गोरखनाथ में मालती लॉन के मालिक ने की खुदकुशी
Gorakhpur News - गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। गोरखनाथ इलाके के सुभाष चंद बोस नगर चौक के रहने वाले

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। गोरखनाथ इलाके के सुभाष चंद बोस नगर चौक के रहने वाले मालती लॉन के मालिक सुमित कुमार चौरसिया (40) ने गुरुवार की रात में किसी समय खुदकुशी कर ली, उन्होंने छत पर टीनशेड में प्लास्टिक की रस्सी से लोहे की पाइप में फंदा लगाकर यह कदम उठाया। मौत की जानकारी के बाद परिवार में कोहराम मच गया। जेब में मिले सुसाइड नोट में पत्नी और सास को खुदकुशी के लिए जिम्मेदार बताया। सूचना पर पहुंची गोरखनाथ पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी। पोस्टमार्टम के बाद राप्ती नदी के राजघाट पर शुक्रवार शाम को सुमित का अन्तिम संस्कार किया गया। छोटे भाई हिमांशु ने मुखाग्नि दी।
आरोप है कि पत्नी से रात में विवाद के बाद सुमित ने आत्मघाती कदम उठाया। पत्नी राखी ने बताया कि रात में साथ ही कमरे में सोए थे, वह किसी समय कमरे से निकल कर गए लेकिन जब उसे जानकारी हुई, तब खुदकुशी कर चुके थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सुमित की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद किया। सुसाइड नोट में उन्होंने इसके लिए पत्नी और सास के उत्पीड़न को जिम्मेदार बताते हुए भाई- बहन को अपनी जिम्मेदारी सौंपी।
ढाई साल और छह महीने की हैं बेटियां
सुभाष चंद बोस नगर चौक निवासी दिवंगत ईश्वर चंद चौरसिया के पुत्र सुमित की शादी 2021 में राप्तीनगर शाहपुर निवासी राखी के साथ हुई थी। दोनों से दो बच्चिया हैं। बड़ी बेटी ढाई साल की तो छोटी अभी छह महीने की है। बताया जा रहा है कि किसी बात को लेकर पति-पत्नी में हाल के कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। आरोप है कि बेटी को समझाने की जगह सास उसी का पक्ष लेती थी। इस वजह से कलह इस कदर बढ़ा कि सुमित ने खुदकुशी जैसा आत्मघाती कदम उठा लिया। घटना के बाद सुमित की मां व परिवार के अन्य लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है।
चार भाई और छह बहनों में आठवें नम्बर के थे सुमित
गोरखनाथ इलाके में स्थित मॉलती लॉन सुमित के ही परिवार का है। सुमित चार भाई और छह बहनों में आठवें नम्बर के थे। बड़े भाई अनिल (60), सुशांत (44) साल, सुमित (40) और सबसे छोटे हिमांशु हैं। सुमित से बड़ी छह बहनें लता, ज्योति, रंजना, संध्या, प्रीति और श्वेता हैं। सभी की शादी हो गई है और और वे अपने घर रहती हैं। अनिल फास्ट फूड की दुकान चलाते हैं और सुशांत प्राइवेट गाड़ी चलवाते हैं, दोनों अलग रहते हैं। जबकि सुमित और छोटा हिमांशु एक साथ मां के साथ रहते थे। हिमांशु एक कम्पनी में सुपरवाइजर था। जबकि सुमित वर्तमान में कुछ नहीं कर रहा था इसको लेकर घर में कलह होती थी। मां मालती देवी को एक सप्ताह पहले ही फालिज मार दिया है। हिमांशु ने बताया कि गुरुवार की रात में 12 बजे वह घर लौटा। मां मालती देवी की वही देखभाल करता है, लिहाजा सुबह उठा तो देखा की भाई ने खुदकुशी कर ली है। फिर पुलिस को सूचना दी।
सुसाइड नोट में मौत की वजह के साथ ही बेटी की शादी और घर की जिम्मेदारी भी सौंप गए सुमित
सुमित चौरसिया ने अपनी मौत की वजह पत्नी और सास को तो बताया ही, दोनों बच्चियों की शादी के साथ ही घर की जिम्मेदारी भी परिवार के अलग-अलग सदस्यों को सौंप कर दुनिया को अलविदा कहा। उन्होंने अपनी छह बहनों को बच्चियों के लिए अच्छे घर शादी कराने की जिम्मेदारी सौंपी, छोटे भाई को घर की जिम्मेदारी समझाते हुए बताया कि हिसाब-किताब की जानकारी दी।
मां से माफी मांगी और कहा कि मैं इसी परिवार में फिर जन्म लूंगा। पत्नी और सास से सुमित को इस कदर नफरत थी कि ससुराल के किसी भी व्यक्ति को अपनी लाश छूने देना तो दूर देखने भी न देने की बात कही। प्रापर्टी तो दूर घर से एक बालू का कण भी पत्नी को न मिले इसकी भी हिदायत दी।एक पन्ने के सुसाइड नोट में सुमित ने अपनी पूरी दास्तां बयां कर दी। यह भी बताने का प्रयास किया कि कलह किस हद तक पहुंच गई थी और उनकी पत्नी और सास क्या चाहती थीं?
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