खुद की सेहत की चिंता नहीं कर रहीं भारतीय महिलाएं
Kanpur News - खुद की सेहत की चिंता नहीं कर रहीं भारतीय महिलाएं खुद की सेहत की चिंता नहीं कर रहीं भारतीय महिलाएं खुद की सेहत की चिंता नहीं कर रहीं भारतीय महिलाएं

कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में तीन दिवसीय राष्ट्रीय मेनोपॉज अधिवेशन का समापन रविवार को हो गया। देश-विदेश से आए लगभग 200 से अधिक डॉक्टरों ने अलग-अलग विषयों पर गहनता से चर्चा की। विशेषज्ञों ने कहा कि घर-परिवार के प्रति महिलाएं जितनी जागरूक हैं, उसका 10 फीसदी भी खुद का ध्यान नहीं रखती हैं। खासकर मेनोपॉज के समय सेहत का ध्यान न रखना भविष्य में परेशानी का कारण बन रही है। डॉ. मिलिंद साह, डॉ. अर्चना द्विवेदी, डॉ. साधना गुप्ता, डॉ. सुनील मोदी, डॉ. नीरज पांडेय, डॉ. अनिल महाजन ने महिलाओं में मोनोपॉज से जुड़ी नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी। उरई से एमबीबीएस करने वाली डॉ. अंशवी राजे ने शोधपत्र को अधिवेशन में पहला पुरस्कार मिला। डॉ. अंशवी ने शोध पत्र में गर्भाशय के ऑपरेशन के समय कम से कम खून का बहाव दवा के जरिए रोकने पर शोध किया। 135 महिलाओं पर किए गए शोध के परिणाम बेहतर आए। वह अभी संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट,लखनऊ में एसआर शिप कर रही हैं। इसके अलावा गर्भाशय का कैंसर, 50 के बाद गर्भधारण करने, मेनोपॉज के दौरान होने वाले रोगों से संबंधित शोध पत्र भी अलग-अलग शहरों से आए हैं। कार्यक्रम के दौरान सीआईएमपी कॉन्वोकेशन का भी आयोजन किया गया। प्रथम स्थान डॉ. हिमानी, डॉ. दीप्ति दूसरे व डॉ. प्रीति त्यागी तीसरे स्थान पर रहीं।
अंतिम दिन आखिरी एक घंटे पब्लिक फोरम का आयोजन भी किया गया। विशेषज्ञों ने पैनल ने महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम जानकारियां उपलब्ध कराईं। खानपान, योग और व्यायाम पर विशेष चर्चा हुई। आयुर्वेदाचार्य डॉ. वंदना पाठक ने स्वस्थ जीवनशैली के बारे में बताया। डॉ. शैली अग्रवाल, डॉ. रेशमा निगम, डॉ.सीमा द्विवेदी, डॉ. रेनू गुप्ता, डॉ. अनीता गौतम आदि मौजूद रहीं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।