गूगल मैप ने फिर दिया दगा, दोस्त से मिलने जा रहे युवक को खेत में पहुंचाया, लुट गई कार
गूगल मैप ने एक बार फिर दगा दे दिया। गलत जानकारी के चलते एक कार गेहूं के खेत में घुस गई। मदद के नाम पर कार खेत से बाहर निकालने वाले युवक ही उसे लेकर फरार हो गए। हालांकि अगले दिन सुबह कार घटनास्थल से 300 मीटर की दूरी पर पुलिस ने बरामद कर ली।
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एक बार फिर गूगल मैप ने धोखा दे दिया। दरअसल गूगल मैप पर गलत जानकारी के चलते एक कार गेहूं के खेत में घुस गई। मदद के नाम पर कार खेत से बाहर निकालने वाले युवक ही उसे लेकर फरार हो गए। हालांकि अगले दिन सुबह कार घटनास्थल से 300 मीटर की दूरी पर पुलिस ने बरामद कर ली। चार दिन तक मामले को संदिग्ध बताने के बाद आखिरकार पुलिस ने तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
मेरठ के शास्त्रीनगर निवासी फिरोज पांच फरवरी को अपने साथी नौशाद के साथ कार से शामली जा रहा था। नौशाद के मुताबिक उसे मुजफ्फरनगर स्थित रोहाना टोल प्लाजा पर अपने परिचित लियाकत से मिलना था। जिसके चलते वह रात नौ बजे वहां पहुंच गए लेकिन लियाकत ने उसे शामली-करनाल चौक से सहारनपुर रोड पर चलने को बोला और अपनी लोकेशन भेज दी। फिरोज के मुताबिक गूगल मैप की लोकेशन के सहारे चलते-चलते वह गलत रास्ते पर आ गया, रास्ता भटकने के बाद वह वापस हाईवे पर लौटने के लिए कार बैक चलाने लगा इस दौरान गांव जड़ौदा जट्ट मोड़ स्थित एक गेहूं के खेत में कार खेत में नीचे उतरकर फंस गई। इस दौरान वह काफी देर तक प्रयास करता रहा देर रात तकरीबन दो बजे उसे रास्ते में बाइक सवार दो युवक आते दिखाई दिए, उसने उन युवकों से मदद मांगी।
युवकों ने कार को खेत से निकालने के लिए अपने साथियों को फोन कर बुला लिया। आरोप है कि खेत से कार निकालने के दौरान ड्राइविंग सीट पर बैठा युवक कार लेकर फरार हो गया, जबकि अन्य साथी बाइक से उसके साथ ही फरार हो गए। फिरोज के मुताबिक घटना की जानकारी 112 पर पुलिस को दी। पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए पूछताछ के लिए उसे ही हिरासत में ले लिया।
कोतवाली प्रभारी बीनू चौधरी ने बताया कि कार घटना स्थल से 300 मीटर की दूरी पर गांव जड़ौदा रोड के तिराहे पर ही खड़ी मिल गई थी। घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी को पुलिस खंगाल रही है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामला कार फाइनेंस का तो नहीं
पुलिस को शक है कि मामला कार फाइनेंस का हो सकता है। पुलिस की मानें तो कार भी घटनास्थल के निकट से ही बरामद हो गई थी। कार में रखा सामान भी वैसा ही रखा मिला। ऐसे में जब कार लूट का प्रकरण नहीं बना और कार सवार की बात में विरोधभास सामने आया, इसके चलते मामले को कार फाइनेंस से जोड़कर भी जांच की जा रही है।
इस मामले में एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि कार अगले दिन ही घटनास्थल के पास खड़ी मिल गई थी। मामला संदिग्ध है। शुरूआती जांच में सामने आया है कि लूट की कहानी बताने वाले कार को गबन करना चाह रहे थे। मामले की जांच की जा रही है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।