आईआईटी में गिरिराज किशोर शोध पीठ की स्थापना की जाए
Kanpur News - पद्मश्री गिरिराज किशोर की पांचवीं पुण्यतिथि पर वक्ताओं ने पुष्पांजलि अर्पित की कानपुर, वरिष्ठ संवाददाता।
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कानपुर। पहला गिरमिटिया के लेखक पद्मश्री गिरिराज किशोर की रविवार को पांचवीं पुण्यतिथि मनाई गई। वक्ताओं ने कहा कि उनकी स्मृति में उनके नाम से आईआईटी कानपुर और सीएसजेएमयू में एक शोध पीठ की स्थापना की जाए। इसका आयोजन नागरिक मंच ने गिरिराज किशोर के निवास सूटरगंज में आयोजित किया था। संयोजक सुरेश गुप्ता ने कहा कि गिरिराज जी ने आईआईटी और सीएसजेएमयू (तब कानपुर विश्वविद्यालय) में सेवारत रहकर काफी समय दिया। इस बारे में एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही आईआईटी और सीएसजेएमयू जाएगा और शोध पीठ का प्रस्ताव देगा। छोटे भाई नरोना ने कहा कि भारत सरकार उनकी लिखी हुई पुस्तकों को उच्च शिक्षा के कोर्स में शामिल करे। इस पर चर्चा कराई जाए। उनके साहित्य को जन-जन तक पहुंचाया जाए। कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न विषयों पर चर्चा कराई जाए ताकि उनके और उनके साहित्य के बारे में युवा पीढ़ी जान सके।
वक्ताओं ने कहा कि गांधीजी के अफ्रीका प्रवास को लेकर उन्होंने काफी रोचक बातें उपन्यास में लिखी थीं। उन्हें 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सम्मानित किया था। उन्हें कई सम्मान मिले। उन्होंने अपने लेखन से समाज को जागरूक किया। उनकी लिखी अनेक कहानियां बेहद चर्चित हुईं।
गिरिराज जी की बेटी शिवा सिंह ने कहा कि सूटरगंज स्थित आवास के सामने का मार्ग स्वर्गीय गिरिराज किशोर रोड कर दिया गया है जिसका शीघ्र ही लोकार्पण किया जाएगा। अपने पिता को याद करते हुए कहा कि पिता ने हमेशा दोस्त की तरह व्यवहार किया। बेटा अनीश ने पिता जी से जुड़े कई वृतांत सुनाए।
नौशाद आलम मंसूरी ने कहा कि गिरिराज किशोर जी को अपना आदर्श मानता हूं। यहां रंग कर्मी संजीबा, डॉ. फारुक, आरके वर्मा, आनंद शुक्ला, अनीता मिश्रा, मीरा किशोर आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
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