की विस्तृत जांच कराई तो विवेचना में कई नाम बढ़ गए। झांसी स्थित पुलिया नंबर नौ निवासी विनय कुमार पुत्र अनन्त कुमार, जालौन के औखेरी में रहने वाले संजीव खरे पुत्र महावीर प्रसाद खरे और जालौन के सुशील नगर निवासी विपुल शुक्ला पुत्र दिनेश चन्द्र शुक्ला भी ठगी के इस कारोबार में शामिल पाए गए। कोतवाली सदर पुलिस ने सर्विलांस, वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन व अन्य एकत्रित साक्ष्यों की मदद से उक्त तीनों आरोपितों को गिरफ्तार करके न्यायालय के माध्यम से जेल भेज दिया। कुछ दिनों पहले ही कोतवाली सदर पुलिस ने इसी मामले में विशाल खुराना व भरत वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया था।
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जमीनों में निवेश करते थे ठगी का धन
ललितपुर। बकौल पुलिस पुछताछ के दौरान आरोपित विनय कुमार ने बताया कि वह झांसी चेस्ट में कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्य करता था। यहां एकत्रित होने वाले धन को समीर अग्रवाल के कहने पर अलग-अलग जगहों पर भेजते थे। वह कंपनी में साझीदार भी था। इससे होने वाली आय से उसने झांसी में जमीन क्रय की और अन्य कार्यों में भी धन का उपयोग किया। आरोपित संजीव खरे ने पुलिस को बताया कि वह कंपनी में डायरेक्टर के रूप में काम करता था। समीर अग्रवाल आदि व्यक्तियों के साथ वह लगातार कांफ्रेंस आयोजित करता था। इन कार्यक्रमों में आम जनमानस को भरोसा दिलाकर उनकी गाढ़ी कमाई इन सोसाइटियों की विभिन्न योजनाओं में निवेश करने के लिये प्रेरित किया जाता था। लोग धनराशि निवेश करते थे। आरोपित विपुल शुक्ला ने पुलिस को बताया कि वह एलयूसीसी में वायस चेयरमैन के पद पर तैनात था। उसने अर्जित किए धन का निवेश जमीनों सहित कई कारोबार में कर रखा है।
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