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बोले हरदोई: गंदगी दर-दर...खाली प्लॉट बन गए कूड़ाघर

Hardoi News - हरदोई के गंगा नगर सियाराम नगर में सफाई की गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे निवासियों ने शिकायत की है कि नए नाले का निर्माण ठेकेदार की लापरवाही के कारण चोक हो गया है। यहां कचरा उठाने की व्यवस्था नहीं है...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरदोईSat, 26 April 2025 02:08 PM
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बोले हरदोई: गंदगी दर-दर...खाली प्लॉट बन गए कूड़ाघर

हरदोई। लखनऊ चुंगी से आरटीओ ऑफिस तक सर्कुलर रोड किनारे स्थित मोहल्ला गंगा नगर सियाराम नगर कहने को तो शहर का एक प्रमुख और पॉश इलाका है पर समस्याएं इस इलाके से भी अछूती नहीं हैं। हाल में जिला पंचायत की ओर से बड़ा नाला बना तो गंदे पानी के निकासी की उम्मीद जगी थी पर ठेकेदार ने निर्माण सामग्री और मलबा नाले में ही छोड़ दिया। इससे नाला चालू होने से पहले ही चोक हो गया। लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी राहत नहीं। तीन हजार की आबादी वाले गंगा नगर सियाराम नगर मोहल्ले की गिनती ऐसे तो पॉश इलाके में होती है पर अगर बात करें मूलभूत सुविधाओं की तो इसका वास्ता कोसों-कोसों दूर तक नहीं है। सबसे बड़ी समस्या यहां सफाई को लेकर है। जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा यहां के बाशिंदों को भुगतना पड़ रहा है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान शिवम द्विवेदी ने कहा कि यहां सबसे बड़ा मुद्दा गंदगी है। नियमित सफाई न होना इसका मुख्य कारण है। गंदगी दर-दर पसरी है और खाली प्लॉटों को कुछ लोगों ने कूड़ाघर बना डाला है। कूड़े की दुर्गंध बहुत परेशान करती है। नाले भी चोक पड़े हैं, जिसकी सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के दिनों में होती है।

सीमा विस्तार होने का कर रहे इंतजार: विशाल ने कहा कि यहां के नागरिक नगर पालिका सीमा विस्तार होने का इन्तजार कर रहे हैं। नगर पालिका सीमा विस्तार न होने के कारण अपनी जिम्मेदारियों से जिम्मेदार हाथ खड़ा कर देते हैं। घर के निकट समेत गली मोहल्लों में जगह-जगह गंदगी के ढेर जमा हैं। नालियों में कचरा ऊपर तक भरा हुआ है। नियमित सफाई नहीं होती। खाली प्लॉटों में जमा कूड़ा और जलभराव आम समस्या बन चुकी है। लोग खुद सफाई करने के लिए मजबूर हैं। जिम्मेदारों को इन दिक्कतों को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।

आधा दर्जन से ज्यादा बारात घर : मोहल्ले के लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में आधा दर्जन से ज्यादा बारात घर हैं, जिनसे निकलने वाला कचरा भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। रात दस बजे के बाद भी बैंडबाजा और लाउडस्पीकर बजने से ध्वनि प्रदूषण होता है। इससे सहालग के समय नींद हराम हो जाती है। बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ता है। लोगों का कहना है कि शिकायत पर एक-दो दिन तक तो सुधार होता है लेकिन इसके बाद फिर मनमानी चालू हो जाती है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से आए दिन जाम लग जाता है। इन समस्याओं पर ग्राम पंचायत के जिम्मेदार पहले से ही ग्रामीण आबादी के लिए कम बजट होने का हवाला देते हुए इधर का रुख नहीं करते हैं। शाम को लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए रणनीति तैयार की जानी चाहिए।

बड़ा नाला बना मुसीबत, सफाई न होने सेपड़ा चोक : गंगानगर और सियाराम नगर के बीच बनाए गए बड़े नाले से लोगों को जल निकासी की बड़ी उम्मीद थी पर निर्माण के बाद ठेकेदारों ने मलबा, ईंट और अन्य निर्माण सामग्री नाले में ही छोड़ दी। इससे नाला चालू होने से पहले ही जगह-जगह चोक हो गया। आरोप है कि अधिकारियों ने निरीक्षण तक नहीं किया। नाले की समयबद्ध सफाई और निरीक्षण की व्यवस्था जरूरी है।

शिकायतें

1. नाली और नालों की सफाई न होने से जल निकासी की समस्या बनी हुई है।

2. कचरा उठाने की व्यवस्था नहीं है। गलियां गंदगी है।

3. बारात घरों से निकलने वाला कचरा आमजन के लिए परेशानी का सबब बना है।

4. रात में तेज आवाज में बजते लाउडस्पीकर से नींद हराम हो जाती है।

5. पार्किंग न होने से सड़कों पर वाहन खड़े रहते हैं। इससे जाम लगता है।

6. गलियों में जगह-जगह गड्ढे से सफर के दौरान झटके लगते हैं।

7. नगर पालिका सीमा विस्तार न होने से कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता।

समाधान

1. बड़े नाले की सफाई कर सुचारु जल निकासी सुनिश्चित की जाए।

2. गलियों में कूड़ेदान रखवाएं। नियमित कचरा उठान के लिए ठोस तंत्र विकसित किया जाए।

3. बारातघरों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण की व्यवस्था हो।

4. शोर नियंत्रण के लिए रात 10 बजे के बाद ध्वनि प्रतिबंध लागू हो।

5. पार्किंग की समुचित व्यवस्था की जाए।

6. ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई कर नाला से मलबा निकलवाया जाए।

7. नगर पालिका सीमा का विस्तार कर क्षेत्र को नगरीय सुविधाएं मिलें।

बोले बाशिंदे

नाले में गंदगी और मलबा जमा है। ठेकेदार ने सफाई नहीं कराई। जलभराव सबसे बड़ी समस्या है। नाला साफ कराया जाए। -शिवम द्विवेदी

मेरे घर के सामने समेत हर गली में गंदगी है। न तो कचरा उठता है, न ही कोई सफाई कर्मी आता है। गंदगी पसरी रहती है। -दीपक

बारात घरों से निकलने वाले कचरे की कोई सफाई नहीं होती। अक्सर यह पूरे मोहल्ले में फैल जाता है। इसे रोका जाना चाहिए। -विशाल

रात में तेज लाउडस्पीकर से बुजुर्गों और बच्चों की नींद खराब होती है। जानते हुए भी प्रशासन चुप बैठा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। -अनूप

कोई भी जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी नहीं मानता। एक-दूसरे पर टाल देते हैं। जनप्रतिनिधि आकर जमीनी हकीकत देखें। -रतिराम

गेस्टहाउस में कार्यक्रमों के दौरान सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी हो जाती हैं। इससे पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। -अमितेष

मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। डेंगू और मलेरिया का खतरा मंडरा रहा है। मोहलले में फॉगिंग महीनों से नहीं हुई। -हनी गुप्ता

बारात घरों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। प्रशासन को सख्ती कर इन्तजाम कराने चाहिए। ताकि दिक्कतें न हों। -सोनू गुप्ता

जब भी कोई शिकायत करता है, तो बजट की कमी का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। आखिर राहत कब मिलेगी। -अतिनेष

जनप्रतिनिधियों की भी जबावदेही तय की जाए। जिला प्रशासन, जिला पंचायत, ग्राम पंचायत की भी तो कोई जबावदेही है। -वीएस अग्निहोत्री

यहां के हालात देखकर नहीं लगता कि हम शहर में रह रहे हैं। यहां तो नागरिक सुविधाओं का घोर अभाव है। -नईम

बारात घरों का कचरा सुबह तक फैला रहता है, जिससे बदबू और गंदगी बनी रहती है। इसको समय से उठाया जाना चाहिए। -शफीक

सड़कें संकरी हैं। जब भारी वाहन आते हैं तो निकलना मुश्किल हो जाता है। जाम की समस्या आम हो चुकी है। -अमित श्रीवास्तव

कोई नगर पालिका कर्मचारी नहीं आता, हम ही अपने स्तर से सफाई कर्मचारी की व्यवस्था करवाकर मोहल्ले की सफाई करते हैं। -दिनेश गुप्ता

बोले जिम्मेदार

मोहल्ले का भ्रमण किया जाएगा। सफाई कर्मियों की टीम भेजकर सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी। सचिव और अन्य जिम्मेदारों से बात कर गलियों को दुरुस्त कराएंगे। मोहल्ले के लोगों की दिक्कतों को दूर कराया जाएगा। -विनय कुमार सिंह, डीपीआरओ

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