विश्वनाथ मंदिर की कतार में घुसा सांड, मची अफरातफरी, अखिलेश बोले- सुरक्षा में चूक, जांच हो
महाकुंभ के पलट प्रवाह के कारण काशी में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। इस दौरान विश्वनाथ मंदिर के लिए लगी कतार में ही एक सांड घुस जाता है। इससे अफरातफरी मच जाती है।
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वाराणसी के लिए एक कहावत बहुत प्रसिद्ध है। इसमें कहा गया है कि अगर काशी में सांड से बच गए तो यहां का आनंद भरपूर ले सकते हैं। हालांकि सांड से न बचते हुए भी लोग काशी का आनंद लेते ही रहते हैं। इसका उदाहरण भी देखने को मिला है। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए लगी लंबी कतार के बीच ही एक सांड घुस जाता है। कतार के लिए लगी स्टील की बैरिकेडिंग में सांड के घुसते ही अफरातफरी मच गई। लोग भाग खड़े हुए। इसके बाद भी तमाम लोग हंसते मुस्कराते और सांड को अपने-अपने तरीके से भगाते नजर आए। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसी वीडियो को पोस्ट करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना का वीडियो एक्स पर पोस्ट करते हुए इसे सुरक्षा में बड़ी चूक बता दिया और सरकार से मामले की जांच की मांग कर दी है।
दर्शनार्थियों की कतार के बीच सांड के घुसने का यह वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है। अखिलेश यादव ने भले ही इस वीडियो को रविवार को पोस्ट किया है लेकिन यह तीन दिन पहले का बताया जा रहा है। अखिलेश यादव ने वीडियो के साथ लिखा है कि वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की लाइन में एक सांड का प्रवेश सुरक्षा व्यवस्था की भारी चूक है जिसके परिणाम घातक हो सकते थे। मामले की जांच हो और भविष्य में ऐसी घटना से बचाव के लिए कारगर निगरानी के साथ-साथ, जहां संभव हो वहाँ ‘कैटल ग्रिड’ या ‘कैटल गार्ड’ जैसी व्यवस्था का भी सहारा लिया जाए।
महाकुंभ के कारण वाराणसी में भी श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह हो रहा है। बड़ी संख्या में लोग काशी विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंच रहे हैं। भारी भीड़ के कारण काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के साथ ही सड़क पर भी कतार लगवानी पड़ रही है। इसके लिए स्टील की रेलिंग लगाई गई है। इसी स्टील की बैरिकेडिंग में लगी कतार के बीच ही एक सांड घुस जाता है। सांड को देखते ही अफरातफरी मच जाती है। लोग भाग खड़े होते हैं। लोगों के दबाव से बाएं साइड की बैरिकेंडिंग टूट भी जाती है। आगे बहुत ज्यादा भीड़ होने के कारण सांड यूटर्न ले लेता है और वापस जिधर से आया था उधर ही दोबारा मुड़ जाता है। संयोग से इस दौरान भगदड़ जैसी स्थिति नहीं होती।