आग में झुलसकर खाक हुई घास, नई उगाई जाएगी
Lakhimpur-khiri News - लखीमपुर खीरी में तेज हवाओं के कारण जंगलों में आग लग गई। दुधवा से दक्षिण खीरी तक कई बार आग लगी, जिससे सूखी और हरी घास झुलस गई। वन विभाग नई घास उगाने की तैयारी कर रहा है ताकि वन्यजीवों की भोजन श्रृंखला...

लखीमपुर। खीरी में पिछले कई दिनों से तेज हवा चलने से जंगल क्षेत्र में आग लग रही है। दुधवा से लेकर दक्षिण खीरी तक के क्षेत्र में आग लगी है। हालांकि विभाग ने इस पर काबू पाया लेकिन जंगल में आग की वजह से सूखी घास के साथ ही हरी और नर्म घास भी झुलसकर कोयला हो गई है। वन विभाग अब जले हुए ग्रासलैंड की जगह पर नई और नर्म घास उगाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। दुधवा टाइगर रिजर्व और दक्षिण खीरी के जंगलों में इस बार कई बार आग लगी। कई बार यह आग चरवाहों की लापरवाही से लगी तो कई दफा जंगल के भीतर कंट्रोलिंग फायर के विस्तार के दौरान भी आग लग गई। वन विभाग जंगल को भयंकर आग से बचाने के लिए फायर लाइन तैयार करता है। इसके लिए सूखी पत्तियों, टहनियों आदि को जलाकर जमीन समतल की जाती है। पर कई दफा तेज हवाओं के चलने से यह आग बढ़ भी जाती है। ऐसे में भी जंगल की वनस्पतियां झुलसती हैं। एक अनुमान के मुताबिक खीरी जिले में करीब बीस हेक्टेयर ग्रासलैंड आग की चपेट में आ चुका है। इसका असर शाकाहारी वन्यजीवों पर भी पड़ सकता है। जंगल के अंदर नीलगाय, खरगोश, चीतल, बारहसिंघा और पाढ़ा जैसे जानवर कोमल घासों पर निर्भर होते हैं, लेकिन आग में झुलस चुके घास के मैदानों की वजह से असर पड़ रहा है। ऐसे में वन विभाग ने जले हुए ग्रासलैंड की जगह पर नई घास उगाने की तैयारी में है। दक्षिण खीरी के डीएफओ संजय विश्वाल ने बताया कि आग में जले हुई ग्रासलैंड के संबंध में सर्वेक्षण कराया जाएगा। इसके बाद नई घास लगाई जाएगी जिससे वन्यजीवों की भोजन श्रृंखला पर विपरीत प्रभाव न पड़े।
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