मां फांसी पर झूल गई, रोते रहे बच्चे, बर्तनों की सीढ़ी बनाकर मासूम बेटे ने खोला कमरा
यूपी के कानपुर में मां अपने दो मासूम बच्चों के सामने ही फांसी झूल गई। बच्चे रोते रहे। पति जब घर लौटा तो बच्चों के रोने की आवाज सुनकर घबरा गया। उसने आवाज लगाई। पिता की आवाज पर बर्तनों की सीढ़ी बनाकर मासूम बेटे ने कमरा खोला।

यूपी के कानपुर में रावतपुर इलाके के राणा प्रताप नगर में शुक्रवार की रात एक ऐसी घटना घटी जिसने आसपास रहने वालों को भी हिलाकर रख दिया। 23 वर्षीया मां ने अपने दो मासूम बच्चों के सामने ही फांसी लगा ली। कमरे में बच्चे रोते-बिलखते रहे और मां ने दम तोड़ दिया। बाजार से लौटे पति ने भीतर से दरवाजा बंद पाया। बच्चों के रोने की आवाज सुन वह घबरा गया। पिता के लिए दरवाजा खोलने में भी बच्चों ने बड़ा जतन किया। तीन वर्षीय बेटे ने बर्तनों की सीढ़ी बनाई तब कुंडी तक पहुंच पाया।
मूलरूप से उन्नाव के बांगरमऊ स्थित सिद्धपुर पलसिया निवासी सूरज कुशवाहा के परिवार में 23 वर्षीय पत्नी रोशनी और तीन वर्षीय बेटे कृष्णा व दो वर्षीय बेटा सितांश हैं। सूरज ने बताया कि चार महीने से वह पत्नी व बच्चों के साथ राणा प्रताप नगर में डॉ. राकेश सिंह के मकान में किराये पर रहते हैं। शुक्रवार रात को रोशनी ने 100 रुपये देकर सूरज को बाहर से कुछ सामान लाने के लिए भेजा। करीब एक घंटे बाद जब वह घर लौटे तो कमरा अंदर से बंद था। कई बार कॉल करने और दरवाजा खटखटाने के बाद भी रोशनी ने कोई जवाब नहीं दिया तो उन्हें आशंका हुई। कमरे के अंदर से बच्चों के रोने की आवाज आ रही थी।
उन्होंने बच्चों के नाम पुकारकर किसी तरह कुंडी खोलने के लिए कहा। थोड़ी देर बाद बेटे कृष्णा ने तसले समेत अन्य बर्तनों की सीढ़ी बनाई और तब उस पर खड़े होकर दरवाजे की कुंडी खोली। सूरज ने अंदर जाकर देखा तो होश उड़ गए, कमरे में पत्नी का शव फंदे से लटक रहा था। उन्होंने घटना की सूचना पुलिस को दी। जब तक पुलिस पहुंचती तब तक सूरज ने किसी तरह दोनों बच्चों को संभाला। हालांकि पुलिस की सूचना पर बाद में वहां पहुंचे रोशनी के मायके वालों ने सूरज पर दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाया। वहीं सूरज ने भूत-प्रेत के साये की आशंका में पत्नी के आत्महत्या करने की बात कही है।
पति ने कहा-दो और महिलाएं कर चुकीं आत्महत्या
सूरज का कहना है कि जिस कमरे में वह रहता था, वहां पहले भी दो महिलाएं आत्महत्या कर चुकी हैं। करीब 10 दिन पहले पत्नी ने कहा था कि उसे कोई साया दिखता है जिसके बाद उसने घर में पूजा करवाई थी। हालांकि महिलाओं के आत्महत्या करने की बात उन्हें बाद में पता चली। अन्यथा वह पहले ही कमरा छोड़ देते।
मकान मालिक बोले-दोनों आत्महत्याएं फतेहपुर में हुईं
मकान मालिक राकेश का कहना है कि वह घर के बगल में ही सीमेंट-मौरंग की दुकान चलाते हैं। इसी बिल्डिंग में रोशनी रहती थी। उन्होंने बताया कि परिवार बहुत गरीब था। घर पर पूरा राशन भी नहीं रहता था। शुक्रवार को उन्होंने रोशनी को झोला भर आम दिए थे। महिला का अपनी सास से आए दिन झगड़ा हुआ करता था। कुछ महीने पहले सास घर से बर्तन और कपड़े लेकर गांव चली गई थी। राकेश ने दो महिलाओं की आत्महत्या का खंडन किया। उन्होंने बताया कि मकान में मां-बेटी किराए पर रहती थीं जिन्होंने चार साल पहले अपने घर फतेहपुर जाकर आत्महत्या की थी।

रावतपुर थाना प्रभारी केके मिश्रा ने बताया कि पोस्टमॉर्टम में हैंगिंग यानी फांसी लगाने की पुष्टि हुई है। मृतका के मायके वाले आरोप लगा रहे हैं कि दहेज के कारण हत्या हुई। हालांकि उन्होंने अभी तक कोई तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को पति को सौंप दिया गया है।