रोड डायरेक्टरी का काम पूरा, यूनिक आईडी का नाम अंतिम दौर में
Gorakhpur News - गोरखपुर नगर निगम सभी सड़कों और नालियों को यूनिक पहचान देने की प्रक्रिया मार्च तक पूरी करेगा। महानगर के 80 वार्डों में 2100 किलोमीटर सड़कों की डायरेक्टरी बन चुकी है। 25 फरवरी से यूनिक नंबर देने का काम...
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गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। नगर निगम क्षेत्र के सभी मकानों की तरह सभी सड़कों और बड़े, छोटे व मझोले नाला-नालियों को यूनिक पहचान देने की प्रक्रिया मार्च तक पूरी हो जाएगी। फिलहाल महानगर के 80 वार्डों में तकरीबन 2100 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों की डायरेक्टरी बनाने का काम पूरा चुका है। 25 फरवरी के उपरांत उन्हें यूनिक नम्बर देने का काम भी शुरू हो जाएगा। उसके बाद सभी बड़े, मझोले और छोटे नाला और नालियों को यूनिट आईडी देने का काम शुरू होगा। सभी सड़कों, नाला और नालियों के सेटेलाइट से मैपिंग और सत्यापन का काम पूरा किया जा चुका है। सेटेलाइट मैपिंग और यूनिक आईडी के फायदें
नगर निगम क्षेत्र में निजी सड़कों के अलावा विभिन्न सरकारी विभागों की सड़कें होती है। आम नागरिक जान ही नहीं पाते हैं कि किस सड़क के लिए किस विभाग को शिकायत करनी है। दूसरे,कई बार एक ही सड़क पर 02-02 विभाग निर्माण कार्य जाने-अनजाने में कर देते हैं। मामला सामने आने पर दोनों ही विभागों की किरकिरी होती है। तीसरे, कब कौन सी सड़क एवं नाली का पुन: निर्माण करना है, इसकी सटीक सूचना नहीं मिल पाती है। सड़क डॉमर वाली है या कंक्रीट की है। सड़क के साथ चौड़ीकरण के लिए कितनी जमीन उपलब्ध है। ताकि वहां पाथवेज, ग्रीन बेल्ट और ड्रेनेज की योजना बनाई जा सके। इसी तरह स्ट्राम ड्रेन, मेन ड्रेन, प्राइमरी ड्रेन, सेकेंडरी ड्रेन और टर्सियरी ड्रेन होती हैं। इन ड्रेन को भी यूनिक आईडी के साथ इनसे जुड़े सभी डाटा एक ही स्थान पर दर्ज हो जाएंगे। इससे भविष्य में इंजीनियरिंग संबंधी कार्यों और डीपीआर बनाने में सुविधा होगी। यह तय करना भी आसान होगा कि पहले किस सड़क और नाला निर्माण को प्राथमिकता में लिया जाए।
गोरखपुर नगर निगम की रोड डायरेक्टरी का काम तकरीन पूरा हो चुका है। इसी के संबंध में 25 फरवरी को रिमोट सेंसिंग एवं एप्लीकेशन सेंटर में बैठक है। उम्मीद है कि जल्द ही सड़कों यूनिक नम्बर देने के साथ नालियों को यूनिक नम्बर देने का काम पूरा हो जाएगा।
-संजय चौहान, मुख्य अभियंता नगर निगम
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