तेज धूप से सूखने की कगार पर हैं फसलें
Gangapar News - मांडा क्षेत्र के किसान ठंड और तेज धूप से फसलों को बचाने को लेकर चिंतित हैं। किसानों का कहना है कि क्षेत्र में नहरों का जाल है, लेकिन पानी नहीं है। गेहूं, चना, मटर, सरसों आदि फसलों की सिंचाई आवश्यक है,...
मांडा, हिन्दुस्तान संवाद। ठंड कम पड़ने और तेज धूप से किसानों में फसलों को बचाने की चिंता है। किसानों का कहना है कि क्षेत्र में नहरों का जाल है लेकिन पानी किसी में नहीं है। सिंचाई हो जाती तो फसलों का बचाना आसान हो जाता।
किसानों ने बताया कि गेहूं, चना, मटर, सरसों अरहर आदि फसलों की सिंचाई बेहद आवश्यक है। जनपद के दक्षिणी पहाड़ी भूभाग में स्थित मांडा विकास खंड के उपरौध पहाड़ पर बसे डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतों में सिंचाई का एकमात्र साधन उपरौध राजबहा से संबंधित नहरें हैं। उपरौध राजबहा से मांडा क्षेत्र में कुल छह माइनरों के माध्यम से सौ किमी लंबी नहरों का जाल है। मुख्य रूप से दसवार माइनर के माध्यम से निनवार मिर्जापुर जनपद से मांडा क्षेत्र की नहरों में पानी तब छोड़ा जाता है, जब मिर्जापुर जनपद के सिरसी जलाशय के अधिकारियों द्वारा पानी की आपूर्ति की जाती है। नियमतः जुलाई से 15 अगस्त तक सभी नहरों की साफ सफाई हो जानी चाहिए, लेकिन मांडा क्षेत्र के किसानों का दुर्भाग्य है कि अभी तक दसवार मुख्य नहर की सफाई और मरम्मत का ही काम पूरा न हो पाने से उपरौध राजबहा के किसी भी नहर में पानी नहीं आ पाया है।
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