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बोले हरदोई: पहले लगें बिजली पोल, फिर स्मार्ट मीटर की सोचें

Hardoi News - इंदिरा नगर मोहल्ला दो दशकों से बिजली, पानी और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। बिजली की समस्या ने यहां के निवासियों को परेशान कर रखा है, जहां तार बांस-बल्ली के सहारे लटक रहे हैं। जल निकासी और...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरदोईTue, 15 April 2025 01:39 PM
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बोले हरदोई: पहले लगें बिजली पोल, फिर स्मार्ट मीटर की सोचें

हरदोई। दो दशकों से विकास की राह देख रहा इंदिरा नगर मोहल्ला आज भी बिजली, पानी और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है। रोजमर्रा की जिंदगी जीने के दौरान मुसीबत झेलने को मजबूर है। यहां पर सबसे बड़ी समस्या बिजली को घरों तक पहुंचाने में आती है। बिजली तो आ गई पर तार घरों तक बल्लियों के सहारे हैं। इससे कभी करंट उतरता है तो कभी तार शॉर्ट होता है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से संवाद के दौरान लोगों का दर्द सामने आया। बताया, अक्सर रुपये देकर फॉल्ट ठीक कराना पड़ता है। बिजली विभाग भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता है। जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट से करीब ढाई किमी दूर बसे इंदिरा नगर में 20 सालों में लोगों ने अपनी जमा पूंजी खर्चा कर अच्छे से अच्छे मकान तो बनवाए पर जिम्मेदारों ने इन मकानों से निकलने वाले पानी का रास्ता नहीं बनाया। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान अखिलेश ने कहा कि पहले छूटी गलियों में बिजली विभाग पोलों को लगवाए। इसके बाद ही स्मार्ट मीटरों को लगाने के बारे में सोचे। अभी गलियों में अंधेरा शाम होते ही पसर जाता है। विकसित तकनीक से लैस बिजली के मीटर मोहल्ले में दबाव बनाकर लगाए जा रहे हैं पर यहां अभी तक स्ट्रीट लाइट नहीं लग पाई हैं, जिसकी वजह से शाम से सुबह तक लोगों को परेशानी होती है।

बांस-बल्ली का सहारा ले रहे : शोभित कुमार का कहना है 50 से ज्यादा मकान ऐसे हैं, जहा पर बिजली के पोल नहीं लगाए गए हैं। लोगों ने कनेक्शन लेने के बाद केबल के कई बंडल खरीदे। तब पोल तक लाइन पहुंच सकी। साथ ही केबल को जमीन पर आने से बचाने के लिए कहीं बांस का सहारा लिया तो कहीं बल्ली लगाकर उसमें उसे बांधा। राजू यादव ने बताया कि तेज हवा चलने पर बांस कभी झुक जाता है तो कभी टूटकर गिर जाता है। अशोक कुमार ने बताया

कि काफी दूर केबल होने के कारण आंधी आने पर भी वह टूट जाती है। दोबारा उसे जुड़वाने के लिए रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

पोलों पर बल्ब और मरकरी लगवाएं: मोहल्लेवालों ने बताया कि पहले मोहल्ले में बिजली के पोलों पर बल्ब और मरकरी लगाई जाए। उसके बाद पुराने मीटर बदलें जाएं। मुख्य चौराहों पर सौर ऊर्जा चालित लाइटों का भी अता-पता नहीं है। जनप्रतिनिधि ध्यान दें। बिजली विभाग की मनमानी पर अंकुश लगाएं, क्योंकि लोगों ने जब स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान पोल लगाने को कहा तो आश्वासन ही दिए गए। दोबारा इस समस्या के समाधान की सुध नहीं ली, जिसका खामियाजा मोहल्ले के लोगों को उठाना पड़ रहा है पर जिम्मेदारों का ध्यान इधर नहीं जाता है।

जलनिकासी की उचित व्यवस्था नहीं: मोहल्ला निवासी विनोद कुमार ने बताया कि आज भी एक व्यवस्थित जल निकासी का इन्तजाम नहीं है। पक्की नाली और बड़ा नाला बनाने की सुध जिम्मेदार नहीं ले पा रहे हैं। आदित्य गुप्ता ने कहा कि मोहल्ले में मुख्य रास्ते पर इंटरलॉकिंग लग चुकी है पर लखनऊ रोड से मुख्य प्रवेश मार्ग पर कुछ दूरी तक टूटी सड़क है, जो बारिश के दिनों में तालाब जैसी बन जाती है। लोगों का निकलना चलना मुश्किल कर देती है। प्रशासन को इस और ध्यान देते हुए खराब सड़क के छोटे टुकड़े को भी ठीक करवा कर इंटरलॉकिंग करवानी चाहिए।

नियमित रूप से नहीं होती है सफाई : राजेश यादव ने बताया कि मोहल्ले की नालियों की नियमित सफाई नहीं होती है। सफाई कर्मचारी महीनों में कभी कभार ही आकर कोरम पूरा कर जाते हैं। तलहटी तक नाली से कचरा न निकाले जाने से वे जगह-जगह चोक हो जाती हैं। इसके बाद उफना पड़ती हैं। फिर गलियों में गंदा पानी बहने लगता है, जिसका खामियाजा यहां के लोगों को उठाना पड़ता है। इसके लिए ड्रेनेज सिस्टम का मास्टर प्लान लाया जाए। ताकि होने वाले जलभराव से राहत मिले।

शिकायतें

1. मोहल्ले में कहीं भी कूड़ादान नहीं है। घरों से निकला कूड़ा सड़कों पर बिखर जाता है।

2. कई जगहों पर नालियां चोक हो गई हैं, जिससे उसका पानी बाहर निकलकर गलियों में भर रहा है।

3. बल्लियों के सहारे झूल रहे बिजली के तार मोहल्ले वासियों के लिए हर पल खतरा बने हुए हैं।

4. तेज हवाओं के चलने से बिजली चली जाती है, जिसको ठीक कराने के लिए बिजली विभाग कई बार दौड़ना पड़ता है।

5. कुछ गलियों में बिजली का एक भी खंबा नहीं लगा है। वहां रात में अंधेरा बना रहता है।

6. नियमित सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है।

समाधान

1. घरों से रोजाना कूड़ा निकलता है। निस्तारण के लिए कोई डंपिंग जोन बनाया जाना चाहिए।

2. हर गली में कम से कम एक कूड़ादान बनाया जाए, जिससे लोग दिन भर का कूड़ा उसमें डाल सकें।

3. निश्चित दूरी पर बिजली के पोल लगें। ताकि हवा में लटकते हुए तारों से खतरा न हो और फॉल्ट से निजात मिले।

4. जल निकासी के लिए पक्का बड़ा नाला बनवाया जाए, जिससे मोहल्ले का पानी आसानी से निकल जाए।

5. सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाई जाएं शाम होते ही मोहल्ले में अंधेरा ना पसर सके।

6. मोहल्ले में नियमित सफाई को कर्मचारी की तैनाती हो।

बोले बाशिंदे

घर के आसपास जलभराव से मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ रहा है। इसके लिए मोहल्ले में सप्ताह में एक बार फॉगिंग जरूर कराई जानी चाहिए। -प्रवीण गुप्ता

बिजली विभाग से सर्वे कराकर मोहल्ले में पोल लगवाए जाएं, जिससे घर तक आने वाली बिजली लाइन में फॉल्ट से छुटकारा मिल सके। कोई दिक्कत न हो। -अखिलेश

मोहल्ले में स्वच्छ पेयजल के लिए गलियों में इंडिया मार्का हैंड पंप लगाया जाए, जिससे भीषण गर्मी पड़ने पर राहत मिले। पीने के पानी के लिए परेशान न होना पड़े। -अनुज गुप्ता

प्रशासन की ओर से सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए मोहल्ले में कैंप लगाया जाए। अभी पता करने दफ्तरों में जाते हैं तो वहां कर्मचारी सीधे मुंह बात नहीं करते। -रामगुनी

शिक्षित युवाओं के लिए सरकार की ओर से मोहल्ले में नि:शुल्क अध्ययन के लिए लाइब्रेरी को खोला जाए। अभी बच्चे निजी लाइब्रेरी में रुपये देकर जाने के लिए मजबूर होते हैं। -सत्यम मिश्रा

घर के आसपास कोई भी पेड़ नहीं है। मोहल्ले में पौधरोपण करवाया जाए, जिससे पर्यावरण प्रदूषण में कटौती हो सके। स्वच्छ जलवायु मिले। बीमारियों से भी बचाव हो। -नीरज यादव

घर के सामने सफाई नहीं होने की वजह से नालिया उफना रही हैं। घरों से निकला कूड़ा नालियों में भर जाता है। बारिश होने पर जलभराव से परेशान होना पड़ता है। -रमाकांत पांडेय

घर के सामने कच्ची गली है। इसमें मिट्टी डालकर और लेवल करवा कर इंटरलॉकिंग करवाई जाए। ताकि आने-जाने में झटकों न सहने पड़ें और धूल भी परेशान न करे। -गया सिंह

मोहल्ले में एक पार्क की जरूरत है। इसके बिना बच्चे गलियों में खेलते हैं, जिससे उन्हें चोट लगने का खतरा बना रहता है। इससे छुटकारा मिले। -बबलू तिवारी

स्वास्थ्य विभाग की टीम मोहल्ले में भेजी जाए। समय-समय पर बीमारियों को लेकर जागरूक किया जाए। ताकि संक्रमण से बचा जा सके। -महेश सिंह

बोले जिम्मेदार

इंदिरा नगर मोहल्ले में सफाई कराई जाएगी। नालियों और सड़क का निर्माण कराने के लिए सर्वे कराया जाएगा। बिजली संबंधित समस्या के लिए अधिशासी अभियंता से वार्ता की जाएगी। प्लॉटों में जमा पड़ा कूड़ा उठवाया जाएगा।-विनय कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी

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