पुरानी गाड़ी खरीदने-बेचने वालों संग नहीं हो पाएगा फ्रॉड, यूपी सरकार को परिवहन विभाग ने भेजा ये प्रस्ताव
- यूपी में पुरानी गाड़ी खरीदने-बेचने वालों संग फ्राड नहीं हो पाएगा। सेंकड हैंड कार/बाइक डीलर्स व कंपनियों को वाहन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यूपी सरकार को परिवहन विभाग ने प्रस्ताव भेजा है।
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उत्तर प्रदेश में पुरानी गाड़ी खरीदने-बेचने वालों के साथ अब फ़्रॉड नहीं हो पाएगा। पुराने वाहन खरीदने और बेचने के बीच होने वाली धोखाधड़ी से जल्द राहत मिलेगी। सेंकड हैंड कार/बाइक डीलर्स व कंपनियों को वाहन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। परिवहन विभाग ने मोर्थ (रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्ट्री) के नोटिफिकेशन के बाद प्रस्ताव शासन भेजा है। इससे सेकंड हैंड गाड़ियों की खरीदी-बिक्री में पारदर्शिता आएगी।
वर्तमान में ज्यादातर डीलर वाहन बेचने वालों से खाली सेल लेटर पर सिग्नेचर ले लेते हैं, जबकि गाड़ी हाथो-हाथ न बिक कर, इसे बिकने में कुछ समय लगता है। इस बीच में गाड़ी का प्रयोग करने पर वाहन मालिक को इसकी जानकारी नहीं होती, लेकिन नये नियम के अनुसार, अब डीलर को कार खरीदने से पहले गाड़ी अपने नाम करानी होगी। ताकि मालिक की जिम्मेदारी खत्म हो सके।
डिफॉल्टर तय करने में होने वाली परेशानी दूर होगी
मोर्थ ने केंद्रीय मोटरयान वाहन नियम 1989 के अध्याय तीन में संशोधन किया है। इससे गाड़ी के ट्रांसफर में होने वाली रुकावट, थर्ड पार्टी से बकाया वसूलने संबंधी विवाद, डिफॉल्टर तय करने में होने वाली परेशानी दूर होगी। डीलर्स को अब रीसेल के लिए आए प्रत्येक कार व बाइक को वाहन पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यूज्ड कार खरीदने के दौरान रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर, कार मालिक की जानकारी और थर्ड पार्टी से नुकसान की भरपाई जैसे कई बातें है, जिनके कारण बायर और सेलर दोनों परेशान होते हैं। ऐसे में नये नियम से वाहन की खरीदी-बिक्री में होने वाली धोखाधड़ी से बचाव होगा।