बेटियां घर की शान, सुसराल का मान-सम्मान:पंडित श्याम स्वरूप
Hapur News - -श्रीमती ब्रह्मादेवी सरस्वती बालिका विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में समर्थ शिशु श्रीरामकथा का चौथा दिन

मोदीनगर मार्ग स्थित श्रीमती ब्रह्मादेवी सरस्वती बालिका विद्या मन्दिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पांच दिवसीय समर्थ शिशु श्रीराम कथा जारी है। कथा के चौथे दिन शनिवार को किशोरी कथा के अन्तर्गत सीता विदाई के करूणाभरे प्रसंग के माध्यम से परिवार में बेटियों की महिमा का विस्तृत वर्णन किया।
पंडित श्याम स्वरूप मनावत ने कहा कि बेटियां पिता का पुण्य, पूर्वजों का आशीर्वाद, प्रभु का अनुग्रह, आंगन का आनन्द, उल्लास और उत्सव है। जिस घर में बेटी न हो, उस घर के तीज-त्यौहार शून्य होते हैं। बेटियां ससुराल का मान-सम्मान होती हैं। जब ससुर में उन्हें पिता, सास में मां, देवर में भाई, ननद में बहन दिखाई दे तो वे अपने पिता का घर भूलकर पूरी तरह से ससुराल को समर्पित हो जाती हैं। आज के मशीनीकरण के युग में मनुष्य भी अपने वृद्ध माता-पिता को भूलकर अपने सपनों को फलीभूत करने के लिए मशीन बनकर रह गया है।
उन्होंने बताया कि दूर की दुनिया को देखने के चक्कर में हमने अपने पास की रिश्तों की दुनिया को उजाड़ दिया है। दूसरों की गलती निकालने की अपेक्षा स्वयं के दोषों का निवारण करना अधिक उचित है। उन्होंने महर्षि कश्यप का चरित्र भी सुनाया। हिना बेन ठुम्मर संयोजिका अखिल भारतीय स्वर्णप्राशन ने बताया कि बाल्यावस्था में स्वर्ण प्राशन औषधि को पुण्य नक्षत्र में पिलाये जाने पर यह औषधि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता, दीर्घायु जीवन, बुद्धि, बल को बढ़ाती है। कार्यक्रम में स्वाति गर्ग व्यवस्थापिका, संजय गर्ग, हरीश मित्तल, अनिल अग्रवाल, हुकुमचन्द, शिवकुमार, नम्रता दत्त, जयेश त्रिवेदी, गोविन्द महन्त, प्रदीप, अवनीश भटनागर, कुलदीप कसाना, मीनाक्षी यादव प्रधानाचार्या एवं प्रबंध समिति के अनेक सदस्य मौजूद रहे।
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