कर्बला के लिए अब्बास जखीरा थे अगर, कर्बला जिंदा है तेरी ही बदौलत जैनब
Kausambi News - नगर पंचायत करारी में जश्ने जैनब का आयोजन अंजुमन ए महदिया के तत्वावधान में किया गया। महफिल की शुरुआत कुरआन की तिलावत से हुई, जिसमें शायरों ने जनाब सैय्यदा जैनब की शान में कलाम पेश किए। अंत में मौलाना...
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करारी, हिन्दुस्तान संवाद। नगर पंचायत करारी स्थित जनाब सैय्यदा जैनब के रौजे पर बुधवार को अंजुमन ए महदिया के तत्वावधान में जश्ने जैनब का आयोजन किया गया। महफिल की शुरुआत कुरआन पाकर की तिलावत से मोहम्मद जव्वाद ने किया। मुकामी शायरों ने जनाब सैय्यदा जैनब की शान में कलाम पेश कर वाहवाही बंटोरी। महफिल के बाद अंजुमन की जानिब से शामिल मौलाना और शायरों को शील्ड देकर सम्मानित किया गया।
कस्बे के नेता नगर वार्ड स्थित रौजा ए बीबी जनाबे सय्यदा जैनब में अंजुमने महदिया की तरफ से महफिल का आयोजन किया गया। महफिल की शुरुआत तिलावत ए कुरआन पाक से की गई। छोटे छोटे बच्चों ने भी बीबी की शान में कसीदे पढ़े। इसके बाद महफिल में तरही कसीदे का दौर शुरू हुआ। मौलाना मुंतजिर अब्बास रिजवी ने जनाबे सय्यदा जैनब और हजरत अब्बास की शान में बेहतरीन शेर पढ़कर महफिल को जगा दिया। उन्होंने पढ़ा-कर्बला के लिए अब्बास जखीरा थे अगर, कर्बला जिंदा है तेरी ही बदौलत जैनब। इसके बाद जफर अडहारवी ने पढ़ा-तेरे दरबार में आये हैं सवाली बनकर, हम पर भी करदे जरा नजरे इनायत जैनब। मजलिसी करारवी ने पढ़ा-जलते खैमे से इमामत को बचाया तो खुला, तेरे बाजू में है अब्बास की कूवत जैनब। इसके बाद फैजी करारवी ने पढ़ा-आशिक की जुबां इश्क में काटी गई लेकिन, मीसम ने किया चढ़के सरे दार तबर्रा। संचालन करते हुए रौशन करारवी ने पढ़ा-मैं नहीं सारा जहां कहता यही है रौशन, कर्बला जिंदा है तेरी ही बदौलत जैनब। अंत में मौलाना सैयद जमीर हैदर रिजवी ने कहा कि वाकए कर्बला के बाद अगर बीबी सैय्यदा जैनब न होतीं तो आज हमारे दरम्यान दीन न होता इसलिए कि यजीदी हुकूमत ने इमाम हुसैन को कत्ल करने के बाद ये समझ लिया था कि अब अल्लाह का दीन मिट जाएगा। लेकिन, जनाबे जैनब ने कर्बला से कूफा और शाम के सफर में यजीदी हुकूमत के खिलाफ ऐसा माहौल बनाया की तीन साल के अंदर ही अरब में ऐसा इनकेलाब आया कि न यजीद बचा और न ही उसकी हुकूमत। महफिल के बाद अंजुमन की जानिब से मौलाना और शायरों को शील्ड देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर शराफत कोरालवी, अफरोज हैदर, सैफ, राहिब, जफर करारवी, फुरकान रिजवी, मीर मेंहदी, गुलजार करारवी और डा. नियाजी सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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