सात मई से कार्य बहिष्कार करेंगे संविदा कर्मचारी, दिया धरना
Lakhimpur-khiri News - लखीमपुर में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के संविदा कर्मचारियों ने अधीक्षण कार्यालय का घेराव किया और मानदेय भुगतान न होने व छंटनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने सात मई से कार्य बहिष्कार और...

लखीमपुर। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के संविदा कर्मचारी संघ ने अधीक्षण कार्यालय का घेराव किया। साथ ही मांगों को लेकर विरोध प्रर्दशन किया। बिजली संविदा कर्मियों ने मानदेय भुगतान न होने और छंटनी को लेकर विरोध जताया है। साथ ही अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा। इसमें सात मई से कार्य बहिष्कार कर सत्याग्रह करने की बात कही। ठेका की नई कार्यदाई संस्था के मानदेय न मिलने से बिजली संविदा कर्मियों में आक्रोश है। जिले में करीब 1429 बिजली संविदा कर्मी तैनात हैं। इनमें 40 प्रतिशत कर्मियों की छटनी करने की तैयारी में है। महज कुछ लोगों को ही मानदेय मिला है।
इसको लेकर साथ ही अन्य समस्याओ को लेकर बिजली संविदाकर्मी गुरुवार को का कार्यबहिष्कार कर विरोध प्रर्दशन कर ज्ञापन दिया। जिले में हाल ही में बिजली संविदा कर्मियों की ठेका कंपनी बदली है। इसके चलते करीब तीन माह जनवरी, फरवरी और मार्च माह का मानदेय नहीं मिल सका है। वहीं बिजली अधिकारी भुगतान होने को लेकर महज कोरे वादे कर रहे हैं। संविदा बिजली कर्मियों ने बताया कि कुछ जगह लखीमपुर गोला में तैनात 50 प्रतिशत संविदा कर्मियों को मानदेय मिला है। वहीं मोहम्मदी, मितौली,पलिया, निघासन सहित तमाम जगहों पर किसी भी संविदा कर्मी को मानदेय नहीं मिला है। गुरुवार को संविदा बिजली कर्मियो ने विरोध सभा का कार्यक्रम आयोजित किया गया जो कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ लखनऊ के आह्वान पर किया गया। इसमें जिला अध्यक्ष ध्रुव कुमार मिश्र, गोला सर्किल अध्यक्ष अतुल खरे, गोला डिवीजन अध्यक्ष विकास कटियार, गोला डिवीजन महामंत्री अब्दुललाईक, कलीम बेग, पंकज सिंह, सुमित गिरी, राहुल गुप्ता, सुमित गिरी, बॉबी सिंह जगतपाल शर्मा और मोहम्मदी से मयंक और तमाम कर्मचारी मौजूद रहे। इन मांगो को लेकर संविदाकर्मियों का सत्याग्रह जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार मिश्रा ने बताया कि पावर कॉरपोरेशन एवं इसके सहयोगी निगमों के आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे कर्मचारियों के अनुबंध के अनुसार काम न कराने, वेतन 18000 निर्धारित न करने, तय मानक से कम कर्मचारियों को तैनात कर कार्य कराने, उच्च प्रबंधन के आदेश का उल्लंघन कर कर्मचारियों की छटनी करने, 55 वर्ष का हवाला देकर कार्य से हटाने, बकाया मानदेय का भुगतान न करने, बकाया का भुगतान किए बगैर छटनी के नाम पर हटाया हटाने,ईपीफ घोटाले की जांच न करने ,कैशलेस इलाज की सुविधा न दिए जाने सहित कई मांगों को लेकर सत्याग्रह करने जा रहे हैं।
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