पीओपी में बनेगा 10 बेड का आईसीयू, सर्जरी वार्ड में पांच बेड का एचडीयू
Gorakhpur News - अच्छी खबर बीआरडी मेडिकल कालेज - बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बढ़ेंगे वेंटीलेटर वाले बेड
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गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गंभीर मरीजों के इलाज के लिए बड़ी पहल होने जा रही है। मेडिकल कॉलेज में 15 बेड का सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) बनेगा। इसमें 10 बेड का वेंटिलेटर युक्त आईसीयू पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में बनेगा। जबकि सर्जरी वार्ड में पांच बेड का वेंटिलेटर युक्त हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) बनेगा। यह भी आईसीयू स्तर का ही होगा। इसके लिए शासन से मंजूरी मिल गई है।
ये दोनों आईसीयू सेंटर ट्रामा सेंटर में संचालित होंगे। इनका संचालन जनरल सर्जरी विभाग एनेस्थीसिया के साथ मिलकर करेगा। इसमें सर्जरी के गंभीर मरीज भर्ती होंगे। बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन के मुताबिक कॉलेज में अभी मेडिसिन के छह और एनेस्थीसिया के आठ वेंटिलेटर युक्त आईसीयू संचालित है। इसके अलावा 14 बेड का एक आईसीयू ट्रामा सेंटर में बना है। इसका संचालन सभी विभाग मिलकर करते हैं।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा दिक्कत जनरल सर्जरी विभाग के मरीजों को होती है। इस विभाग के लिए कोई आईसीयू नहीं है। अक्सर सर्जरी के बाद मरीज को पोस्ट ऑपरेटिव में आईसीयू की दरकार पड़ती है। इसको देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने यह पहल की है। ट्रामा सेंटर में ऑपरेशन थिएटर के पास बने पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड (पीओपी) में ही आईसीयू संचालित करने का फैसला किया गया है। यह 10 बेड का आईसीयू संचालन होगा। यहां सर्जरी के बाद मरीज भर्ती किए जाएंगे। जबकि ट्रामा के ग्राउंड फ्लोर पर बने 14 बेड के आईसीयू में सर्जरी से पहले मरीज भर्ती होंगे।
नाजुक हालत वाले मरीज होंगे भर्ती
वहां ऐसे मरीजों को भर्ती किया जाएगा, जिनको ट्रामा सेंटर में एंट्री के दौरान हालत नाजुक हो। उन्हें आईसीयू में स्टेबल करने के बाद ही सर्जरी की जाएगी। इसके अलावा जिन मरीजों की हालत कुछ स्थिर होगी, उनके लिए पांच बेड का हाई डिपेंडेंसी यूनिट संचालित किया जाएगा। यह सर्जरी वार्ड में होगा। इसमें वेंटीलेटर रहेंगे। यहां वहीं मरीज भर्ती रखे जाएंगे जिन्हें अधिकतम 24 घंटे वेंटिलेटर की आवश्यकता हो।
सर्जरी विभाग के लिए लंबे समय से आईसीयू की मांग की जा रही थी। अब यह मांग पूरी हो रही है। शासन की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया है। जल्दी उपकरणों की खरीद कर आईसीयू संचालित कर दिया जाएगा।
- डॉ रामकुमार जायसवाल, प्राचार्य
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