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ताजी हवा नहीं धूल-धुआं दे रही वॉक

Kannauj News - कन्नौज में मॉर्निंग वॉक करने वालों को पार्कों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। लोग सड़कों और फुटपाथों पर टहलने को मजबूर हैं, जिससे धूल-धुएं और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना...

Newswrap हिन्दुस्तान, कन्नौजSat, 22 Feb 2025 12:44 AM
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ताजी हवा नहीं धूल-धुआं दे रही वॉक

कन्नौज। स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मन और मस्तिष्क के लिए बहुत आवश्यक है मॉर्निंग वॉक। आज की व्यस्त दिनचर्या में सुबह की सैर के लिए लोग समय तो निकाल रहे हैं, पर आखिर जाएं कहां। शहर में पार्क हैं ही नहीं। सैर के लिए फुटपाथों-सड़कों का ही सहारा है। सड़क पर सैर का खामियाजा फेफड़े भुगतते हैं। ताजी हवा की जगह धूल-धुआं सांसों में जा रहा है। हादसों का खतरा अलग है।बंदरों का भी आतंक कम नहीं है। पार्कों में हरियाली गायब है। स्ट्रीट लाइटें भी टूटी हैं। सेहत सुधारने के लिए सुबह-सुबह टहलना जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट और डॉक्टरों का यही कहना है। कन्नौज में मॉर्निंग वॉकर्स घरों से तो निकलते हैं पर टहलने जाएं किस पार्क में यह कहना जरा मुश्किल है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई पार्क इसमें पूरी तरह से खरा ही नहीं उतरता। यहां रोजाना तकरीबन 500 से 600 लोगों में अधिकांश का सुबह का ठिकाना मकरंद नगर रोड और जीटी रोड ही होता है। कैप्टन एन.एस यादव कहते हैं कि हमे तो ताजी हवा नहीं धूल-धुआं वॉक दे रही है। नई बस्ती भैनपुरा के सुधीर कुमार ने आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान' से कहा कि बिना हरियाली के पार्क वीरान लगते हैं। शहर में स्वस्थ रहने के लिए लोग जान जोखिम में डाल सड़क पर मॉर्निंग वॉक करने को मजबूर हैं। कारण है शहर में पार्कों का ना होना, जो हैं भी वे इतने बदहाल है कि वहां चलना तक दूभर है। जिसके चलते सुबह होते ही शहर की स्टेशन रोड, पुलिस लाइन रोड, मकरंद नगर रोड और जीटी रोड पर लोग मॉर्निंग वॉक करने के लिए निकल पड़ते हैं। शहर का बोर्डिंग ग्राउंड जरूर लोगों को कुछ राहत दे रहा है। यहां रोजाना तकरीबन 500 से 600 लोग मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं। इसके अलावा शहर में कोई ऐसा बड़ा मैदान या पार्क नहीं है जहां लोग टहलने जा सकें। यहां पानी, शौचालय और नियमित सफाई की व्यवस्था नहीं है। यह मैदान केके इंटर कॉलेज का है। इस वजह से यहां कोई खास व्यवस्था प्रशासन की ओर से भी नहीं की जा सकी है। हालांकि कुछ दिन पूर्व इस मैदान के आसपास हाई मास्क लाइटें जरूर लगवा दी गई हैं। बावजूद इसके मैदान पर कोई अन्य सुविधाएं नहीं हैं। इसके अलावा शहर में कोई ऐसा पार्क नहीं है जहां बड़ी संख्या में लोग वॉक कर सकें। कलेक्ट्रेट रोड पर विकास भवन के पास पार्क जरूर है पर वह इतना बड़ा नहीं है कि यहां लोग बड़ी संख्या में जमा हो सकें और दूर तक वॉक कर सकें। शिवाजी नगर में एक पार्क है इसकी भी वही समस्या है यहां बड़ी संख्या में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए नहीं पहुंच पाते हैं। लोगों को कोई तो ऐसी जगह होनी चाहिए जहां टहला जा सके।

शिकायतें

1. शहर में कहीं ऐसी जगह नहीं है जहां परिवार के साथ वॉक पर जाया जा सके

2. युवाओं को तैयारी करने के लिए कोई ऐसी जगह नहीं है जहां सुविधाजनक व्यायाम हो सके

3.बोडिंर्ग मैदान के आसपास सुरक्षा इंतजाम मजबूत होने चाहिए

4. शहर की सड़कों पर लाइट की व्यवस्था दुरुस्त हो

5. ट्रैक के नाम पर सड़क, पत्थरों से बने पाथवे पर जॉगिंग से घुटने खराब हो रहे हैं।

6-सुबह की सैर मार्ग पर नहीं होती पुलिस कांबिंग।

7-ओपेन जिम के उपकरण टूट जाने से वह बंद हो गई।

8-वाहनों के फर्राटा भरने से होती हैं कई समस्याएं।

9-गंदगी के कारण सुबह की शुद्ध हवा में रहता प्रदूषण।

सुझाव

1. नगर पालिका की ओर से शहर में कोई बड़ा पार्क विकसित कराया जाए

2. सड़कों पर टहलने वाले आवारा मवेशियों से निजात मिले

3. शहर में प्रस्तावित स्टेडियम को जल्द से जल्द बनाया जाए

4. मार्निंग वाकर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी लगवाए जाएं

5. जब तक कोई ठोस इंतजाम न हो शहर के फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए

6-एक साइकिलिंग ट्रैक होना चाहिए जहां लोग टहल सकें।

7-टहलने वाले स्थानों की साफ-सफाई की व्यवस्था हो ।

8-आधुनिक संसाधन युक्त ओपेन जिम बनाना चाहिए।

9-सरकारी जमीन चिंहित कर ट्रैक बनवाना चाहिए।

बोले मॉर्निंग वॉकर

सरकार को कन्नौज में कोई बड़ा पार्क बनाना चाहिए ताकि शहर के लोगों को टहलने में असुविधा न हो। -हर्ष तिवारी

अभी तक कन्नौज में कोई भी स्टेडियम या पार्क नहीं बनाया गया जबकि चुनाव में कई बाद वादे हो चुके हैं। -पवन कुमार

शहर में कोई भी अच्छा पार्क नहीं है। ऐसे में मजबूरी में हम लोग सड़कों पर टहलते हैं। -मो. हसनैन आलम

नेताओं से भी हम लोगों ने कई बार बड़ा पार्क बनवाने की बात कही है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। -उत्कर्ष यादव

सेना में जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं लेकिन यहां भी दौड़ने के लिए कोई अच्छा पार्क या मैदान नहीं है। - लक्ष्य शर्मा

टहलने के लिए केवल केके इंटर कॉलेज एवं एसबीएस इंटर कॉलेज का खेल मैदान है वहां भी दिक्कतें होती हैं। विवेक कुमार

बोले जिम्मेदार

ईओ पालिका श्यामेंद्र मोहन चौधरी ने बताया कि बड़े पार्क के लिए हमारे पास बजट नहीं है। छोटे पाकोंर् को सही कराया जाएगा। ओपेन जिम की भी व्यवस्था करने की कोशिश करेंगे। साफ-सफाई के लिए कर्मचारियों की तैनाती करेंगे। जहां पर स्ट्रीट लाइटें खराब हैं उनको चिन्हित कर ठीक कराया जा रहा है। इसके अलावा अन्ना गोवंश को सड़कों से हटा रहे हैं।

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