पांच दिवसीय फसल अवशेष प्रबंधन प्रशिक्षण शुरू
Lakhimpur-khiri News - कृषि विज्ञान केंद्र जमुनाबाद में फसल अवशेष प्रबंधन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया गया है। डॉ. संतोष कुमार विश्वकर्मा ने किसानों को फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाने की सलाह दी। इससे मिट्टी की ताकत...

कृषि विज्ञान केंद्र जमुनाबाद में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत पांच दिवसीय फसल अवशेष प्रबंधन पर प्रशिक्षण शुरू किया गया है। इसमें केंद्र के अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार विश्वकर्मा ने किसानों को सलाह दी कि फसल अवशेष को जमीन में मिलाकर या बाहर अपघटित करके जमीन में मिलाएं जिससे कि मिट्टी की ताकत में इजाफा हो और साथ ही साथ कृषि उत्पादन लागत में कमी लाई जा सके। इससे गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन ने बताया कि विभिन्न आधुनिक उन्नत तकनीकी यंत्रों द्वारा कृषि यंत्रों द्वारा फसल अवशेषों को छोटे-छोटे टुकड़ों में करके मिट्टी में मिला दें जिससे कि वह आसानी से सड़ जाते हैं और अन्य कृषि कार्य जैसे जुताई, बुवाई, निराई - गुड़ाई,सिंचाई इत्यादि कृषि कार्य आसानी से किया जा सकता है। डॉ. मोहम्मद सोहेल ने सब्जी फसल के अवशेषों को जमीन में मिलाने के लिए सलाह दी। प्रसार वैज्ञानिक डॉ. जियालाल गुप्ता ने कहा कि बढ़ती हुई तमाम प्रकार की जीवन शैली बीमारियों जैसे बीपी,शुगर, हार्टाटैक, कार्डिएक अरेस्ट आदि के नियंत्रण के लिए भोजन को स्वास्थ्यवर्धक बनाने के संदर्भ में जमीन में उपजाऊ पन होना बहुत जरूरी है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बांकेगंज ब्लॉक से 25 किसान भाग लेकर तकनीकी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
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