महाना ने किया पद्मश्री गिरिराज किशोर मार्ग का लोकार्पण
Kanpur News - कानपुर संवाददाता हिंदी साहित्य के अग्रणी लेखक और उपन्यासकार पद्मश्री गिरिराज किशोर के आवास

हिंदी साहित्य के अग्रणी लेखक और उपन्यासकार पद्मश्री गिरिराज किशोर के आवास के सामने स्थित मार्ग अब पद्मश्री गिरिराज किशोर मार्ग के नाम से जाना जाएगा। इसका लोकार्पण शनिवार को पद्मश्री गिरिराज किशोर स्मृति संस्थान ने सूटरगंज में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने किया। मुख्य अतिथि महाना ने साहित्यकार गिरिराज किशोर के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गिरिराज किशोर ने अपने लेखन से भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक वेदना को जन-जन तक पहुंचाया है। उनके उपन्यास पहला गिरमिटिया में प्रवासी भारतीय मजदूरों के संघर्ष का जीवंत चित्रण है जबकि बा को उपन्यास में स्त्री शक्ति और संघर्ष के रूप में दर्शाया है। संस्थान के अध्यक्ष दीपक मालवीय ने कहा कि साहित्यकार गिरिराज कलम के सच्चे योद्धा थे। वे सामाजिक घटनाओं पर सड़कों पर भी उतरते थे और सामाजिक समरसता के कुशल शिल्पी थे। उन्होंने कहा कि जमींदार परिवार से आने के बावजूद जमीदारी प्रथा का विरोध किया। सुरेश गुप्ता ने आग्रह किया कि गिरिराज किशोर के साहित्य को विधानसभा की लाइब्रेरी में रखा जाए। मुख्य अतिथि महाना ने सभी प्रस्तावों को स्वीकार करते हुए गिरिराज किशोर की पत्नी को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। विधायक नसीम सोलंकी ने कहा कि सड़कों के नाम तो बदलते रहेंगे लेकिन उनके साहित्यिक धरोहर को जन-जन तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि साहित्यकार ने अपने उपन्यासों से समाज की स्थिति को दर्शा कर समरसता का संदेश दिया है।
यहां सुरेंद्र अवस्थी, अशोक सिंह, दादा खान, खान मोहम्मद फारूक, शिव किशोर, नौशाद आलम मंसूरी, मनोज सेंगर, सुरेश अवस्थी, जगदंबा भाई, श्रीकृष्ण दीक्षित, नसीम रजा, मोहम्मद उस्मान, कपिल गुप्ता, सुरेश बाजपेई, हरेंद्र भदौरिया, मनोज गुप्ता, विनोद गुप्ता, रॉबिन गुप्ता, दिलीप शुक्ला, विनोद यादव, पार्षद मोहम्मद उमर मंसूरी, बबलू आदि उपस्थित रहे।
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