रोजगार सेवक के बेटे ने 665 वीं रैंक के साथ हासिल की सफलता
Kausambi News - कोरीपुर गांव के साकेत सिंह ने यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बनकर जिले का नाम रोशन किया है। वह पहले प्रयागराज में लेखपाल के पद पर तैनात थे। परीक्षा परिणाम के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है। साकेत...

सरसवां ब्लाक के कोरीपुर गांव के रोजगार सेवक के बेटे साकेत सिंह ने यूपीएससी परीक्षा पास कर जिले का नाम रोशन कर दिया है। आईएएस बने साकेत सिंह प्रयागराज के हंडिया में लेखपाल के पद पर तैनात थे, लेकिन अब वह खुद साहब बन गए हैं। परिणाम जारी होते ही परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। सरसवां ब्लाक के कोरीपुर गांव निवासी राजेश सिंह रोजगार सेवक हैं। उनका बेटा साकेत सिंह बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में होनहार था। परिवार के लोग प्रयागराज में रहते थे। राजेश सिंह ने अपने बेटे साकेत सिंह की प्रतिभा को देखा तो पढ़ाई के लिए प्रयागराज भेज दिया। साकेत सिंह ने ज्वाला देवी इंटर कालेज सिविल प्रयागराज में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई उत्तीर्ण की। वर्ष 2022 में साकेत सिंह उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती में चयनित हुए। वह प्रयागराज के हंडिया तहसील में तैनात थे। इस दौरान वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते रहे। मौका मिला तो साकेत सिंह ने अपने मां-बाप के सपनों को साकार कर दिया। यूपीएससी की परीक्षा परिणाम मंगलवार को जारी हुआ। साकेत सिंह को 665 वीं रैंक हासिल हुई है। वह आईएएस पद के लिए चयनित हुए हैं। इसकी जानकारी जैसे ही लोगों को मिली वह बधाई देने के लिए घर पहुंचने लगे। साकेत सिंह के पिता राजेश सिंह व मां सावित्री देवी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। नात-रिश्तेदार व करीबियों को दोनों मिठाई ही खिलाते रहे और बेटे की कामयाबी की बधाई स्वीकार करते रहे।
खुशी मिली इतनी की मन में न समाए
आईएएस बने साकेत सिंह के पिता राजेश सिंह व उनकी मां सावित्री देवी परीक्षा परिणाम आने के बाद से ही गदगद हैं। बेटे की कामयाबी पर दोनों मंगलवार को इतराते ही रहे। हों भी क्यों न। बेटे ने काम ही ऐसा किया है। लाखों प्रतियोगियों के बीच साकेत सिंह ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। राजेश सिंह व सावित्री देवी की खुशी ऐसी थी कि वह शब्दों में उसे नहीं बता पा रहे थे। उनके खुशी के आंसू बता रहे थे कि उन्होंने क्या हासिल किया है, और क्या पाया है। उनके मन में बेटे की कामयाबी की खुशी नहीं समा रही थी। ग्राम प्रधान शिव सागर, गांव के ही केशन प्रसाद, सुनील चौधरी, नरेंद्र सिंह आदि लोग मिठाई लेकर घर पहुंचे थे। घर आए लोगों को देखकर सावित्री देवी को लग रहा था कि उनके बेटे ने जग जीत लिया है।
घर के इकलौते बेटे हैं साकेत सिंह
रोजगार सेवक राजेश सिंह के इकलौते बेटे हैं साकेत सिंह। बडे़ लाड-प्यार के साथ उन्होंने बेटे को पाला और पढ़ाई करवाई। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई साकेत सिंह ने प्रयागराज के ज्वाला देवी इंटर कालेज से की। इसके बाद वह प्रयागराज विश्वविद्यालय में पढ़े। लेखपाल के पद पर तैनात होने के बाद भी वह हार नहीं माने और अपने अफसर बनने का ख्वाब पूरा किया।
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