शोध प्रोजेक्ट बनाने की ट्रेनिंग देगा एम्स दिल्ली और आईसीएमआर
Gorakhpur News - गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल
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गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के विशेषज्ञ एम्स गोरखपुर को शोध प्रोजेक्ट बनाने की ट्रेनिंग देंगे। गोरखपुर एम्स में शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। इसके लिए दोनों संस्थानों के विशेषज्ञ दो फरवरी को एम्स गोरखपुर में जुटेंगे। इस ट्रेनिंग में शिक्षक, पीजी सहित एमबीबीएस के छात्र शामिल होंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि देश भर में जितने शोध होंगे, उतनी नई बीमारियों की जानकारियां मिलेंगी। इस पर नए-नए शोध की जरूरत है। इसे लेकर शोध को प्रोजेक्ट के रूप में तैयार करने की जरूरत होती है। इसी शोध प्रोजेक्ट के लिए एम्स दिल्ली और आईसीएमआर दिल्ली के विशेषज्ञ एम्स गोरखपुर को ट्रेनिंग देने आएंगे। ट्रेनिंग में शोध के लिए प्रोजेक्ट बनाना, उस पर होने खर्च, किन-किन तथ्यों का इस्तेमाल करना है आदि की जानकारी दी जाएगी। एम्स के मीडिया सेल के डॉ. यू वेंकटेश ने बताया कि एम्स गोरखपुर में शोध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। एमबीबीएस छात्र से लेकर पीजी के छात्र भी शोध कर रहे हैं।
इन छात्रों, शिक्षकों को शोध प्रोजेक्ट बनाने की ट्रेनिंग एम्स दिल्ली और आईसीएमआर के विशेषज्ञ देंगे। इसके लिए दो फरवरी को प्रशिक्षण कार्यक्रम तय है। इस ट्रेनिंग के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर आईसीएमआर सहित अन्य संस्थानों के साथ मिलकर एम्स गोरखपुर शोध प्रोजेक्ट बनाएगा। उम्मीद है कि शोध प्रोजेक्ट अगर पास होते हैं, तो पूर्वांचल सहित प्रदेश में एम्स शोध का बड़ा केंद्र बनेगा। क्योंकि, एम्स गोरखपुर में पूर्वांचल सहित बिहार, नेपाल के मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में कई नई-नई बीमारियों की जानकारी भी होती है।
आठ करोड़ रुपये मिले हैं शोध के रूप में
डॉ. यू वेंकटेश ने बताया कि नए एम्स की तुलना में एम्स गोरखपुर में शोध को लेकर बड़े-बड़े प्रोजेक्ट मिले हैं। आईसीएमआर के साथ एक शोध के लिए चार करोड़ से अधिक रुपये मिल चुके हैं। जबकि, आठ करोड़ से ज्यादा अप्रूव हो चुके हैं। यूजी के 10 छात्रों को शोध के लिए 50-50 हजार रुपये रिसर्च ग्रांट के लिए मिला है। जबकि, एमडी, एमएस के 33 छात्र पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च कर रहे हैं। देश भर में 98 शोध प्रोजेक्ट में दो प्रोजेक्ट एम्स गोरखपुर को भी मिला है, जो एम्स गोरखपुर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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