बोले फिरोजाबाद: नौकरी में सहूलियत और बैंक ऋण में आसानी की दरकार
Firozabad News - फिरोजाबाद में युवाओं ने आरसेटी सेंटर पर स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण लिया है। लेकिन उनके मन में चिंता है कि क्या उन्हें सरकारी नौकरी मिलेगी और बैंकों से समय पर लोन मिलेगा। युवा चाहते हैं कि सरकार उन्हें...
फिरोजाबाद। आरसेटी सेंटर पहुंचकर रोजगार की तलाश को पूरा कर लिया। विभिन्न ट्रेडों में स्वरोजगार शुरू करने के लिए प्रशिक्षण पा रहे युवाओं के मन में एक सवाल कौंध रहा है कि प्रशिक्षण के बाद उनको सरकारी नौकरी मिल पाएगी या नहीं। बैंकों से लोन समय पर मिल जाएगा या उनकी फाइलों को आमजन की तरह अटकाया जाएगा। इसको लेकर शासन और प्रशासन से एक ही गुहार लगाई जा रही है कि उनको हर हाल में बैंकों से लोन मिल जाए और हो सके तो सरकारी नौकरियों में वरीयता देने का काम किया जाए।
परिवार की स्थिति देखी, दूसरों के यहां पर काम करके देख लिया। कोई प्राइवेट शिक्षक बनकर स्कूल में कुछ हजार की पगार पा रहा था तो दूसरों के यहां पर नौकरी करते हुए रोजाना के ताने सुनने को मिल रहे थे। मन में विचार आया कि ऐसा काम डाला जाए जिससे किसी की सुननी भी नहीं पड़े और अपने मालिक खुद बन जाएं। आरसेटी सेंटर पर आकर जब हुनरमंदर होने के लिए बात की तो कई ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद खुद का रोजगार डालने की बात कही। फिर क्या था किसी ने फ्रिज मैकेनिक बनने का सपना देखा तो किसी ने एसी मैकेनिक बनकर खुद का सेंटर खोलने की तैयारी कर ली। किसी ने कंप्यूटर एकाउंटेंट बनकर सरकारी नौकरी करने या अपना कंप्यूटर सेंटर खोलने की सोच पाली।
विभिन्न ट्रेडों में हुनरमंद बन गए लेकिन जब बैंकों के आगे फाइल पहुंचाई तो अटकाई गई। तरह तरह की क्वेरी लगा दी जाती है। जिनको लोन आसानी से मिल जाता है वे अपना रोजगार आगे बढ़ाने में लगे हैं।बैंकों के अलावा अगर युवाओं द्वारा सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई किया जाता है तो दूसरों को नौकरी मिल जाती है। ऐसे में युवा चाहते हैं कि उनको वरीयता मिले। इसके अलावा सरकार उनको लोन दिलाने में नियमों को सरल करे और नौकरियों में उनके प्रशिक्षण के दौरान कंपनियों को भेजकर कैंपस इंटव्र्यू कराकर उनको नौकरी दिलवाए। युवाओं की यह दरकार सरकार कब पूरी करेगी इसको लेकर सरकार और प्रशासन से आस लगाई जा रही है।
बैंकों द्वारा नहीं दिया जाता 18 से 21 वालों को ऋण
युवक युवतियों ने बताया कि कई बार हाईस्कूल और इंटर या बीए, बीएससी करने के बाद हुनर पाने के लिए आरसेटी की विभिन्न ट्रेडों की ट्रेनिंग कर ली जाती है। इन ट्रेनिंग को करने के लिए जब आ जाते हैं और जब बैंकों में ऋण के लिए एप्लाई किया जाता है तो पता चलता है कि 18 से 21 तक के युवाओं को बैंकों द्वारा ऋण नहीं दिया जाता है। जब हम हुनर पा रहे हैं तो हमको बैंकों द्वारा ऋण में वरीयता भी देनी चाहिए।
इनका दर्द है गहरा
सरकारी तौर पर हमें प्रशिक्षण मिल रहा है। हमें ऐसी जानकारियां दी जा रही हैं जिससे हम अपने कारोबार को आसानी से चला सकते हैं। पहले दिक्कत जरूर आएगी लेकिन अगर काम जम जाएगा तो फिर कारोबार आगे ही बढ़ेगा।
-संगम
लड़कियों को आसानी से परिवार वाले प्रशिक्षण में नहीं भेजते अगर हास्टल की बात हो तो परिवार को लगता है कि वह कैसे रह रही होगी। इसलिए किसी वाहन की व्यवस्था करके हमें प्रशिक्षण केंद्र तक लाने की व्यवस्था की जाए।
-रिया
सरकार को चाहिए कि हमें विभिन्न ट्रेडों में हुनरमंद बना दिया है। बस अब हमारे हुनर को निखारने के लिए बैंकों से लोन आसानी से मिल जाए ताकि हम अपने ट्रेड के अनुसार काम को डालकर आगे बढ़ा सकें। सरकारी मदद इसके लिए बेहद जरूरी है।
-पूनम
सरकार द्वारा युवाओं के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। आरसेटी पर आकर पता चला कि हम खुद के कारोबार को चला सकते हैं। अब मन में एक ही शंका है कि ट्रेनिंग करने के बाद कारोबार के लिए बैंक लोन मिलेगा या फिर नहीं।
-राधा
सरकार को चाहिए कि वह सरकारी नौकरियों में हमें वरीयता दिलाने का काम करे। इससे हमें सरकारी नौकरियों में जाने में आसानी हो जाएगी। संविदा पर नौकरी करने के दौरान तमाम तरह की दिक्कतें आती हैं। इसलिए सरकारी नौकरी जरूरी है।
-श्यामू
सरकार प्रशिक्षण दिला रही है तो नौकरी के लिए भी व्यवस्था कर दे। इससे नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और प्रशिक्षण के दौरान किसकी जैसी काबीलियत है इसके अनुसार नौकरी देने के लिए सरकार का मापदंड तय हो जाना चाहिए।
-तरन सविता
मैं चाहता हूं कि स्वयं का जनसेवा केंद्र खोलूं। इसके लिए कंप्यूटरों की जरूरत होगी और बैंक के लोन की। इसलिए जब प्रशिक्षण पूरा हो जाए तो प्रशासन द्वारा बैंकों से लोन दिलाने में पूरी मदद हो जाए। हर प्रशिणार्थी को ऐसी व्यवस्था हो।
-अनिल बघेल
प्रशिक्षण पाने के बाद सबसे महत्वपूर्ण है परिवार का सपोर्ट। इसके बिना हम अपने कारोबार को शुरू नहीं कर सकते। परिवार में रुपयों का अभाव आने पर दूसरा सपोर्ट प्रशासन का होना चाहिए जो बैंकों से समय पर लोन की व्यवस्था करा दे।
-बबली
हम खुद आत्मनिर्भर बन जाएंगे तो अपने बच्चों को बेहतर सुविधा देने का काम करेंगीं। प्रशिक्षण से या तो नौकरी पाएंगीं या खुद का कारोबार होगा। कम से कम दूसरों के आगे हाथ फैलाने की जरूरत तो महसूस नहीं होगी।
-खुशबू शर्मा
प्रशिक्षण के बाद नौकरी मिलना जरूरी होता है। सरकार द्वारा इसके लिए इंतजाम करने चाहिए और हर सेक्टर में आरसेटी के प्रशिक्षणार्थियों के लिए नौकरी की व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे हमको भटकना नहीं पड़ेगा।
-प्रतीक्षा
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